जयपुर। भारतीय सेना में अग्निवीर बनने का सपना देख रहे युवाओं को ठगने वाले एक बड़े गिरोह का पर्दाफाश हुआ है। अलवर पुलिस, मिलिट्री इंटेलिजेंस और सीआईडी (विशेष शाखा) की संयुक्त कार्रवाई ने इस रैकेट का भंडाफोड़ किया है, जो मेडिकल और शारीरिक परीक्षणों में अनफिट होने वाले अभ्यर्थियों को पास कराने का झूठा वादा कर लाखों रुपए ऐंठ रहे थे। पुलिस ने गिरोह के दो मुख्य आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
ज़िला पुलिस अधीक्षक सुधीर चौधरी ने बताया कि 5 से 22 अगस्त तक अलवर में चल रही अग्निवीर भर्ती रैली के दौरान, युवाओं को ठगी से बचाने के लिए विशेष सतर्कता बरती जा रही थी। इसी दौरान पुलिस थाना अरावली विहार को एक युवक से शिकायत मिली।
पीड़ित ने बताया कि उसे जुनैद खां नामक व्यक्ति ने मेडिकल में पास कराने के नाम पर 1 लाख रुपए मांगे थे और 50 हजसा रुपए एडवांस ले भी लिए थे। जुनैद ने उसे भरोसा दिलाया था कि उसकी ऊपर तक अच्छी पहचान है। जब युवक शारीरिक टेस्ट में ही अनफिट हो गया और उसने अपने पैसे वापस मांगे, तो जुनैद ने साफ इनकार कर दिया।
शिकायत मिलते ही पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। वृत्ताधिकारी उत्तर शहर अंगद शर्मा के मार्गदर्शन में गठित टीम ने जुनैद और उसके साथी सुनील कुमार की तलाश शुरू की। गहन छानबीन के बाद दोनों आरोपियों जुनैद खां पुत्र दलखां मेव (25) निवासी अलावडा थाना रामगढ जिला अलवर और सुनील कुमार पुत्र जगदीश (46) निवासी पाई थाना जुरहैरा जिला डीग हाल होडल जिला पलवल हरियाणा को धर दबोचा गया।
पूछताछ में जुनैद ने बताया कि वह अलवर में एक एकेडमी और पीजी चलाता है। ये दोनों मिलकर युवाओं को अपने जाल में फंसाते थे और अपने साथियों विष्णु फौजी व रतिराम बैंसला के साथ मिलकर ठगी करते थे। वे खुद को फौजी बताकर और अधिकारियों से जान-पहचान होने का दावा कर युवाओं से पैसे ऐंठते थे।
एसपी चौधरी ने बताया कि इन आरोपियों से पूछताछ में और भी कई बड़े खुलासे होने की उम्मीद है, जिससे इस गिरोह के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो सकेगा। यह कार्रवाई उन सभी युवाओं के लिए एक बड़ी चेतावनी है जो शॉर्टकट के चक्कर में अपनी मेहनत की कमाई गंवा देते हैं।
इस सफल ऑपरेशन को अंजाम देने वाली टीम में थानाधिकारी रामेश्वर लाल, उपनिरीक्षक भगवान सिंह, कांस्टेबल हवासिंह और प्रथ्वीराज शामिल थे। इसके अतिरिक्त उपनिरीक्षक थाना कोतवाली रोहित, एएसआई कामस खां, हैड कांस्टेबल जान मोहम्मद और कांस्टेबल नरेन्द्र कुमार (टीम वृत्ताधिकारी वृत्त उत्तर शहर) ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। इस कार्रवाई में मिलिट्री इंटेलिजेंस और सीआईडी (विशा) जिला अलवर का सहयोग भी सराहनीय रहा।