June 28, 2025, 2:40 pm
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जयपुर सहित बीस शहरों में झमाझम बारिश: बिजली गिरने से बच्चे सहित दो की मौत

जयपुर। प्रदेश में प्री मानसून की बारिश दौर लगातार जारी है। बारिश का एरिए में भी बढ़ता जा रहा है। मंगलवार को प्रदेश के जयपुर सहित करीब बीस शहरों में बारिश हुई। बारिश के दौरान बिजली गिरने से एक बच्चे सहित दो लोगों की मौत हो गई। मंगलवार को सबसे ज्यादा बारिश पिलानी में हुई। इसके अलावा चूरू में दो और जयपुर में डेढ़ इंच बारिश दर्ज की गई। बारिश के दौरान भरतपुर के बयाना में गांव कपूरा ढहर में बिजली गिरने से किसान की मौत हो गई।

डीग के खोह थाना क्षेत्र के गांव नगला महारानियां में बिजली गिरने से 8 साल के बच्चे की मौत हो गई। वहीं, उसका दोस्त झुलस गया। करौली के नादौती उपखंड के धौलेटा गांव के कोली मोहल्ले में मंगलवार सुबह चार बजे तेज आंधी चली। इससे 11 केवी हाईटेंशन लाइन का तार टूटकर सिंगल फेस घरेलू सप्लाई लाइन पर गिर गया। इससे कई घरों में अचानक हाई वोल्टेज करंट दौड़ गया। लोहे के पलंग पर सो रहे सात लोग झुलस गए। चार की हालत गंभीर है।

मौसम विभाग के अनुसार मंगलवार को अजमेर, भरतपुर, जयपुर, पिलानी, चित्तौड़गढ़, डबोक, बाड़मेर, जोधपुर, चूरू, संगरिया, जालौर, फतेहपुर, करौली, माउंट आबू, दौसा, लूणकरणसर, हनुमानगढ़ सहित कुछ अन्य स्थानों पर बारिश दर्ज की गई। बाड़मेर और जैसलमेर को छोड़कर मंगलवार को बाकी शहरों का दिन का पारा 40 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया। 41.4 डिग्री के साथ बाड़मेर और 31.2 डिग्री के साथ फलौदी की रात सबसे गर्म रही। जैसलमेर का दिन का पारा 41 डिग्री दर्ज किया गया।

मानसून के लिए बनी अनुकूल परिस्थितियां, 20 को दक्षिण राजस्थान में एंट्री संभव

प्रदेश में मानसून के आगमन को लेकर अनुकूल परिस्थितियां बनी हुई है। मानसून की एंट्री के साथ ही दक्षिण पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश की संभावना है। मंगलवार को दक्षिण-पश्चिम मानसून गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड के कुछ हिस्सों तथा ओडिशा, पश्चिम बंगाल के शेष सभी भागों में आगे बढ़ गया है। वर्तमान में मानसून की उत्तरी सीमा उड़ीसा, इंदौर, पचमढ़ी, मंडला, अंबिकापुर, हजारीबाग, सुपौल से होकर गुजर रही है।

मंगलवार को दक्षिण पश्चिम बांग्लादेश और उससे सटे गंगीय पश्चिम बंगाल पर निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। इसके आगामी 24 घंटों के दौरान धीरे-धीरे पश्चिम उत्तर पश्चिम दिशा में गंगीय पश्चिम बंगाल की और आगे बढ़ने व अधिक स्पष्ट होने की संभावना है। एक अन्य कम दबाव का क्षेत्र गुजरात और आसपास के इलाकों पर बना हुआ है। इसके अगले 24 घंटों के दौरान लगभग उत्तर की ओर (दक्षिणी राजस्थान की और) बढ़ने की संभावना है। इस तंत्र के प्रभाव से राज्य के दक्षिणी भागों में मानसून के आगामी 1-2 दिनों में प्रवेश करने की प्रबल संभावना है।

मेघ गर्जन, आकाशीय बिजली चमक के साथ राज्य के कुछ भागों में आगामी दिनों में हल्के से मध्यम बारिश की गतिविधियां जारी रहने की संभावना है। आगामी 4-5 दिन उदयपुर, कोटा संभाग में कहीं-कहीं भारी बारिश होने की संभावना है। पूर्वी राजस्थान के कुछ भागों में 21 से 23 जून के दौरान बारिश की गतिविधियों में और बढ़ोतरी होने की प्रबल संभावना है। मानसून के आगे बढ़ने के इस क्रम में आगामी दिनों मेघ गर्जन के साथ कहीं-कहीं वज्रपात होने की भी प्रबल संभावना है।

सोमवार को पूर्वी राजस्थान में अनेक स्थानों पर, पश्चिमी राजस्थान में कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन और वज्रपात के साथ हल्की से मध्यम वर्षा दर्ज की गई, पूर्वी राजस्थान में कहीं कहीं भारी वर्षा दर्ज की गई। सर्वाधिक वर्षा सीकर में 74 मिलीमीटर दर्ज की गई| राज्य के अधिकांश भागों में हवा में आर्द्रता औसत मात्रा 60 से 100 प्रतिशत के मध्य दर्ज की गई।

जयपुर में झमाझम बारिश, सड़कों पर भरा पानी, ड्रेनेज सिस्टम की खुली पोल

जयपुर में मंगलवार को झमाझम बारिश हुई। बारिश के बाद सड़कों पर पानी भर गया। इससे वाहन चालक परेशान होते रहे। प्री मानसून की मध्यम बारिश ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की कलई खोल दी। बारिश के बाद शहर में कुछ स्थानों पर एक से दो फीट तक पानी भर गया। जयपुर में मंगलवार को 37.4 मिमी बारिश दर्ज की गई। बारिश से जयपुर के दिन के तापमान में गिरावट तो वहीं रात के पारे में बढ़ोतरी दर्ज की गई।

जयपुर में बारिश का दौर अलसुबह शुरू हुआ था जो कि रुक-रुक कर दोपहर बाद तक चलता रहा। जयपुर के दिन के तापमान में 1.8 डिग्री की गिरावट तो वहीं रात के तापमान में 1.4 डिग्री की बढ़ोतरी दर्ज की गई। जयपुर का अधिकतम तापमान 34.1 और न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री दर्ज किया गया।

जेडीए की लापरवाही ने बढाई शहरवासियों की मुसीबत

प्री मानसून की पहली मध्यम बारिश के बाद जेडीए की लापरवाही आमजन के लिए मुसीबत बन गई। राजधानी जयपुर के कई हिस्सों में सड़कें खुदी पड़ी है। बारिश के बाद इन गड्‌ढों में पानी भर गया, जिनमें फंसने से चौपहिया वाहनों में नुकसान हुआ। जयपुर के मानसरोवर, जगतपुरा, शास्त्रीनगर, सीकर रोड सहित अन्य इलाकों में सड़कें खुदी पड़ी है। जेडीए को इन सड़कों को बारिश से पूर्व सहीं करना था, लेकिन जेडीए अधिकारियों ने इन पर ध्यान हीं नहीं दिया।

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