जयपुर। महात्मा ज्योतिबा फुले की पुण्यतिथि पर शुक्रवार को राजधानी में विभिन्न स्थानों पर पुष्पांजलि अर्पित कर महान समाज सुधारक को याद किया गया। बाइस गोदाम स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले की प्रतिमा पर माली-सैनी समाज सहित विभिन्न संस्थाओं के लोगों ने पुष्पांजलि अर्पित की। विद्याधर नगर स्थित महात्मा ज्योतिबा फुले संस्थान में श्रद्धांजलि समारोह हुआ। नंदपुरी सोडाला स्थित सेवा भवन में सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा ने महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र पर पुष्प अर्पित करने के बाद कहा कि महात्मा फुले भविष्य की ओर बढ़ते भारत की ज्योति हैं।
समानता, न्याय और प्रगति युक्त समाज के लिए उनका योगदान अद्वितीय है। उन्होंने दबी आवाजों को स्वर दिए। समय की धारा से छूटे तबकों के उत्थान का बीड़ा उठाया। समाधान की राह बनाई और दिखाई। उनके विजन ने समावेशी और समतापूर्ण समाज का आदर्श प्रस्तुत किया। देश के सर्वांगीण उत्थान के लिए उनके अथक प्रयास और सशक्तिकरण के साधन के रूप में शिक्षा पर उनका जोर पीढिय़ों को प्रेरित करता रहा है।
महाराष्ट्र के सतारा जिले में एक साधारण माली परिवार में जन्मे ज्योतिबा ने संघर्ष का कंटीला रास्ता चुना। शिक्षा को आधार बनाकर वंचित-पीड़ित वर्गों के अधिकारों के लिए सर्वस्व अर्पित कर दिया। 1848 में पुणे में लड़कियों के लिए पहला विद्यालय खोलकर उन्होंने शिक्षा को क्रांति का स्वरूप दिया। ज्योतिबा ने विधवा-विवाह, प्रसूति गृह, अनाथालय और बालिकाओं के संरक्षण के लिए भी लगातार कार्य किए। उनकी साहित्यिक कृतियां हमारे सामाजिक इतिहास की अमूल्य धरोहर हैं।




















