जयपुर भ्रमण पर निकले गणेश जी महाराज, ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित थी शोभायात्रा की थीम

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जयपुर। मोती डूंगरी गणेश जी मंदिर से श्री गणेश जन्मोत्सव के अंतर्गत गज पूजन के साथ 38 वीं शोभायात्रा की शुरुआत हुई। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजन लाल ने आरती कर शोभायात्रा को रवाना किया । शोभायात्रा में आगे ध्वज लिए हाथी को रवाना किया गया। इसके साथ ही शोभायात्रा में 4 हाथी, 11 ऊंट और 21 घोड़े लवाजमे में शामिल हुए ।

शोभायात्रा की थीम ऑपरेशन सिंदूर पर आधारित थी। इसी के साथ शोभायात्रा में 50 से अधिक झांकियों का संचालन किया गया। भव्य शोभायात्रा में राम मंदिर में गणेशजी का तांडव नृत्य, रामलला के दर्शन, राम-रावण युद्ध, महाभारत का लेखन, शिव-पार्वती के प्रसंग, माता वैष्णो देवी दरबार की झांकी बनाई गई। यह शोभायात्रा गुरुवार शाम चार बजे मोती डूंगरी से रवाना हुई जो मोती डूंगरी रोड, जौहरी बाजार, त्रिपोलिया बाजार से गणगौरी बाजार होते हुए ब्रह्मपुरी से नाहरगढ़ की पहाड़ी पर विराजमान गढ़ गणेश मंदिर पर समाप्त हुई। इस शोभायात्रा के साथ मोती डूंगरी मंदिर के नौ दिन के गणेश जन्मोत्सव का समापन हुआ।

शोभायात्रा के संयोजक भानु प्रताप ने बताया- गुलाबी नगरी की यह परंपरा हर साल भक्तों के लिए आकर्षण का केंद्र रहती है। इस बार शोभायात्रा में भक्तों को आध्यात्मिक और सांस्कृतिक दोनों अनुभव मिलता है। शोभायात्रा में सबसे आगे हाथी पर गामा पहलवान निशान ध्वज लेकर मौजूद रहे। इसके पीछे ऊंट-घोड़े और बैंड बाजे के साथ चलते रहे।

50 से अधिक झांकियों का हुआ संचालन

इस बार शोभायात्रा में 50 से अधिक झांकियां शामिल हुईं। पारंपरिक हाथी-घोड़े-ऊंट के लवाजमे से लेकर धार्मिक, ऐतिहासिक और समकालीन प्रसंगों को दर्शाती झांकियां सजाई गईं। इसमें ‘ऑपरेशन सिंदूर’ और एस-400 मिसाइल की झांकी भी शामिल हुई। झांकियों में भगवान गणेश के विभिन्न स्वरूपों के साथ-साथ अयोध्या राम मंदिर में रामलला के दर्शन, राम-रावण युद्ध, महाभारत का लेखन, शिव-पार्वती के प्रसंग, माता वैष्णो देवी दरबार, महाकाल, छत्रपति शंभाजी महाराज, केदारनाथ धाम, शेखावाटी की सांस्कृतिक झलक और संत परंपराओं को भी प्रदर्शित किया गया।

मंदिर समिति के अनुसार, भगवान गणेश की झांकियां स्वचालित तकनीक से भी सजाई गई। इनमें गणेशजी का तांडव नृत्य, रिद्धि-सिद्धि संग नृत्य, मूषक पर सवारी, महाकाल रूप, और मोबाइल की लत से दूर रहने का संदेश जैसी झलकियां प्रमुख रहीं। एक झांकी में भगवान शंकर की पीठ पर गणेश जी सवारी करते हुए दिखाए गए। काशी की प्रसिद्ध मसाने की होली की झांकी भी सजाई गई। गणेश जी के महाभारत लिखने की झांकी सजाई गई। इस झांकी में आदि शिव को भी दिखाया गया है।

शोभायात्रा समिति के संयोजक भानु प्रताप ने बताया- इस बार बहुत विशेष झांकियों का आयोजन किया गया है। इसमें ऑपरेशन सिंदूर की झांकी और मिसाइल एस 400 भी शामिल है। यह वही मिसाइल है, जिसने पाकिस्तान में जाकर तबाही मचाई। इसके अलावा राजस्थान की संस्कृति को दिखाती हुई झांकी भी शामिल की गई है। इसमें त्रिपोलिया गेट से निकलने वाली तीज माता की सवारी की झांकी भी शामिल है।

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