जयपुर। ज्येष्ठ शुक्ल नवमी 15 जून को महेश नवमी के रूप में मनाई जाएगी। श्रद्धालु भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा कर मनोवांछित फल की प्राप्ति के लिए व्रत रखेंगे। मान्यता है कि इस दिन माहेश्वरी समाज की वंश की उत्पत्ति हुई थी। इसलिए माहेश्वरी समाज के लोग इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की विशेष पूजा- उपासना करते हैं।
ज्योतिषाचार्य राजेंद्र शास्त्री ने बताया कि इस बार महेश नवमी के दिन शुभ योग बनने जा रहे हैं। अगर इन सभी योगों में भगवान शिव और मां पार्वती की पूजन की जाती है तो व्यक्ति को इसका विशेष फल प्राप्त होगा। माहेश्वरी समाज की ओर से महेश नवमी धूमधाम से मनाई जाएगी। चौड़ा रास्ता स्थित माहेश्वरी मंदिर में भगवान महेश का पूजन कर आरती की जाएगी। तिलक नगर स्थित माहेश्वरी पब्लिक स्कूल में समाज के पदाधिकारी भगवान महेश की पूजा-अर्चना कर आरती करेंगे।
इस दौरान जयपुर में निवास कर रहे माहेश्वरी समाज के करीब 25 हजार सदस्य घरों में भी दीपक जलाकर भगवान महेश की आरती करेंगे। उल्लेखनीय है कि माहेश्वरी समाज की उत्पत्ति युधिष्ठिर संवत के ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष नवमी को हुई थी। तभी से माहेश्वरी समाज ज्येष्ठ माह शुक्ल पक्ष नवमी को महेश नवमी के नाम से माहेश्वरी वंशोत्पत्ति दिन के रूप में मनाता है।