जयपुर। भाद्रपद कृष्ण अष्टमी एवं नवमी के पावन अवसर पर राजधानी जयपुर के मुरलीपुरा क्षेत्र में जन्माष्टमी और नंदोत्सव का भव्य आयोजन किया गया। विकासनगर स्थित श्याम बाबा मंदिर में रविवार को सुबह से ही भक्तों की भीड़ उमड़ने लगी। मंदिर प्रांगण को रंग-बिरंगी झालरों, पुष्पों और रोशनियों से सुसज्जित किया गया। भगवान श्याम प्रभु का फूलों से विशेष श्रृंगार किया गया और महाआरती के दौरान वातावरण भक्तिमय हो उठा।
कार्यक्रम में मनु महाराज के सानिध्य में सैकड़ों श्रद्धालु शामिल हुए। भक्तों ने श्रीकृष्ण जन्म की स्मृतियों को जीवंत करने वाले भजनों का आनंद लिया। “नंद के आनंद भयो, जय कन्हैया लाल की”, “कान्हा जन्म सुनाइ, यशोदा मैया दे दो बधाई” जैसे पारंपरिक भजनों पर श्रद्धालु भावविभोर होकर नृत्य करने लगे। महिलाओं और युवाओं ने मिलकर जन्माष्टमी की रात को एक उत्सव का रूप दे दिया।
मंदिर परिसर में ध्यान मुद्रा में भगवान शिव की विशाल झांकी सजाई गई, जिसने श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। भक्तों ने अखंड ज्योत पर अपनी श्रद्धा लिखकर अर्पित की और परिवार की सुख-समृद्धि की कामना की। इस अवसर पर मनु महाराज ने उपस्थित भक्तों को रक्षा सूत्र बांधा और उनके मंगल की कामना की।
मुरलीपुरा की विभिन्न कॉलोनियों से भारी संख्या में श्रद्धालु आयोजन में शामिल हुए। सुबह से देर रात तक चले इस उत्सव में हर आयु वर्ग के लोग सम्मिलित रहे। बच्चों ने नन्हे कान्हा का रूप धरकर सबका ध्यान आकर्षित किया तो महिलाओं ने समूह भजनों से भक्ति रस की धारा बहाई।
उधर, मुरलीपुरा स्थित श्री राधा कृष्ण शिव मंदिर में भी जन्माष्टमी और नंदोत्सव धूमधाम से मनाया गया। महंत श्याम सुंदर चतुर्वेदी के सानिध्य में गायत्री चेतना केंद्र की ओर से गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ। यज्ञ में श्रद्धालुओं ने राधा-कृष्ण की विशेष पूजा-अर्चना की और गायत्री महामंत्र से आहुतियां दीं।
यज्ञ का संचालन उमाशंकर खंडेलवाल ने किया। महायज्ञ के दौरान वातावरण में वैदिक मंत्रों की गूंज और आहुति की पवित्र सुगंध से पूरा परिसर आध्यात्मिकता से भर गया। दोनों ही मंदिरों में जन्माष्टमी और नंदोत्सव ने भक्तों को भक्ति और उल्लास की एक साथ अनुभूति कराई। कहीं झांकी और भजनों से वातावरण गूंजा तो कहीं यज्ञ और वैदिक अनुष्ठानों ने आस्था का संचार किया। श्रद्धालु देर रात तक उत्सव में शामिल होकर कृष्ण जन्म की खुशी में झूमते रहे।