नृसिंह जयंती: खम्भा फाड़ कर प्रकट हुए भगवान नृसिंह

चतुर्दशी तिथि 10 मई की शाम 5:29 बजे से शुरू हुई, जो 11 मई को रात्रि 9:19 बजे तक रहीं । इसलिए नृसिंह जयंती 11 मई को भक्तिभाव से मनाई गई ।

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Narasimha Jayanti: Lord Narasimha appeared by tearing the pillar
Narasimha Jayanti: Lord Narasimha appeared by tearing the pillar

जयपुर। चतुर्दशी तिथि 10 मई की शाम 5:29 बजे से शुरू हुई, जो 11 मई को रात्रि 9:19 बजे तक रहीं । इसलिए नृसिंह जयंती 11 मई को भक्तिभाव से मनाई गई । रविवार को भगवान विष्णु के उग्र स्वरूप नृसिंह का पूजन किया गया।
नृसिंह जयंती के पावन अवसर पर चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर महादेव मंदिर में रविवार देर शाम नृसिंह लीला का आयोजन किया गया। जिसमें विभिन्न प्रकार की झांकिया सजाई गई। इस झांकी में खम्भा फाड़ कर भगवान नृसिंह प्रकट हुए। जिसके पश्चात मंदिर प्रांगण भगवन नृसिंह के जयकारों से गूंजायमान हो गया।

गोनेर स्थित श्री लक्ष्मी जगदीश मंदिर में समेंत बंशीवाले बाबा की बगीची ,बगरुवालों का रस्ता में भी नृसिंह लीला का आयोजन किया गया। यहां भी मंदिर प्रांगण में विभिन्न प्रकार की झांकियां सजाई गई।इसी के साथ खजाने वालों का रास्ता स्थित नृसिंह मंदिर, सूरजपोल स्थित रामानुज संप्रदाय के नृसिंह मंदिर और पांच बत्ती स्थित देवस्थान विभाग के नृसिंह भगवान के मंदिर में भी आयोजन हुए। उल्लेखनीय है कि भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा के लिए इसी दिन नृसिंह अवतार लिया था। नृसिंह भगवान का स्वरूप आधे शेर और आधे मनुष्य का था।

चांदपोल बाजार के नींदडऱाव जी का रास्ता स्थित मंदिर श्री नृसिंह ज अग्रवाल पंचायत समिति में नृसिंह जयंती पर विभिन्न आयोजन हुए। समिति के अध्यक्ष चेतन अग्रवाल और महामंत्री कैलाश अग्रवाल ने बताया कि सुबह नृसिंह भगवान का वेद मंत्रोच्चार के साथ पंचामृत अभिषेक किया गया। नवीन पोशाक धारण कराकर ऋतु पुष्पों से श्रृंगार किया गया । शीतलता प्रदान करने वाले व्यंजनों का भोग लगाया गया ।

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