श्रीमद्भभागवत कथा के पांचवें दिन गोवर्धन लीला प्रसंग संपन्न

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Govardhan Leela episode concluded on the fifth day of Shrimadbhagvat Katha
Govardhan Leela episode concluded on the fifth day of Shrimadbhagvat Katha

जयपुर। शास्त्रीनगर के रांका पैराडाइज में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पंचम दिन व्यासपीठ से उमेश व्यास ने कहा कि हमें हमारी संस्कृति नहीं छोडऩी चाहिए। विश्व की सबसे सुंदर वेशभूषा भारतीय है। और सबसे सुंदर भाषा है हमारी मातृभाषा हिंदी है। इसी में प्रेम, श्रद्धा और भक्ति की भावना झलकती है। उन्होंने कहा कि भगवान से प्रेम करो तो ऐसा करो जैसे दूध और पानी।

दोनों को मिला दे तो अलग नहीं कर सकते। गोवर्धन लीला प्रसंग में कहा कि मनुष्य को प्रकृति से प्रेम करना चाहिए। प्रकृति की सुंदरता हमें आनंद और शांति प्रदान करती है। कथा के आयोजक कन्हैयालाल एवं कांता देवी ने भगवान को छप्पन भोग लगाकर गोवर्धन भगवान की आरती की। रविवा को कथा का विश्राम होगा।

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