गोविन्द देव जी मंदिर में रचना झांकी के साथ होली उत्सव प्रारंभ

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Holi festival started with Rachana tableau in Govind Dev Ji temple
Holi festival started with Rachana tableau in Govind Dev Ji temple

जयपुर। आराध्य देव गोविंददेव जी मंदिर में 23 फरवरी को होली उत्सव का शुभारंभ हुआ। महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में रविवार को ठाकुरजी के दरबार में रचना झांकी के साथ इसका श्रीगणेश हुआ। दोपहर साढ़े बारह से पौने एक बजे तक विशेष रचना झांकी के दर्शन हुए । प्रथम दिन प्रथम पूज्य गणेश जी , रिद्धी-सिद्धी तथा अन्य मांगलिक चिह्न बनाए गए।

रचना झांकी में 25 तरह की प्राकृतिक गुलाल का उपयोग किया गया। नव निर्वाचित भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़, नव निर्वाचित शहर अध्यक्ष अमित गोयल, पूर्व सांसद नारायण पंचारिया ने ठाकुर जी के दर्शन किए। मंदिर सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने ठाकुर जी की छवि भेंट की। हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य भी मौजूद रहे। अब होली तक नित्य प्रति रंग-बिरंगी गुलाल से ठाकुर जी की विभिन्न लीलाओं के दर्शन कराए जाएंगे। ठाकुर जी की लीलाओं के साथ पर्व पर विशेष रचना झांकी भी सजाई जाएगी।

गोविंद देवजी मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि दूसरे चरण में छह दिन तक लगातार रंगारंग सांस्कृतिक आयोजन होंगे। इन छह दिनों में डेढ़ सौ से अधिक कलाकार फाल्गुनी प्रस्तुतियां देंगे। इनमें स्थानीय कलाकारों के साथ शेखावाटी, हाड़ौती, कोलकाता के कलाकार भी होंगे। 7 से 9 मार्च तक होलिकोत्सव का आयोजन होगा।

इसमें जयपुर के स्थानीय कलाकार और मंडल फाल्गुनी भजनों की प्रस्तुतियां देंगे। मंदिर के सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में तीन दिवसीय होलिकोत्सव में तीनों दिन सौ से अधिक कलाकार ठाकुर श्रीजी के समक्ष भजनों और नृत्य से हाजिरी लगाएंगे। कार्यक्रम रोजाना दोपहर 12:30 से शाम 4:30 बजे तक होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रम में अपराह्न 3 से 4:30 बजे तक रचना झांकी के दर्शन होंगे।

फूलों की होली होगी आकर्षण का केन्द्र:

मंदिर के सत्संग भवन में 10-11 मार्च को मार्च को पुष्प फागोत्सव मनाया जाएगा। भजन सम्राट बाल व्यास श्रीकांत शर्मा के भजनों पर राधा-कृष्ण, गोपी-ग्वाल के स्वरूप दोपहर एक से शाम साढ़े चार बजे तक पुष्प फाग खेलेंगे। रचना झांकी का समय अपराह्न 3 से 4:30 बजे तक रहेगा। इस कार्यक्रम का जयपुरवासियों को बेहद चाव रहता है। इसमें प्रोफेशनल कलाकारों के साथ घरानों की बहू-बेटियां भी भाग लेती हैं। मयूर नृत्य और लठमार होली इस आयोजन का मुख्य आकर्षण होता है।

होली पद गायन 12 मार्च को:

होली पद का विशेष कार्यक्रम 12 मार्च को होगा। कोलकाता के मालीराम शर्मा दोपहर एक से शाम 4:30 बजे तक भजनों की स्वर लहरियां बिखरेंगे। मंदिर निज प्रांगण में गुलाल होली राजभोग आरती के बाद मनाई जाएगी।

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