गुप्त नवरात्रि 6 जुलाई से प्रारंभः मां भगवती की होगी गुप्त साधना

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Shakti will be worshiped in every house during Chaitra Navratri
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जयपुर। आषाढ़ शुक्ल प्रतिपदा छह से पन्द्रह जुलाई तक गुप्त नवरात्र में मां भगवती की गुप्त साधना होगी। गुप्त नवरात्र में मां दुर्गा का आगमन अश्व पर होगा। तंत्र साधना के लिए गुप्त नवरात्र का विशेष महत्व है। गुप्त नवरात्र का समापन पन्द्रह जुलाई (भड़ल्या नवमी) को होगा। इस तिथि को अबूझ मुहूर्त माना जाता है, इस कारण इस दिन विवाह, मुंडन, गृह प्रवेश, भूमि पूजन जैसे शुभ काम मुहूर्त देखे बिना ही किए जा सकते हैं।

इसके चलते आमेर की शिला माता, मनसा माता, पुरानी बस्ती के रुद्र घंटेश्वरी, घाटगेट श्मशान स्थित काली मंदिर, दुर्गापुरा स्थित दुर्गामाता मंदिर में गुप्त नवरात्र में विशेष अनुष्ठान होंगे। मां काली के उपासक इस अवधि में रात्रि को तंत्र साधना करेंगे।

ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि गुप्त नवरात्रा में नौ महाविद्याओं मां काली, तारा, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, छिन्नमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, मां बगलामुखी, मातंगी देवी की साधना की जाती है।
उल्लेखनीय है कि साल में चार नवरात्रि होते है। चौत्र और आश्विन में प्रकट नवरात्रि तथा आषाढ़ और माघ मास में गुप्त नवरात्र होते हैं।

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