जयपुर। सावन कृष्ण पंचमी गुरुवार को नाग पंचमी के रूप में मनाई गई। महिलाओं ने मंदिर जाकर तांबे के नाग की पूजा-अर्चना कर सर्पदंश से परिवारजनों को बचाए रखने की कामना की। शुक्रादित्य और शोभन योग के संयोग में शिव मंदिरों में भगवान शिव के गले की शोभा बढ़ाने वाले वासुकी नाग और शेषनाग की पूजा की गई।
घरों में भी महिलाओं ने दीवार पर नाग-नागिन की आकृति बनाकर पूजा-अर्चना कर दूध,पुआ,पकौड़ी,पूड़ी का भोग लगाया। नाग पंचमी पर अनेक शिव मंदिरों में रुद्राभिषेक भी हुए। राहु दोष और काल सर्प दोष युक्त कुंडली के जातकों ने विशेष पूजा करवा कर नाग-नागिन के जोड़े जंगल में छोड़े। कई श्रद्धालुओं ने शिव मंदिर में शिवलिंग पर चांदी का नाग चढ़ाया। नाग पंचमी पर श्रद्धालुओं न शिव पंचाक्षर स्त्रोत का पाठ किया।
सपेरा की रही दिन भर कॉलोनियों में धूम
नाग पंचमी के दिन दिन भर सपेरों की कॉलोनियों में आगमन रहा । बीन बजा कर सपेरों ने कॉलोनी वासियों से सर्प देवता को दूध पिलाने का आग्रह करते हुए दूध के नाम से नकदी उगाई। वही कुछ लोगों ने सपेरे को बोतल में भर कर दूध दान किया।




















