हिंदू दर्शन व चिंतन ही विश्व की सभी समस्याओं का समाधान हैं : भाग्येश भाई झा

0
65

जयपुर। हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान, जयपुर के तत्वावधान में शनिवार को एक निजी होटल खासा कोठी, जयपुर में एक महत्वपूर्ण प्रबुद्ध जन गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस गोष्ठी में मुख्य वक्ता के रूप में भाग्येश भाई झा(चेयरमेन, गुजरात साहित्य अकादमी, सेवा निवृत्त आईएएस) एवं बाबूलाल (प्रांत प्रचारक, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ) उपस्थित रहे। कार्यक्रम में झा ने “भारत का भविष्य, मानवीय मूल्य एवं प्रौद्योगिकी” विषय पर अपने विचार रखे।

वहीं बाबूलाल ने विकसित भारत बनाने में हिन्दुत्व की भूमिका विषय पर विस्तृत उद्बोधन दिया। कार्यक्रम का संचालन हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान राजस्थान के पदाधिकारियों के सानिध्य में किया गया। कार्यक्रम में भागेश भाई झा ने बताया की सनातन संस्कृति एवं तकनीकी के सामंजस्य से ही शांति रहेगी । भारत वह देश है जहाँ आध्यात्मिकता के आधार पर संस्कृति के मूल तत्व निर्धारित है । हमारे यहाँ मनुष्य और प्रकृति का सदैव तादात्म्य रहा है । सर्वे भवन्तु सुखिन और वसुधैव कुटुंबकम जैसे मूल विचार हमारे देश की धरोहर है और इसी कारण हमारा देश विश्व कल्याण और मार्गदर्शन का ध्वजवाहक रहेगा ।

चेयरपर्सन किशोर रुंगटा ने कहा की जागो हिंदू जागो। समाज के हर वर्ग को हमारे उपेक्षित , वनवासी और गरीब के सहयोग में आगे आना चाहिए। प्रांत प्रचारक श्री बाबूलाल ने बोला कि विकसित भारत यानि अपने स्व पर अभिमान , जीवन में स्वदेशी का उपयोग , नागरिक कर्तव्यों का पालन ,परिवार व्यवस्था को सुदृढ़ बनाते हुए आर्थिक उन्नति होगी ।

उन्होंने कहा कि भारत में जनसंख्या असंतुलन हेतु परिवार स्तर पर बैठक हो और इसके समाधान खोजने होंगे । हिंदू आध्यात्मिक एवं सेवा संस्थान राजस्थान के सचिव सोमकान्त शर्मा ने हिंदू जीवन पद्धति पर जोर देकर समाज को पुनः भारतीय परंपराओं को आत्मसात करने का आह्वान किया । उन्होंने बताया कि हिंदू मठ मंदिर और अनेकानेक सामाजिक संस्थाएं जो सामाजिक चेतना और उत्थान का कार्य कर रही है उन्हें समाज में प्रदर्शित करना , उनके कार्य को समाज के बीच लेकर जाना हमारा लक्ष्य है।

गोष्ठी में उपस्थित प्रबुद्धजन और समाज के विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े प्रतिनिधियों ने विचार विमर्श में सक्रिय भागीदारी की। वक्ताओं ने युवाओं की भूमिका, भारतीय संस्कृति के मानवीय मूल्यों और आधुनिक विज्ञान-प्रौद्योगिकी के बीच संतुलन पर जोर दिया।

संस्थान के चेयरमैन किशोर रूंगटा, उपाध्यक्ष डॉ. एम. एल. स्वर्णकार ,अध्यक्ष सीए सुभाष चन्द्र बापना, उपाध्यक्षा डॉ शीला अग्रवाल , सचिव सोमकांत शर्मा और कोषाध्यक्ष दिनेश पीतलिया सहित बड़ी संख्या में गणमान्य लोग उपस्थित रहे। यह गोष्ठी भारतीय समाज में सकारात्मक सोच, सांस्कृतिक जागरण और राष्ट्र निर्माण की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल साबित हुई।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here