जयपुर। विद्याधर नगर स्टेडियम में गुरुवार को देवराहा बाबा गौसेवा परिवार की ओर से गौ महाकुंभ 2025 का शुभारंभ हुआ। यह महाकुंभ 7 सितम्बर तक चलेगा। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्जवलन से हुई। मुख्य अतिथि को शॉल ओढाकर बुके भेंट कर स्वागत किया गया।
मुख्य अतिथि पूर्व राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा गाय को भारतीय संस्कृति में मां का दर्जा प्राप्त है उनको लेकर इस तरह के आयोजन होते हैं ये सराहनीय कदम है। इसी तरह गौ माता को अर्थव्यवस्था से जोड़ना भी एक तरह से अच्छा कदम है। गौ महाकुंभ 2025 परंपरा और प्रौद्योगिकी का संगम है।
आध्यात्मिक प्रवक्ता सद्गुरु रितेश्वर महाराज ने कहा कि गाय हमारी सनातन संस्कृति का मुख्य आधार है। गाय का इतना बड़ा आयोजन करने वालों पर गौमाता की कृपा बरस रही है। जहां गौमाता से संबंधित कोई कार्य होता है उसमें किसी सहयोग की जरूरत नहीं पड़ती बल्कि गौमाता के आशीर्वाद से ही सब कार्य पूर्ण हो जाते हैं। राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा किसानों की मदद कर रहे हैं ये सुनकर बहुत अच्छा लग रहा है। सदगुरु रितेश्वर महाराज ने इसके पूर्व में 33 करोड़ आहुतियों के संकल्प के साथ गौ पुष्टि महायज्ञ की शुरुआत की, जिसमें सवा लाख आहुतियां का कार्यक्रम चल रहा है।
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने कहा कि प्रचीन काल में हमारे पूर्वजों का प्रकृति नदी पहाड गौमाता आदि से लगाव था। कृषि प्रधान देश होने के नाते भारत की कृषि में गौमाता का विशेष योगदान है। बैलों से सिंचाई कार्य होता था। आधुनिकता के इस दौर में कृषि क्षेत्र गौण होता चला गया इसी का परिणाम कि आज प्राकृतिक असंतुलन बढ़ रहा है।
शारीरिक स्वास्थ्य खत्म होता जा रहा है परन्तु अब पुन:इसी कड़ी में पौराणिक संस्कृति की तरफ लौटने के लिए ये गौ महाकुंभ का आयोजन किया गया है। गौमाता के माध्यम से विभिन्न उत्पादों के सृजन का शोध भी किया जा रहा है। भारत सरकार और मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशन में राजस्थान सरकार भी इस दिशा में विशेष प्रयास कर रही है। मुख्यमंत्री ने पिछले बजट सत्र में जो किसान भाई बहन के माध्यम से खेती करेंगे उन्हें 25 हजार का अनुदान देने की घोषणा की है। निश्चित रूप से इससे गौ संरक्षण में वृद्धि होगी और भारत देश में खुशहाली का दौर वापस आएगा।
देवराहा बाबा गौसेवा परिवार के राष्ट्रीय प्रचारक संजय शर्मा ने कहा कि गौ महाकुंभ केवल इवेंट नहीं है ये गौ आधारित अर्थव्यवस्था की एक विचारधारा है। इस विचारधार की शुरुआत आज राजस्थान की गुलाबी नगरी से हुई है। देवराहा बाबा गौसेवा परिवार पिछले 9 सालों से गायों के संरक्षण की मुहिम सिद्धेश्वर ब्रह्मर्षि गुरुदेव की प्रेरणा से चला रहा है। दो गायो से परिवार शुरु हुआ था। इस मुहिम को समाज के सामने लाकर एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है। गाय दया का विषय नहीं है।
गाय सनातन संस्कृति और प्राचीन भारत की अर्थव्यवस्था में मूल आधार रही है। कॉर्पोरेट कल्चर में हम गायों को लाकर विभिन्न उत्पादों, चिकित्सा पद्धति और संस्कृति को जीवित रखने का कार्य करेंगे।
मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ सत्यप्रकाश वर्मा ने कहा गौ महाकुंभ में बताएंगे गौ संरक्षण किस तरह किया जाए। हम कई वर्षों से गौ संरक्षण पर काम कर रहे हैं लेकिन गाय केवल हमारे लिए गोशाला का विषय रह गई है। हमारा लक्ष्य उनसे दूर है। गाय का गौबर, दूध, गौमूत्र हमारे जीवन में बेहद उपयोगी जिनसे कपास, जैविक खाद, आधुनिक पशुपालन की तकनीक और गौ स्टार्टअप्स विकसित हो रहे हैं। इनकी जानकारी गौ महाकुंभ में दी जाएगी।
आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक और गौसेवक शंकर जी ने कहा देशी गाय के उपयोग से हम स्वस्थ और निरोगी रह सकते हैं। गाय के धार्मिक पहलू से हम पहले से अवगत हैं लेकिन आर्थिक पहलू पर ध्यान दिए बिना गाय का संवर्धन नहीं हो सकता है। गाय के विकास में एसबीआई भी हमारा सहयोगी जिसकी मदद से 2 से 10 करोड़ रुपये तक का लोन आसानी से मिल जाता है। डेयरी, फूड प्रोसेसिंग, पशुपालन किसी भी तरह का कार्य हो उसमें मदद मिल जाती है।
कार्यक्रम में महापौर कुसुम यादव, वृंदावन से आए संजीव कृष्ण ठाकुर महाराज, आरएसएस के वरिष्ठ प्रचारक और गौसेवक शंकर जी, भाजपा के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज, राजस्थान ग्रामीण बैंक के जनरल मैनेजर श्याम सिंह, एसबीआई के डीजीएम रविशंकर, शिवव्रत जी, गौ महाकुंभ के चेयरमैन डॉ लालसिंह,समन्वयक मृदुल शर्मा, सदस्य डॉ युद्धवीर सिंह बलवदा, डॉ अशोक कुमावत, एस. बी नवरंग , सुरेन्द्र अवाना, पूरण चौधरी, भरत राजपुरोहित , मनीष जैन समेत अन्य गणमान्य मौजूद थे।