मानस की चौपाइयों से बनाएं देश व परिवार को संस्कारवान : डॉ.सुमनानंद गिरी

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जयपुर। अभिनव ज्ञानामृत चैरिटेबल ट्रस्ट के बैनर तले श्री श्री 1008 श्री महामंडलेश्वर आचार्य नर्मदा शंकर पुरी जी महाराज,निरंजनी अखाड़ा की प्रेरणा से श्रीश्री 1008 रामषरण दास जी महाराज व कौशल्या दास महाराज के पावन सानिध्य में जयपुर के सानिध्य में पंच दिवसीय मानस पंचामृत श्री राम कथा का शुभारंभ शुक्रवार से रेलवे स्टेशन रोड,राम मंदिर के पास कौशल्या दास जी की बगीची में हुआ। इस मौके पर रामकथा को सुन श्रद्धालु भाव विभोर हो उठे।

कथा के संयोजक शंकर लाल शर्मा ने बताया कि कथा के शुभारंभ पर शुक्रवार को सांवल दास जी की बगीची से 108 महिलाओं की तुलसी यात्रा शुरू हुई। इस तुलसी यात्रा में शामिल श्रद्धालु भजनों की स्वर लहरियों पर भाव-विभोर होकर नाच रहे थे। जिन-जिन मार्गों से यह कलश यात्रा गुजरी,वे सभी मार्ग भक्ति और आस्था के रंग में डूबे नजर आए। बैंडबाजों के साथ निकली यह तुलसी यात्रा विभिन्न मार्गों से होती हुई कथा स्थल कौशल्या दास जी की बगीची पहुंचकर समाप्त हुई। कथा के प्रारंभ में शंकर लाल शर्मा ने रामचरित्र पूजा कर आरती उतारी।

इसी दिन दोपहर में रामकथा सुनाते हुए मौन तीर्थ पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर डॉ.सुमनानंद गिरी महाराज,उज्जैन वाले ने कहा कि आज हम सभी का यही दायित्व बनता है कि जब यहां से जाए तो मानस की 4 या 5 चौपाइयां साथ में लेकर में जरूर जाए ताकि इन चौपाइयों के बल पर अपने-अपने परिवार के साथ-साथ देश को भी सस्कारित कर सके और एक-बार फिर रामराज्य की स्थापना हो सके। उन्होंने आगे कहा कि धार्मिक ग्रंथों की श्रमण व सदपुरूषों के प्रसंग सुनने से हमारा मन सुंदर व पवित्र. बनता है और उन जैसा बनने की प्रेरणा भी हमें मिलती है। मंगलाचरण में गोस्वामी तुलसी दास जी ने सर्वप्रथम में मां सरस्वती की आराधना करने के बाद गणेश जी का वंदन की ।

डॉ.सुमनानंद गिरी ने आगे कहा कि भगवान श्रीराम कण-कण में रमण करने वाली शक्ति है और श्रीराम की कथा श्रवण करने से इंसान भवसागर से पार हो जाता है। श्री रामकथा के आध्यात्मिक पहलुओं पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि राम कथा परमात्मा की वाणी है, इससे जीवन की दशा और दिशा दोनों ही ठीक हो जाती हैं।कथा श्रवण करने से जीवन में होने वाले लाभ बताते हुए कहा कि प्रभुश्री राम के जीवन पर आधारित राम कथा का श्रवण करने मात्र से व्यक्ति भव सागर को पार कर जाता है।

जब प्रभु श्रीराम की विशेष कृपा अपने भक्त पर होती है तब हमें रामकथा श्रवण का सौभाग्य प्राप्त होता है। राम कथा सुंदर करतारी, संशय विहग उड़ावन हारी। राम कथा हमारे सभी संशय को दूर करने करने वाली है। भगवान राम का जीवन चरित्र एवं राम कथा हमें जीवन कैसे जिया जाए उसकी प्रेरणा देती है। कथा के बीच-बीच में रामचरित्र मानस की चौपाइया सुनाकर वातावरण भक्ति और आस्थामय बना दिया। कथा के संयोजक शंकर लाल शर्मा ने बताया कि उन्होंने बताया कि 28 मई तक कथा रोजाना दोपहर 3 बजे से 6 बजे तक होगी।

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