बालिका शिक्षा का दिया संदेश, भ्रूण हत्या पर किया कटाक्ष

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Gave message of girl education, made sarcastic remark on female foeticide
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जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की ओर से आयोजित तीन दिवसीय जयपुर नाट्य समारोह का शुक्रवार को समापन हुआ। अंतिम दिन नाटक ‘गुड्डी एंड द सिटी ऑफ अनबॉर्न किड्स’ खेला गया। प्रस्तुत नाटक मुख्य रूप से राजस्थान के प्रसिद्ध नाटककार तपन भट्ट की दो अलग-अलग कहानियों और लघु नाटकों को मिलाकर किया गया एक अनूठा प्रयोग है, जिसे दर्शकों ने काफी सराहा। नाटक का निर्देशन डॉ. सौरभ भट्ट ने किया।

नाटक के आरम्भ में शिक्षा और बचपन नामक दो पात्र आते हैं और आपस में बात करते हुए दोनों एक दूसरे को एक एक कहानी सुनाते हैं। पहली कहानी गांव की एक सीधी-सादी लड़की गुड्डी की है, जो पढ़ना चाहती है, लेकिन उसे पढ़ाया नहीं जाता। बाद में उसी गांव के एक शिक्षक द्वारा गुड्डी के माता-पिता को समझाया जाता है और उसके बाद गुड्डी की पढ़ाई शुरू होती है और फिर गुड्डी उसी गाँव में अफसर बनकर आती है। जबकि दूसरी कहानी भ्रूण हत्या पर करारा व्यंग्य रही।

बेटी बचाओ और महिला शिक्षा का संदेश देने वाले इस नाटक में दर्शकों को एक ऐसा वीभत्स शहर भी देखने को मिला, जहां सिर्फ वे बच्चे रहते हैं, जिन्हें जन्म लेने से पहले ही गर्भ में मार दिया जाता है।

नाटक में कम से कम प्रॉप्स और और सेट का प्रयोग किया गया। नाटक की खूबसूरती यह रही कि इस नाटक में दो अलग अलग कहानियों में अलग-अलग दृश्य बने किन्तु एक बार भी फेडआउट का प्रयोग नहीं किया गया। साथ ही ये नाटक ने सशक्त उदाहरण पेश किया कि हम समाज को ‘थिएटर इन एजुकेशन’ के माध्यम से किस तरह शिक्षित कर सकते हैं और सही मायनों में “थिएटर इन एजुकेशन” यानि शिक्षा में रंगमंच को आधुनिक शिक्षा के साथ क्यूँ जोड़ना आवश्यक है।

विशाल भट्ट, झिलमिल भट्ट, सरगम, निधि सिंह, मोहित कृष्णा, अभिनय, पाखी, अनुज, हर्ष, अम्बिका और माधव ने मंच पर विभिन्न किरदार साकार किए। नम्रता भट्ट ने मंच सामग्री और प्रॉप्स, आसिफ शेर अली और अभिषेक झाँकल ने मंच सज्जा, शहजोर अली ने प्रकाश संयोजन की व्यवस्था संभाली।

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