जयपुर। महाप्रज्ञ इंटरनेशनल स्कूल में 17 नवंबर 2024, रविवार को जयपुर ज्ञानशाला का वार्षिकोत्सव अत्यंत हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। यह आयोजन मुनि तत्त्वरूचि ‘तरुण’ एवं मुनि संभव कुमार के पावन सान्निध्य में आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ नवकार महामंत्र के साथ हुआ। ज्ञानशाला जयपुर संयोजिका रितु जैन ने अपने स्वागत वक्तव्य से किया। इस समारोह में 150 से अधिक ज्ञानार्थियों ने हिस्सा लिया, जिन्होंने सांस्कृतिक प्रस्तुतियों के माध्यम से धार्मिक ज्ञान, नैतिक मूल्यों और संस्कारों का परिचय दिया। इन प्रस्तुतियों ने सभी उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कार्यक्रम में श्रावक-श्रविकाओं की भी उल्लेखनीय भागीदारी रही।
विशिष्ट अतिथि के रूप में चौमू की उपखंड अधिकारी कनक छाजेड़ ने अपनी गरिमामयी उपस्थिति दर्ज कराई। उन्होंने ज्ञानशाला से प्राप्त संस्कार एवं इसकी कार्यशैली की प्रशंसा करते हुए इसे समाज के लिए प्रेरणादायक बताया। सभाध्यक्ष शांतिलाल जी गोलछा एवं मंत्री सुरेंद्र सेखानी ने भी ज्ञानशाला के महत्व को उजागर किया एवं सभी अभिभावकों को अपने बच्चों को ज्ञानशाला में भेजने की प्रेरणा दी।
मंगल उद्बोधन में मुनि तत्त्वरूचि “तरुण” ने अपने प्रवचनों में संस्कार, अनुशासन और शिक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए नैतिक शिक्षा को जरूरी बताया। इस अवसर पर ज्ञानशाला के ज्ञानार्थियों और प्रशिक्षिकाओं को उनके ज्ञानशाला में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए सम्मानित भी किया गया। ज्ञानशाला से संबद्ध सभी प्रशिक्षिकाओं एवं सभी संयोजकों का कार्यक्रम को सफल बनाने में अथक श्रम रहा।
कार्यक्रम का समापन सौरभ जैन के प्रेरणादायक वक्तव्य के साथ हुआ। कार्यक्रम का कुशल संचालन प्रीति पारख एवं तारा सांड ने बहुत ही सुंदर तरीके से किया। आभार ज्ञापन ज्ञानशाला के आंचलिक सहसंयोजक “श कमलेश जी बरड़िया” ने किया। इस आयोजन ने सभी उपस्थित जनों को आध्यात्मिक और नैतिक प्रेरणा प्रदान की।