राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान : जंतर मंतर बना योग और संस्कृति का संगम स्थल

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National Institute of Ayurveda: Jantar Mantar becomes the confluence of yoga and culture
National Institute of Ayurveda: Jantar Mantar becomes the confluence of yoga and culture

जयपुर। आयुष मंत्रालय, भारत सरकार एवं राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के संयुक्त तत्वावधान में अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस 2025 के अवसर पर जयपुर के ऐतिहासिक जंतर मंतर परिसर में “योग संगम 2025“ कार्यक्रम का सांस्कृतिक, वैज्ञानिक एवं वैश्विक दृष्टिकोण से समृद्ध आयोजन संपन्न हुआ। यह आयोजन भारत की प्राचीन योग परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने तथा आयुर्वेद और योग के समन्वित स्वरूप को व्यापक रूप से समाज के समक्ष लाने का एक सशक्त माध्यम बना।

आयुष मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा विशेष रूप से “योग बंधन“ कार्यक्रम के अंतर्गत आमंत्रित श्रीलंका, ब्राज़ील और दक्षिण अफ्रीका से आए हुए विदेशी पर्यवेक्षकों ने भाग लिया। कार्यक्रम में देश के विभिन्न राज्यों एवं अन्य देशों से आए विद्यार्थियों ने भी सामूहिक योगाभ्यास में भाग लेकर “एक धरती, एक स्वास्थ्य” के सिद्धांत को मूर्त रूप दिया।

इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राजस्थान हाई कोर्ट के जस्टिस अनूप कुमार ढंढ ने सभी को विश्व योग दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा आयुष मंत्रालय व राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा विश्व योग दिवस के अवसर पर आज एक भव्य कार्यक्रम “योग संगम” का आयोजन किया गया है। एन.आई.ए. आज पूरे देश में भारत के पारंपरिक आयुर्वेदिक चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के लिए समर्पण भाव से दिन प्रतिदिन ख्याति प्राप्त कर उच्चाइयों को छू रहा है।

योग हमारे जीवन में शारीरिक, मानसिक और आत्मिक संतुलन बनाए रखने में मदद करता है। यह तनाव को कम करने तथा स्वस्थ जीवन जीने की दिशा में आवश्यक भूमिका निभाता है। ऐसे आयोजनों से समाज में जागरूकता आती है और नागरिकों को एक सकारात्मक दिशा मिलती है।”

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रो. संजीव शर्मा ने कहा “योग और आयुर्वेद, दोनों भारत की प्राचीन धरोहरें हैं जो शरीर, मन और आत्मा के संतुलन को सुनिश्चित करती हैं। ‘योग संगम’ केवल एक आयोजन नहीं, बल्कि यह भारत के सांस्कृतिक आत्मबल को विश्व के समक्ष प्रस्तुत करने का प्रयास है। हमें गर्व है कि आज जंतर मंतर जैसे ऐतिहासिक स्थल पर हमने वैश्विक सहभागिता के साथ एकता, शांति और स्वास्थ्य का संदेश दिया है। यह आयोजन आयुष प्रणाली की वैज्ञानिकता और विश्वसनीयता को भी पुनः स्थापित करता है।”

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उप महानिदेशक दूरदर्शन सतीश देपाल राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान को बधाई देता हूँ कि उन्होंने योग और आयुर्वेद जैसे विषयों को आधुनिक युग की आवश्यकताओं के अनुसार प्रस्तुत किया। आज का आयोजन दर्शाता है कि जब परंपरा और तकनीक का संगम होता है, तो उसका प्रभाव गहरा और स्थायी होता है।

स्वस्थ वृत एवं योग विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. दुर्गावती देवी ने कहा विद्यार्थियों के लिए यह आयोजन एक जीवंत शिक्षण प्रयोगशाला जैसा रहा। ‘योग संगम’ न केवल शारीरिक समन्वय की अभिव्यक्ति था, बल्कि यह सांस्कृतिक आदान-प्रदान और वैश्विक मित्रता का सशक्त माध्यम भी बना।

कार्यक्रम में कार्यक्रम प्रमुख दूरदर्शन सीमा विजय, सहायक निदेशक, दूरदर्शन राकेश जैन, सुपरिंटेंडेंट, जंतर मंतर, प्रतिभा यादव, ब्रह्माकुमारी पूनम दीदी, राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान, जयपुर के चिकित्सकों, शिक्षकों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों एवं आम नागरिकों ने बड़ी संख्या मे योगाचार्यों के मार्गदर्शन में योगाभ्यास किया।

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