जयपुर। सरबोजनीन वेलफेयर एसोसिएशन एवं वेंटकेश मंदिर ट्रस्ट के संयुक्त तत्वावधान में हर वर्ष की भांती इस वर्ष भी भगवान जगन्नाथ अपने रथ पर सवार होकर मौसी के घर के लिए रवाना हुए। शुक्रवार को श्रद्धालुओ ने अपने हाथों से भगवान जगन्नाथ के रथ को खींचा और इसी दौरान श्रद्धालओं में अपनी -अपनी बारी आने का इंतजार किया।
भक्तों में रथ को खींचने की होड़ मची रहीं। शाम 6 बजे रथ यात्रा भजन -कीर्तन के साथ वेंकटेश मंदिर से रवाना हुई और जेएलएन मार्ग,गिरधर मार्ग होते हुए मालवीय सेक्टर 7-8 स्थित श्री विश्वनाथ मंदिर अपनी मौसी के घर पहुंचे।जहां पर स्थानीय लोगों ने रथ यात्रा का स्वागत किया और श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण किया।
आठ दिन विश्राम के बाद वापस लौटेगे अपने घर
ट्रस्टी सोमेंदु घोष ने बताया कि उड़ीसा की तर्ज पर आयोजित की गई इस रथ यात्रा में तीनों भाई -बहन श्री कृष्ण, बलराम और सुभद्रा आठ दिन अपनी मौसी के घर रुकने के बाद 5 जुलाई शनिवार को सायं 6 बजे विश्वनाथ मंदिर से रवाना होकर वापस अपने घर वेंकटेश मंदिर पहुंचेगी। इस दौरान श्रद्धालु भजन कीर्तन करते हुए विश्वनाथ मंदिर से रवाना होकर गिरधर मार्ग होते हुए जेएलएन मार्ग के रास्ते अपने घर पहुंचेंगे। इस दौरान भजन -मंडली संकीर्तन करते हुए आमजन को प्रसाद वितरण करते हुए चलेगे।
नौ दिनों की सेवा में स्थानीय लोगों ने लगाया भगवान को विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का भोग
श्री कृष्ण,बलराम और सुभद्रा के मौसी के घर पहुंचने पर नौ दिनों तक स्थानीय लोगों ने इनकी सेवा में अपने -अपने घरों से विभिन्न् प्रकार के व्यंजन बना कर इन्हे भोग अर्पित किया। जिसके बाद इन व्यंजनों को प्रसाद के रुप में श्रद्धालुओं को वितरण किया गया। सभी श्रद्धालुओं ने भगवान को विदा करने के दौरान भेंट स्वरुप उनकी नवीन पोशाक और प्रसाद अर्पण किए।