कला के माध्यम से सुधार: दौसा जेल में बंदियों ने मिट्टी से गढ़ा सरदार पटेल का सजीव चित्र

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Inmates at Dausa jail sculpted a lifelike clay portrait of Sardar Patel.
Inmates at Dausa jail sculpted a lifelike clay portrait of Sardar Patel.

जयपुर। विशिष्ट केंद्रीय कारागृह श्यालावास जिला दौसा में राष्ट्रीय एकता दिवस 31 अक्टूबर की तैयारियों के तहत बंदियों ने देश के लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की मिट्टी से बनी एक भव्य और सजीव सैंड आर्ट प्रतिमा तैयार की है। यह कलाकृति पूरी तरह से जेल परिसर की प्राकृतिक मिट्टी और रंगों का उपयोग करके बनाई गई है। जो कला के माध्यम से सुधार की दिशा में एक प्रेरक प्रयास है।

जेल अधीक्षक पारस जांगिड़ ने बताया कि इस पहल के माध्यम से बंदियों में सकारात्मकता और राष्ट्रीय भावना का संचार किया जा रहा है। इस अनूठी कलाकृति को बंदी राजेश मूर्तिकार ने अपने हुनर और अथक परिश्रम से गढ़ा है, जिसमें बंदी संदीप गुप्ता ने सहयोगी की भूमिका निभाई। मिट्टी से बने सरदार पटेल के इस चित्र में उनके दृढ़ व्यक्तित्व और राष्ट्रीय एकता के भाव को अत्यंत कुशलता के साथ दर्शाया गया है।

जेलर विकास बागोरिया ने बताया कि राष्ट्रीय एकता दिवस के उपलक्ष्य में जेल परिसर में कई अन्य कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में देश की एकता के लिए शपथ ग्रहण, देशभक्ति भरा नुक्कड़ नाटक, सरदार पटेल पर आधारित प्रश्नोत्तरी व भाषण प्रतियोगिता और एक विशेष एकता परेड शामिल है, जिसका उद्देश्य बंदियों को राष्ट्रीय मूल्यों और एकता के महत्व से जोड़ना है।

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