जयपुर। अमावस्या तिथि का आरंभ 20 अक्टूबर सोमवार को दोपहर 3:46 पर और समापन 21 अक्टूबर मंगलवार को शाम 5:56 बजे होगा । 20 अक्टूबर सोमवार को प्रदोष काल और स्थिर लग्न के साथ अमावस्या भी रहेगी इसी दिन दीपावली मनाना श्रेष्ठ हैं । 21 अक्टूबर को भी अमावस्या साढ़े तीन प्रहर से अधिक रहेगी और प्रतिपदा वृद्धि गामिनी भी हैं इसलिए 21 अक्टूबर को भी लक्ष्मी पूजन कर सकते हैं ।
पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि 20 अक्टूबर को लक्ष्मी पूजन का समय दोपहर 3:46 से शाम को 7:27 तक और स्थिर लग्न में रात्रि 7:17 से 09:14 तक हैं। 21 अक्टूबर अमावस्या को पितरों के लिए स्नान-दान किया जाएगा। 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा दोपहर 3 बजे से शाम 5:51 तक,इसके बाद रात्रि में 7:25 से रात्रि 12 बजे तक। 23 अक्टूबर को भैया दूज मुहूर्त सुबह 6:27 से 07:52 तक, सुबह 10:45 से 3 बजे तक । शाम को 4:25 से रात्रि 9 बजे तक।