जर्जर भवन में चल रहे स्वास्थ्य केंद्र और आंगनबाड़ी

0
298

जयपुर। मुरलीपुरा वार्ड- 16 में एक जर्जर भवन से चार सरकारी केंद्र संचालित हो रहे हैं। इस भवन में आयुर्वेदिक, होम्योपैथिक, यूनानी चिकित्सालय और आंगनबाड़ी केंद्र चल रहे हैं। होम्योपैथिक और यूनानी डिस्पेंसरी को एक छोटे कमरे में चलाया जा रहा है। मरीजों के बैठने की उचित व्यवस्था नहीं है। अधिकतर मरीजों को खड़े रहकर इलाज करवाना पड़ता है। इससे बुजुर्ग और वरिष्ठ नागरिकों को विशेष परेशानी होती है।

भवन की हालत बेहद खराब है। दीवारें और छत जर्जर हो चुकी हैं। बारिश के मौसम में छत और दीवारों से पानी टपकता है। इससे रखी दवाइयां खराब हो जाती हैं। आंगनबाड़ी कक्ष की दीवारों में करंट आने से बच्चों और नागरिकों की सुरक्षा जोखिम में है।

स्थानीय नागरिकों ने समाज सेविका रेखा जैन को बताया कि इस समस्या को लेकर कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को शिकायत की गई है। लेकिन अभी तक कोई स्थायी समाधान नहीं निकला है। अधिकारी कई बार इस जगह का मौका मुआयना कर चुके है। लेकिन फिर भी किसी प्रशासनिक अधिकारी ने इस जर्जर भवन के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया।

समाजसेवी नीरज जैन ने बताया कि की प्रतिदिन यहां पर सैकड़ों की संख्या में अपना इलाज करवाने के लिए मरीज आते है और उन्हे एक लंबी कतार की में घंटो खड़े रहकर अपनी बारी का इंतजार करना पड़ता है। यहां पर मरीजों को बैठने की कोई उत्तम व्यवस्था भी नहीं है। इस भवन की छत का प्लास्टर भी गिरने लगा है और दीवारों में भी काफी दरार है। जिससे बरसात के दिनों में पानी टपकता है। भवन के चारों ओर सीलन है । जिसके चलते कई कंरट भी आता है।

कभी भी हो सकता हादसा

नीरज जैन ने बताया कि एक ही भवन में चार सरकारी केंद्र संचालित हो रहे है। ऐसी जर्जर अवस्था में ये भवन कभी भी जमीदोंज हो सकता है और बड़े हादसे का रुप धारण कर सकता है। दीवारों में सीलन के कारण प्लास्टर खराब हो चुका है और अपने -आप ही प्लास्टर दीवारों से अपनी जगह छोड़ रहा है। वही पुराने जमाने के बिजली के तारों में भी कंरट आने लगा है जो यहां आने वाले बच्चों के साथ स्टाफ और मरीजों की लिए बड़ा संकट पैदा कर सकता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here