सामूहिक साधना की शक्ति से देश को विकसित बनाने के लिए महा अनुष्ठान प्रारंभ करेगा गायत्री परिवार

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Gayatri Parivar will start a Maha Anushthan to develop the country with the power of collective sadhana
Gayatri Parivar will start a Maha Anushthan to develop the country with the power of collective sadhana

जयपुर। देश पर छाए आंतरिक और बाह्य संकटों के समाधान तथा भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए अखिल विश्व गायत्री परिवार साधना का महा अनुष्ठान शुरू करने जा रहा है। इसमें सभी को शामिल होने का भाव भरा आह्वान किया जाएगा। इस महा अनुष्ठान का संदेश देने के लिए शांतिकुंज हरिद्वार से सात ज्योति कलश आए हैं।

ज्योति कलश छह नवंबर को पुष्कर से प्रदेश के पैतालीस हजार गांवों के लिए रवाना होंगे। गायत्री परिवार के युवा मनीषी डॉ. चिन्यम पंड्या सात रथों की पूजा कर रवाना करेंगे। महानुष्ठान में शामिल होने के लिए पूरे प्रदेश में करीब पांच किलो पीले चावल किए गए हैं। गायत्री परिवार के कार्यकर्ता बाईस सितंबर से से घर-घर जाकर पीले चावल वितरण का कार्य शुरू करेंगे।

इस महा अनुष्ठान से राष्ट्र को सुरक्षित करने के लिए एक महा रक्षा कवच तैयार किया जाएगा। साथ ही व्यक्तिगत जीवन में कष्ट, कठिनाईयां भी कम होंगी। दैविक अनुदान-वरदान भी मिलेंगे। बसंत पंचमी-2026 को साधना की पूर्णाहुति के उपलक्ष्य में अलग-अलग क्षेत्र में विशाल यज्ञ होगा। इसमें मंत्र लेखन की पुस्तक और अंशदान की राशि जमा कराई जा सकेगी।

गायत्री परिवार प्रमुख प्रणव पंड्या के अनुसार आज के युग के कालनेमियों ने समाज की चल रही सुव्यवस्था को तहस-नहस करने की ठान रखी है। पूरा विश्व बारूद के ढेर पर बैठा है। एक जरा सी चिंगारी विश्व को विश्व युद्ध की ओर धकेल सकती है। लाखों व्यक्ति युद्धो में मर चुके है। लाखों निर्दोष व्यक्ति बेघर हो चुके है। रोजाना बच्चियों से बलात्कार कर बर्बर तरीकों से हत्या की घटनाएं सामने आ रही है। समाज को जाति और वर्ग के नाम पर बांटने की साजिश हो रही है।

नैतिक मूल्यों में गिरावट आती जा रही है। प्राकृतिक आपदाओं से जनहानि हो रही है। मानवता को इस महाविनाश से बचाने के लिए अखंड दीप के 100 वर्ष पूरे होने तक तथा भगवती देवी शर्मा की जन्म शताब्दी तक अर्थात बसंत पंचमी-2026 तक अखिल विश्व गायत्री परिवार समूचे राष्ट्र में एक महा अनुष्ठान चलाने जा रहा है। इसके तहत घर-घर में साधना का वातावरण निर्मित किया जाएगा।

लोग प्रतिदिन एक माला गायत्री मंत्र, या गायत्री चालीसा का पाठ या एक पेज गायत्री मंत्र लेखन के विकल्पों में से कोई एक विकल्प चुन कर साधना प्रारंभ कर सकते हैं। साधना की पूर्णाहुति बसंत पंचमी- 2026 को होगी। जीवन मे कभी अर्थ का अभाव न देखना पड़े इसके लिए न्यूनतम एक मुट्ठी अनाज अथवा एक रुपया रोज का अंशदान निकालते भी रहना होगा।

गायत्री परिवार राजस्थान के प्रभारी ओमप्रकाश अग्रवाल ने बताया कि गायत्री परिवार के सूत्र संचालक पं. श्रीराम शर्मा ने बसंत पंचमी-1926 से आंवलखेड़ा स्थित अपने घर की एक कोठरी में एक अखण्ड दीपक प्रज्वलित कर 24 लाख गायत्री महामंत्र के 24 महापुरश्चरण के संकल्प के साथ साधना प्रारंभ की। यह दीपक उनकी साधना पूर्ण होने के बाद भी शांतिकुंज हरिद्वार में 98 वर्ष से अखंड प्रज्वलित है।

दो साल बाद 2026 में इसे 100 वर्ष पूरे हो जाएंगे। पं. श्रीराम शर्मा की सहधर्मिणी भगवती देवी शर्मा का जन्म भी 1926 में हुआ था। वे जीवन पर्यन्त युग निर्माण आंदोलन को चरम पर पहुंचाने में लगी रहीं और गायत्री परिवार का संचालन करती रही। पूरे विश्व में अश्वमेध यज्ञों का संचालन किया। उनकी जन्म शताब्दी भी 2026 में ही आ रही है।

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