जेकेके में नटराज महोत्सव का संगीतमय आगाज

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Musical start of Nataraja festival in JKK
Musical start of Nataraja festival in JKK

जयपुर। जवाहर कला केन्द्र की सहभागिता में आयोजित छह दिवसीय नटराज महोत्सव की मंगलवार को संगीतमय शुरुआत हुई। युवा रंगकर्मियों के संयुक्त प्रयास ने साकार रूप लिया एयू बैंक, रज़ा फाउंडेशन और फोर्थ वॉल सोसाइटी के संयोजन से। महोत्सव के पहले दिन जयपुर घराने की कथक नृत्यांगना मनीषा गुलयानी और मोहम्मद अमान की शास्त्रीय गायन प्रस्तुति ने समां बांधा।

कथक में हुआ मयूर और प्रकृति का सौंदर्य साकार

महोत्सव निदेशक योगेन्द्र सिंह ने अन्य युवा कलाकारों के साथ नटराज को माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर महोत्सव की विधिवत शुरुआत की। मनीषा गुलयानी की कथक प्रस्तुति के साथ कार्यक्रम आगे बढ़ा। नृत्य श्लोक से आगाज करने के बाद मनीषा ने कथक के जरिए शिव तांडव स्रोत पर शिव और शक्ति की स्तुति की। ताल धमार में 14 मात्रा में विलंबित बंदिश पर फुटवर्क और आंगिक अभिनय का उन्होंने बेहतर प्रदर्शन किया।

इसके बाद राग चारुकेसी में द्रुत तीन ताल में निबद्ध बंदिश पर नृत्य करते हुए मयूर और प्रकृति के सौंदर्य को साकार किया। मनीषा ने पारंपरिक कथक में तोड़ा, परण, परमेलू, कवित्त और गत पेश की। मयूर श्लोक के साथ उन्होंने थिरकते कदमों को विराम दिया। हारमोनियम पर रमेश मेवाल, तबले पर मोहित कथक, सितार पर मो. इरफान, पढ़ंत पर सिमरन भगतानी ने असरदार संगत की।

मो. अमान ने गाया ‘प्रथम सुर साधे’

नृत्य के बाद सुरीले शास्त्रीय गायन की महफिल सजी। मो. अमान ने सधे स्वरों में विभिन्न शास्त्रीय रचनाएं गाकर श्रोताओं की दाद बटोरी। सबसे पहले उन्होंने राग रागेश्वरी में विलंबित ख्याल का गीत ‘धन-धन भाग’ गाया। सभागार में गूंजती तालियों के बीच उन्होंने झपताल में ‘प्रथम सुर साधे’ गीत पेश किया। मध्य लय तीन ताल में द्रुत तराना पेश किया। मो. अमान बंदिश बैंडिट्स मूवी के गीत में अपनी आवाज दे चुके है। उन्होंने बंदिश बैंडिट्स के इसी गीत ‘गरज गरज’ के साथ प्रस्तुति का समापन किया। हारमोनियम पर पं. राजेन्द्र प्रसाद बनर्जी, तबले पर मो. शोएब, तनपुरे पर मो. उस्मान और अयान खान ने संगत की।

गौरतलब है कि छह दिवसीय नटराज महोत्सव के दूसरे दिन बुधवार को शाम सात बजे रंगायन में इश्तियाक खान द्वारा निर्देशित प्रसिद्ध नाटक “द शैडो ऑफ ओथेलो” का मंचन होगा। इश्तियाक खान मुंबई के एक प्रसिद्ध निर्देशक हैं, जिन्होंने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से स्नातक किया है और हाल ही में उनके द्वारा निर्देशित फिल्म “द्वंद” रिलीज़ हुई है जो इसी नाटक पर बनी है। इश्तियाक खान ‘जॉली एलएलबी’, ‘तमाशा’, ‘लूडो’ और ‘जनहित में जारी’ आदि मूवीज में नजर आ चुके हैं।

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