जयपुर। आईआईएस (डीम्ड टू बी यूनिवर्सिटी), जयपुर में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस “इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन बायोटेक्नोलॉजी एंड नैनोटेक्नोलॉजी” का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसके पश्चात आईआईएस विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर प्रो. टी. एन. माथुर ने स्वागत भाषण दिया।
मुख्य अतिथि के रूप में डॉ. अमुल्या के. पांडा, एसोसिएट डायरेक्टर, पैनासिया बायोटेक एवं पूर्व निदेशक, नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ इम्यूनोलॉजी (नई दिल्ली) उपस्थित रहे। अपने प्रेरणादायक संबोधन में उन्होंने “वैक्सीन एंड इम्यूनोथेरेपी यूजिंग नैनोटेक्नोलॉजी” विषय पर व्याख्यान देते हुए बताया कि कैसे नैनोपार्टिकल-आधारित वैक्सीन प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया को सशक्त बनाती हैं और कैंसर इम्यूनोथेरेपी में सहायक सिद्ध हो रही हैं।
प्रो. पी. जे. जॉन, डीन, फैकल्टी ऑफ साइंस ने सम्मेलन के उद्देश्यों और मुख्य विषयों पर प्रकाश डाला, जबकि डॉ. के. एस. शर्मा ने विश्वविद्यालय की उन्नत शोध संरचना और डीबीटी व सीएसआईआर जैसी अग्रणी संस्थाओं से प्राप्त सहयोग की जानकारी दी।
पहले दिन “न्यू एरा मेडिसिन” सत्र का संचालन डॉ. प्रशांत सिंह द्वारा किया गया, जिसमें डॉ. राहुल शुक्ला (एनआईपीईआर, रायबरेली) ने नैनो-कैरियर आधारित ड्रग डिलीवरी में नवाचारों पर व्याख्यान दिया। वहीं डॉ. कमलेश कुमारी (दिल्ली विश्वविद्यालय) ने जीनोमिक मेडिसिन और नैनो-डिलीवरी सिस्टम में हो रही प्रगति पर अपने विचार साझा किए।
दूसरे सत्र “जीनोमिक मेडिसिन, नैनो-डिलीवरी सिस्टम्स एंड वैक्सीन टेक्नोलॉजी” में प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों ने नवीन अनुसंधान कार्यों की प्रस्तुति दी। दोपहर के बाद हुए सत्रों में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से ओरल प्रेजेंटेशन आयोजित किए गए, जिनका मूल्यांकन डॉ. सुरेंद्र निमेश, डॉ. राहुल शुक्ला और डॉ. विवेक वर्मा द्वारा किया गया।
कार्यक्रम की संयोजक प्रो. स्रीमयी चटर्जी ने औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। यह अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस आने वाले दो दिनों तक बायोटेक्नोलॉजी और नैनोसाइंस के नवीनतम आयामों पर केंद्रित विभिन्न सत्रों के माध्यम से ज्ञानवर्धक चर्चाओं का मंच प्रदान करेगी।



