जय क्लब में शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का शुभारंभ

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Inauguration of Shiv Mahapuran Katha Gyan Yagya in Jai Club
Inauguration of Shiv Mahapuran Katha Gyan Yagya in Jai Club

जयपुर। गुलाबी नगरी में सी-स्कीम स्थित जय क्लब में सात दिवसीय श्री शिव महापुराण कथा ज्ञान यज्ञ का सोमवार को कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ। 101 कन्याएं एवं महिलाएं अपने सिर पर कलश धारण कर पांच बत्ती स्थित श्री नृसिंह मंदिर से कलश यात्रा शुरू की। यात्रा विभिन्न मार्गों से होते हुए कथा स्थल पहुंची। कलश यात्रा के दौरान ऋषिवर किरीट भाई ने समाज में शांति और मानवता की भावना को बढ़ावा देने की बात कही।

मुख्य आयोजक नारायण दास तीर्थानि ने बताया कि कथा स्थल पर पहुंचने से पहले कलश यात्रा का जगह-जगह पुष्प वर्षा के साथ स्वागत किया गया। कथा के प्रथम दिवस कथा वाचक महाराज किरीट भाई ने कहा कि शिवमहापुराण के अनुसार परमात्मा वो स्वतंत्र शक्ति है जो कृपा अवश्य ही करती है।

यदि सच्चे आस्था-भाव के साथ की जाए तो एक क्षण की प्रार्थना ही वो कृपा कर देती है जो जीवन भर की पूजा पाठ भी नहीं कर सकती। उन्होंने कथा माहात्म्य का वर्णन करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति के प्राण चिरकाल से ही आध्यात्मिकता में बसते हैं। शिव नाम की महिमा बताते हुए वाचक ने कहा कि इस धरती पर पाप कभी शिव के नाम से बड़ा नहीं हो सकता, सबसे बड़ा महादेव का नाम ही है।

देवों के देव महादेव शिव के अर्धनारीश्वर रूप के प्रसंग को सुनाते हुए कथा में बताया गया कि हमारे धर्म में ये है कि पुरुष दंडवत करते हैं परन्तु नारी नहीं क्योंकि नारी दंड के योग्य नहीं हो सकती। नारी तो शक्ति और धर्म की राह पर ले जाने वाली होती है इसीलिए तो वह धर्मपत्नी कहलाती है।

शिवमहापुराण कथा के दौरान हर-हर-हर महादेव शंभू , काशी विश्वनाथ गंगे… , नमः शिवाय – ॐ नमः शिवाय…, आदि भजनों पर भक्ति भाव में लीन श्रद्धालुओं ने जमकर नृत्य किया। आयोजन समिति की सदस्य विमला बिड़ला ने बताया कि शहरवासी इस कथा ज्ञान यज्ञ का श्रवण 27 अक्टूबर तक प्रतिदिन दोपहर 3 से सायं 6 बजे तक कर सकेंगे।

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