एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम की मेजबानी के लिए जयपुर तैयार

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Jaipur set to host 12th Regional 3R and Circular Economy Forum of Asia and Pacific
Jaipur set to host 12th Regional 3R and Circular Economy Forum of Asia and Pacific

जयपुर। एशिया और प्रशांत क्षेत्र के 12वें क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम की मेजबानी के लिए जयपुर पूरी तरह तैयार है। यह फोरम 3 से 5 मार्च 2025 तक राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर में आयोजित किया जाएगा। ‘एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सतत विकास के लक्ष्यों और कार्बन तटस्थता प्राप्त करने की दिशा में सर्कुलर सोसायटियों को आकार देना’ संबंधी विषय पर केंद्रित यह कार्यक्रम सर्कुलर इकोनॉमी से जुड़े प्रयासों को आगे बढ़ाने पर चर्चा करने के लिए वैश्विक नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों को एक साथ लाएगा।

फोरम में संपूर्ण सत्रों के आयोजन सहित देशों पर आधारित विशिष्ट चर्चाएं, थीम-आधारित राउंडटेबल सम्मेलन, साथ ही अनुभव साझा करने के लिए नॉलेज-शेयरिंग और नेटवर्किंग के अवसर भी शामिल होंगे। प्रतिनिधियों को जयपुर में प्रमुख ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं के साथ-साथ पुरातन स्थलों के दौरे का भी अवसर मिलेगा।

केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने बताया कि यूएनसीआरडी द्वारा 2009 में शुरू किए गए क्षेत्रीय 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी फोरम का उद्देश्य एशिया-प्रशांत क्षेत्र में सरकारी अधिकारियों को 3 आर (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल करना) और सर्कुलेरिटी को मुख्यधारा में लाने के लिए रणनीतिक नीतिगत इनपुट प्रदान करना है।

साथ ही, यह फोरम 3आर में सर्वोत्तम प्रयासों को प्रसारित करने और सभी के साथ साझा करने के लिए एक मंच के रूप में भी कार्य करेगा। पिछला फोरम 2023 में कंबोडिया द्वारा आयोजित किया गया था। भारत ने इससे पहले 2018 में फोरम की मेजबानी की थी, जब इसका 8वां संस्करण इंदौर में आयोजित किया गया था।

केंद्रीय आवासन एवं शहरी कार्य राज्य मंत्री तोखन साहू ने बताया कि 12वें क्षेत्रीय फोरम का एक महत्वपूर्ण सकारात्मक परिणाम ‘जयपुर डिक्लेरेशन’ होगा, जिसे समापन के दिन अपनाया जाएगा। 2025-34 की अवधि के लिए इस दशकीय घोषणा का उद्देश्य, इस फोरम में शामिल होने वाले देशों को 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी संबंधी नीतियों और उससे जुड़े कार्यक्रमों को विकसित करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करना होगा।

यह एक ‘लीनियर टेक-मेक-डिस्पोज इकोनॉमी से एक सर्कुलर इकोनॉमी’ में परिवर्तन लाने में सभी को सक्षम बनाएगा। जयपुर डिक्लेरेशन, हनोई डिक्लेरेशन (2013-23) पर आधारित है और यह स्वैच्छिक व कानूनी रूप से गैर-बाध्यकारी समझौता है। सम्मेलन का कर्टेन रेजर 24 फरवरी 2025 को नई दिल्ली में केंद्रीय आवासन और शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने किया।

उन्होंने यह भी बताया कि 12वें फोरम की एक और खास विशेषता ‘इंडिया पैवेलियन’ है, जो 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी क्षेत्र में भारत की उल्लेखनीय पहलों और उपलब्धियों को प्रदर्शित करेगा। इस पैवेलियन में 15 प्रमुख मंत्रालयों और राष्ट्रीय मिशनों की प्रदर्शनियां होंगी, जो सतत विकास के लिए भारत के समग्र सरकारी दृष्टिकोण को दर्शाती हैं। यह ‘मंत्री-स्तरीय संवाद’, ‘महापौर संवाद’ और ‘नीति संवाद’ जैसे सत्रों के साथ इंटरैक्टिव नॉलेज-शेयरिंग के लिए एक केंद्र के रूप में भी काम करेगा।

राजस्थान सरकार में नगरीय विकास विभाग एवं स्वायत्त शासन विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) झाबर सिंह खर्रा ने बताया कि उनका विभाग फोरम की तैयारियों में सक्रिय रूप से सहयोग कर रहा है। विभाग तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान विभिन्न सत्रों में भी भाग लेगा। उन्होंने यह भी बताया कि जयपुर की 11 केस स्टडीज भी 3आर और सर्कुलर इकोनॉमी पर 100 सर्वश्रेष्ठ अभ्यास पुस्तिका के संग्रह का हिस्सा हैं। इस पुस्तिका का विमोचन फोरम के दौरान किया जाएगा।

12वें क्षेत्रीय फोरम का नेतृत्व आवासन एवं शहरी कार्य मंत्रालय के स्वच्छ भारत मिशन-शहरी द्वारा जापान के पर्यावरण मंत्रालय, यूएन एस्केप, यूएनसीआरडी, यूएनडीएसडीजी और यूएनडीईएसए के सहयोग से किया जा रहा है, जिसमें राजस्थान सरकार की सहयोगी भूमिका निभा रही है। राजधानी जयपुर में आयोजित होने वाले तीन दिवसीय सम्मेलन में 500 से अधिक अंतरराष्ट्रीय और घरेलू प्रतिभागियों के भाग लेने की उम्मीद है।

जयपुर के लोगों को इस अंतर्राष्ट्रीय फोरम में शामिल करने और सामुदायिक स्तर पर 3आर और सर्कुलर प्रयासों को प्रेरित करने के लिए, शहर के प्रमुख स्थानों पर इंटरैक्टिव गतिविधियों का आयोजन किया जाएगा। छात्रों सहित अन्य इच्छुक लोग भी ऑनलाइन फोरम में शामिल हो सकेंगे और तीनों दिनों में उच्च स्तरीय चर्चाओं से जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

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