जयपुर। नेटथियेट कार्यक्रम की श्रृंखला में आज ग़ज़ल सांझ कार्यक्रम में उभरते ग़ज़ल सिंगर सलीम अहमद ने अपनी मखमली आवाज़ में सुप्रसिद्ध शायरो की गजलों का गुलदस्ता पेश कर मौसिकी से रूबरू कराया ।
नेटथियेट के राजेन्द्र शर्मा राजू बताया कि कलाकार सलीम ने अपने कार्यक्रम की शुरूआत शमीम जयपुरी की गजल अभी ये धूप निकलने के बाद सोया है, तमाम रात तुझे याद करके रोया है से की । इसके बाद उन्होंने शायर दाग साहब की गजल दिल को क्या हो गया खुदा जाने, क्यू है उदास क्या जाने और मेरा गुलशन ए मुहब्बत तो उजड चुका है जब अपनी पुरकशिश आवाज में इन गजल को सुनाया तो दर्शक वाह-वाह कर उठे और अंत में एक राजस्थानी गीत चंद्राला तू सो जा रे सो जा मैं जागूं सारी रात सुनाकर राजस्थानी संस्कृति से रूबरू कराया और अपनी गायिकी का परिचय दिया।
इनके साथ तबले पर सैफ अली सारंगी पर अमीरुद्दीन खां और गिटार पर नावेद खान ने अपनी उंगलियों जादू दिखाकर गजल की इस महफिल को परवान चढाया। कार्यक्रम का संचालन कथक गुरु राजेंद्र राव ने किया।
कार्यक्रम संयोजन नवल डांगी, कार्यक्रम में इम्पीरियल प्राइम कैपिटल के कला रसिक मनीष अग्रवाल की ओर से कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। कैमरा मनोज स्वामी, संगीत संयोजन सागर विनोद गढवाल, मंच सज्जा अंकित शर्मा नानू व जिवितेश शर्मा की रही।