नई दिल्ली। एमटीवी ने कॉज़ एंबेसडर एवं मशहूर लेखिका, कवि और पटकथा लेखिका, शाहीन भट्ट के साथ एक ज्ञानवर्धक सामाजिक अभियान, ‘एमटीवी क्वेश्चन मार्क्स’ पेश किया है। अभिभावकों पर केंद्रित यह माइंडसेट रिओरिएंटेशन वर्कशॉप मीठीबाई कॉलेज में आयोजित हुई, जिसमें मानसिक स्वास्थ्य विशेषज्ञों, आँचल नारंग, संस्थापक, एनअदर लाइट काउंसलिंग, मनोवैज्ञानिक; अनुरीत सेठी – सह-संस्थापक, चेयरपर्सन, ट्राइजोग – नो योर माइंड, जनरल मैनेजर (आईईसी), पोदर एजुकेशन नेटवर्क के साथ आरुशी सेठी शाह – सीईओ, सह-संस्थापक, ट्राइजोग- नो योर माइंड और अंकुर गोयल – संस्थापक सदस्य और सीओओ, ड्रम्स फूड ने हिस्सा लिया। हमारे समाज में आज भी कक्षा के अंक और शैक्षणिक उपलब्धियां सफलता की एकमात्र मानक मानी जाती हैं। इसलिए एमटीवी का यह नया अभियान आज के युवाओं के लिए इन मानकों को फिर से परिभाषित करने का साहसी कदम उठा रहा है।
इस कैंपेन और मानसिक स्वास्थ्य की समस्यायों का सामना करने के अपने व्यक्तिगत अनुभव के बारे में बताते हुए कॉज़ एम्बेसडर शाहीन भट्ट ने कहा, “मुझे ‘एमटीवी क्वेश्चन मार्क्स’ का हिस्सा बनने पर गर्व हैं, जो आज के युवाओं के लिए एक महत्वपूर्ण चेंजमेकर होगा। मेरा मानना है कि किसी व्यक्ति की योग्यता केवल अंकों से ही साबित नहीं होती। यह बात इस अभियान के नारे, “मार्क्स हैं, बेंचमार्क नहीं’ से प्रदर्शित होती है। आज यह बहुत ज़रूरी हो गया है कि अभिभावक ‘सफलता’ के बारे में अपनी मानसिकता पर पुनः विचार करें, और युवाओं को विकास करने का एक स्वस्थ दृष्टिकोण प्रदान करें। चलिए हम मिलकर एक ऐसी दुनिया बनाते हैं, जिसमें बच्चों का ना केवल शैक्षणिक, बल्कि मानसिक और भावनात्मक विकास भी हो।”
एमटीवी द्वारा युवाओं पर किए गये विस्तृत अध्ययन में सामने आया कि अधिकांश युवा अपने दोस्तों की तुलना में अपने अभिभावकों के ज़्यादा करीब होते हैं, पर फिर भी वो उनसे बात करने में कतराते हैं और यह माँ लेते हैं कि उनकी बात उन्हें समझ नहीं आएगी। एमटीवी क्वेश्चन मार्क्स का उद्देश्य युवाओं और उनके अभिभावकों के बीच एक स्थायी संवाद शुरू करना और अंकों पर आधारित सफलता की मानसिकता को बदलना है। इस अभियान का संदेश ‘मार्क्स है बेंचमार्क नहीं’ विशेषज्ञों के ज्ञान और शोध पर आधारित हो, यह सुनिश्चित करने के लिये एमटीवी ने अत्यधिक योग्य और अनुभवी विशेषज्ञों के साथ गठबंधन किया है। एमटीवी ने एक प्रभावशाली और नई ब्रांड फिल्म भी पेश की है, जो इस अभियान के मूल संदेश का प्रसार करती है।
इस अभियान का विस्तार करने के लिए एमटीवी ने सामरिक साझेदारियाँ की हैं। स्नैक पार्टनर एपिगैमिया, टैगलाइन ‘नए ज़माने का दही शक्कर’ पैकेजिंग के साथ अपने को-ब्रांडेड, लिमिटेड एडिशन योगर्ट एडिशन द्वारा रचनात्मकता लाएगा, जिससे इस कैंपेन की विज़िबिलिटी और इसकी ओर दर्शकों का आकर्षण बढ़ेगा। मानसिक स्वास्थ्य सहायता में विशेषज्ञ, वैलनेस पार्टनर, ट्राइजोग, इस अभियान में हिस्सा लेने वालों को लगभग 100 निःशुल्क परामर्श सत्र और एक पुस्तिका प्रदान करेगा, जिसमें परीक्षा के तनाव से निपटने के लिए महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है, ताकि अपनी प्रारंभिक अवधि के बाद भी इस कैंपेन का प्रभाव बना रहे।
यूथ मेंटल हेल्थ पार्टनर एनअदर लाइट काउंसलिंग अभिभावकों पर केंद्रित वर्कशॉप के आयोजन, मानसिक स्वास्थ्य के प्रबंधन के लिए संसाधन प्रदान करने और इसके द्वारा सार्थक बातचीत को बढ़ावा देने में अपना बहुमूल्य सहयोग देता रहा है। यह कैंपेन भारत सरकार के सार्वजनिक स्वास्थ्य और कल्याण विभाग की पहल, भारत के राष्ट्रीय टेली मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रम – टेली मानस को भी बढ़ावा देगा, जो एक व्यापक मानसिक हेल्थ केयर टोल-फ्री हेल्पलाइन नंबर है, और हर व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ प्राप्त करना सुगम व आसान बनाता है। इस कैंपेन में अवेयरनेस पार्टनर, गैर-लाभकारी संगठन यशलोक फाउंडेशन भी अपना सहयोग दे रहा है।