जयपुर। युवा दृश्य कथाकारों को प्रेरित करने और उनके कौशल को निखारने के उद्देश्य से इमैजिन फोटो जर्नलिस्ट सोसाइटी ने राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में 11वें जयपुर फोटो जर्नलिज्म सेमिनार का आयोजन किया। एक दिवसीय इस आयोजन में फोटो जर्नलिज्म, मीडिया, सरकार, सिनेमा और सामाजिक नेतृत्व से जुड़े अनेक प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने शिरकत की। सेमिनार में जयपुर के विभिन्न संस्थानों से आए मीडिया विद्यार्थियों और फोटोग्राफी उत्साहियों ने बड़ी संख्या में भाग लिया।
कार्यक्रम में वक्ताओं के रूप में गुरिंदर ओसान फोटो एडिटर पीटीआई, पुरुषोत्तम दिवाकर अंतरराष्ट्रीय फोटो जर्नलिस्ट एवं डॉक्यूमेंट्री फ़ोटोग्राफ़र, ऋतु शुक्ला अतिरिक्त महानिदेशक, पीआईबी एवं सीबीसी जयपुर, अंशुमन शास्त्री निदेशक सेंटर फॉर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस बनस्थली विद्यापीठ, शेखर घोष फ़िल्ममेकर फोटो एडिटर एवं विज़ुअल स्टोरीटेलिंग कंसल्टेंट, नीरू यादव, सरपंच, लम्बी आहिर, रवि यादव, अभिनेता, लेखक एवं निर्माता; और हेमजीत मलू, निदेशक, वीणा म्यूजिक।
सेमिनार की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय फोटो जर्नलिस्ट पुरुषोत्तम दिवाकर के उद्बोधन से हुई। उन्होंने कहा कि “फोटो जर्नलिज्म केवल तस्वीर लेना नहीं, बल्कि सत्य, संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति प्रतिबद्धता है।
सेमिनार की मुख्य अतिथि ऋतु शुक्ला ने जमीनी स्तर की वास्तविक कहानियों को दस्तावेज़ करने के महत्व पर प्रकाश डाला। शेखर घोष ने डिजिटल युग में फोटो जर्नलिज्म की बदलती भूमिका पर जोर देते हुए कहा, “पच्चीस वर्षों के अनुभव ने मुझे सिखाया है कि हमारा काम क्षण कैद करने से कहीं अधिक है—यह जिम्मेदारी निभाने का कार्य है।” गुरिंदर ओसान ने कहा, “इस दुनिया में जहां अनगिनत तस्वीरें मौजूद हैं, वही तस्वीरें प्रभाव डालती हैं जो ईमानदार, संदर्भ पूर्ण और मानवीय हों।




















