जयपुर। समाज श्री सीताराम जी की ओर से छोटी चौपड़ स्थित श्री सीताराम मंदिर में आयोजित 46 दिवसीय मिजमानी महोत्सव अब समापन की ओर बढ़ रहा है। इसी कड़ी में सोमवार को छप्पन भोग की विशेष झांकी सजाई गई। इस मौके पर मंदिर परिसर व्यंजनों की खुशबू से महक उठा। ठाकुरजी के नाना प्रकार के व्यंजनों भोग लगाया गया। संत- महंतों की उपस्थिति में श्रद्धालुओं ने श्रद्धा एवं उल्लास के साथ भगवान की आराधना की।
समाज के मंत्री रामबाबू झालानी ने बताया कि मंदिर परिसर को फूलों से आकर्षक रूप से सजाया गया। जगह- जगह बांदरवाल, रंग बिरंगे झंडे एवं आकर्षक पताकाएं फहराकर उत्सवमय वातावरण बनाया गया। आयोजन में कुल 84 प्रकार के व्यंजनों को185 थालों में सुसज्जित कर अत्यंत मनोहारी झांकी प्रस्तुत की गई। समाज के मंत्री रामबाबू झालानी ने बताया कि
मिजमानी महोत्सव की परंपरा के अनुसार भक्तों ने चारों दूल्हों को मधुर वाणी में व्यंग्य-भरी एक से बढ़कर एक गारियां सुनाकर जिमाया। इस मौके पर बड़ी संख्या में सुंदर मांगलिक विशेष परिधानों में पहुंची मिथिला की सखियों ने अपने हाथों से 28 प्रकार की विशेष सब्जियां एवं अनेक प्रकार की नमकीन तैयार कर प्रभु को भोग अर्पित किया। इन सखियों में राजकुमारी अग्रवाल, सुनीता अग्रवाल, सुशील शर्मा, मुनी देवी, कृष्णा अग्रवाल, सरोज भुखमारिया, उर्मिला झालानी, ऊषा ताबी, इंदिरा कूलवाल, मंजू भुखमारिया, शारदा पाटोदिया, आशा हल्दिया, माया दूसाद एवं मधु झालानी ने सिर पर कलश रखकर भगवान की अगवानी की। बारी-बारी से चारों दूल्हों की आरती उतारी गई।
मिठाई- नमकीन-अचार की खुशबू से महका मंदिर:
भगवान को अर्पित किए गए व्यंजनों में मुख्य रूप से राजभोग, गुलाब जामुन, चमचम, लाड़, बर्फी, घेवर, रसगुल्ला, बालूशाही, पेठा, केसरबाटी, मोहनभोग, खीर, मालपुआ, माखन- मिश्री, केसर की जलेबी, रंगीन मोतीपाक, दूध की फीणी, मिथिला का प्रसिद्ध दही बड़ा, श्रीखंड, चावल, दही-चिवड़ा, बादाम हलवा, काजू-बादाम कतली, मूंगदाल हलवा, आठ प्रकार के चूरमे सहित विविध चटनियां, सलाद, पापड़ एवं अचार अर्पित किए गए।
भक्तों ने पदगायन कर ठाकुरजी को रिझाया
महोत्सव के दौरान पारंपरिक पदों एवं गारियों से वातावरण भक्तिमय बना रहा। मौके पर भक्तों ने मिलकर गया- जीमो जीमो जी रंगीला रघुनाथ सासरे मिजमानी…, सियावर जी को रूप निहारो…, सखी राम बना सुकुमारी सिया… जैसे पदों पर श्रद्धालु भावविभोर हो उठे। समाज के रामगोपाल बूसर, रामशरण हल्दिया, अवधेश पोद्दार, रमेश बिजली वाले, गोविंद झालानी, केशव अग्रवाल, लक्ष्मीनारायण काकडेवाले, ओमप्रकाश कानूनगो, ब्रजमोहन गोयल, रमेश बाईजी वाले, मनीष भुखमारीया, राधागोपाल झालानी, प्रभू तांबी, अनुराग खेतान, अवधेश पाटोदिया एवं महेश भगत ने मीठी-मीठी गारियां सुनाकर दूल्हों को रिझाया। अन्य भक्तों ने भी हारमोनियम और तबला पर रंग जमाते हुए अपनी प्रस्तुतियां दी। आयोजन में भक्तों का और संत महंतों का पुष्प वर्षा कर स्वागत किया गया।
समाज के मंत्री रामबाबू झालानी ने बताया कि मंगलवार को कंचन वन में मिथिला की सखियों के साथ चारों दूल्हों द्वारा फूलों की होली महोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा। इस अवसर पर दूल्हे को दुल्हन बनाकर सुंदर झांकी के दर्शन कराए जाएंगे। रामजी की बारात में पधारे जयपुर के संत-महंतों को सुबह 10 बजे से मंदिर परिसर में जिमाया जाएगा। इसके बाद सभी भक्तों को प्रसादी वितरित की जाएगी। समाज के अध्यक्ष नवलकिशोर झालानी ने बताया कि सीता जी का विदाई महोत्सव 3 जनवरी को आयोजित होगा। इसमें समाज के लोग बड़ी संख्या में उपस्थित देंगे।




















