जयपुर। हर साल भाद्रपद शुक्ल तृतीया के दिन मनाया जाने वाला यह व्रत इस बार 26 अगस्त (मंगलवार) को पूरे श्रद्धा और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस दिन विवाहित महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं और अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि की कामना करती हैं।
आचार्य गौरी शंकर शर्मा बोरखेड़ा ने बताया कि हरितालिका तीज पर सर्वार्थ सिद्धि, शोभन,गजकेसरी और पंच महापुरुष जैसे चार शुभ योग बन रहे हैं। इस दिन शंकर-पार्वती की बालू की मूर्ति बना कर पूजन किया जाता हैं। सुन्दर वस्त्रों,कदली स्तम्भों से घर को सज्जा कर नाना प्रकार के मंगल गीतों से रात्रि जागरण करना चाहिए।
इस व्रत को करने वाली महिलाएं पार्वती के समान सुखपूर्वक पति का स्नेह पाकर शिवलोक को जाती हैं। ‘हरतालिका’ का शाब्दिक अर्थ हैं ‘हरत’ अर्थात हरण करना और ‘आलिका’ अर्थात् सखी,सहेली। पूजा का शुभ समय सुबह 9:14 से दोपहर बाद 02:02 तक हैं।