June 9, 2025, 3:29 pm
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गलता पीठाधीश्वर स्वामी अवधेशाचार्य ने किया आनंदम योग शिविर पोस्टर का विमोचन

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जयपुर। गलतापीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित स्वामी सम्पतकुमार अवधेशाचार्य महाराज का तिरुनक्षत्र उत्सव श्री गलता पीठ में हर्ष उल्लास के साथ मनाया गया। इस अवसर पर गलतापीठाधीश्वर स्वामी महाराज ने प्रातः श्री गलता पीठ में विराजमान समस्त विग्रहों की पूजा–अर्चना की एवं भगवान को विशेष भोग लगाया। श्री स्वामी जी ने समस्त पूर्ववर्ती आचार्यों का भी पूजन किया। इस अवसर पर जयपुर सहित देश–विदेश से पधारे सैंकड़ों शिष्यों व भक्तों ने स्वामी जी के दर्शन किए व उनसे आशीर्वाद लिया।

इस अवसर पर आनंदम योग शिविर के पोस्टर का विमोचन गलतापीठाधीश्वर अनन्त श्री विभूषित स्वामी सम्पतकुमार अवधेशाचार्य महाराज, योगपीस संस्थान के संस्थापक विख्यात योग गुरु योगाचार्य ढाकाराम, गलता पीठ के युवराज स्वामी राघवेंद्र, शिविर के मुख्य समन्वयक योगी मनीष भाई विजयवर्गीय ने किया। उत्सव में सम्मिलित हो महाराज को बधाई देने एवं शुभाशीर्वाद पाने के लिए पधारे भक्त जनों को सुख शांति एवं आनंद से परिपूर्ण यशस्वी जीवन जीने के लिए नियमित योगाभ्यास करने एवं योगी दिनचर्या का संदेश महाराज ने दिया।

युवराज स्वामी राघवेन्द्र ने बताया कि शरीर स्वस्थ हो तो मन भी प्रसन्न एवं आनंदित रहता है जो की भक्ति योग, ज्ञान योग एवं कर्म योग में अत्यावश्यक है, इसलिए भक्तगणों के स्वास्थ्य को ख्याल में रखते हुए श्री गलता पीठ द्वारा योगापीस संस्थान एवम् अंजू देवी मेमोरियल ट्रस्ट के सहयोग से आगामी 10 दिसंबर शाम 4 से 6 बजे तक मंदिर प्रांगण में आनंदम योग शिविर आयोजित किया जाएगा जिसमें योगाचार्य ढाकाराम योग प्रशिक्षण प्रदान करेंगे।

28 से.मी. बड़ा और 7.3 किलों वजनी ट्यूमर निकाल रोगी को किया स्वस्थ

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28 cm Big tumor weighing 7.3 kg
28 cm Big tumor weighing 7.3 kg

जयपुर। भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के चिकित्सकों की टीम की ओर से 61 वर्षीय महिला की सर्जरी कर पेट से 28 से.मी. बड़ी और 7.3 किलो वजनी गांठ निकाली गई। डॉ प्रशांत शर्मा और डॉ आकांक्षा दत्त की टीम की ओर से की गई यह सर्जरी गांठ के आकार और वजन की वजह से काफी चुनौतीपूर्ण थी। तीन घंटे चली इस सर्जरी के बाद रोगी पूर्ण रूप से स्वस्थ है और ऑपरेशन के दूसरे दिन से रोगी चलने में सक्षम हो पाया है।

सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ प्रशांत शर्मा ने बताया कि महिला को पिछले छह माह से बार-बार बुखार आना और भूख नहीं लगने की परेशानी थी। महिला ने पहले अपने गृह जिले चितौड़ और फिर उदयपुर में दिखाया। उसके बाद कुछ दिन पूर्व महिला भगवान महावीर कैंसर हॉस्पिटल पहुंची। जांच के बाद महिला का ऑपरेशन कर उसके पेट से गांठ को निकाला गया। डॉ शर्मा ने बताया कि आमतौर पर ऑपरेट होने वाले ट्यूमर का साइज 2 से 8 सेमी का होता है। ट्यूमर का आकार और वजन के कारण रोगी के ऑपरेशन के दौरान कई चुनौतियां थी।

जिसमें सबसे बड़ी चुनौती थी ट्यूमर को फटने से बचाना। टीम में मौजूद कुशल एनिस्थियोलॉजिस्ट और नर्सिंग स्टाफ की वजह से यह ऑपरेशन सफल हो पाया। डॉ प्रशांत शर्मा ने बताया कि गलत जीवनशैली और खान-पान के कारण पेट का निचले हिस्से का आकार उम्र के साथ तेजी से बढता है। खासतौर से महिलाओं में यह समस्या ज्यादा देखा जाता है। यही कारण है कि पेट में बढ़ता ट्यूमर भी रोगी और उसके परिवार के सदस्यों को मोटापा लगता हैै। 40 की उम्र के बाद डॉक्टर की सलाह से हर वर्ष बॉडी चैकअप होना चाहिए। जिससे शरीर में किसी भी तरह की बीमारी को बढ़ने से पहले ही पहचाना जा सके।

कैफे की आड में चल रहे थे हुक्का बार,पुलिस की छापेमारी कर दर्जनों हुक्के, चिलम, पाइप, कटोरी, कई फ्लेवर किए जब्त

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जयपुर। जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने दो अलग-अलग जगहों पर कैफे की आड में चल रहे अवैध हुक्का बार पर छापेमारी की कार्रवाई करते हुए मौके से दर्जनों हुक्के,चिलम, पाइप, कटिंग व कई फ्लेवर जब्त किया है। यह हुक्का बार थाना इलाके के महालक्ष्मी नगर मालवीय नगर स्थित बिलिट्स कैफे और केपटाउन कैफे में चल रहा था। साथ ही हुक्का पिलाने वाले दो आरोपियों को भी गिरफ्तार किया गया है। इसके अलावा हुक्का पीने वाले सौलह व्यक्तियों के खिलाफ कोटपा अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

पुलिस उपायुक्त जयपुर पूर्व ज्ञानचंद चंद यादव ने बताया कि जवाहर सर्किल थाना इलाके में पिछले कुछ दिनों से मालवीय नगर के महालक्ष्मी नगर स्थित बिलिट्स कैफे और केपटाउन कैफे की आड़ में नौजवानों को हुक्का पिलाने की सूचना मिल रही थी। जिस पर एक पुलिस टीम का गठन किया गया है और दोनों जगहों पर पुलिसकर्मी को सादा वर्दी बोगस ग्राहक बना कर भेज कर इसकी तस्दीक करवाई।

इसके बाद पुलिस ने एक साथ दोनों जगहों पर छापामारी की कार्रवाई करते हुए वहां से दर्जनों से अधिक हुक्के, चिलम, पाइप, कटौरी व कई फ्लेवर जब्त किया है। साथ ही हुक्का पिलाने वाले दो कैफे मैनेजर महेंद्र सिंह निवासी डबलाना जिला बूंदी हाल मैनेजर बिलिट्रस और जाबिद खां खत्री निवासी लक्ष्मणगढ़ हाल मैनेजर कैपटाउन को गिरफ्तार किया गया है।

इलाज के बहाने डॉक्टर बनकर ठगों ने व्यवसायी को सम्मोहित कर छह लाख रुपये ठगे

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जयपुर। मालपुरा गेट थाना इलाके में एक बुजुर्ग व्यवसायी को सम्मोहित कर छह लाख रुपये ठगने का मामला सामने आया है। पीडित का आरोप है कि इलाज के बहाने डॉक्टर बनकर दो बदमाश उनके घर आए थे और फिर उसे सम्मोहित होने पर 210 शीशी पस निकालना बताकर रुपए ऐंठ ले गए। पीड़ित व्यवसायी ने थाने मामला दर्ज करवाया है।

जांच अधिकारी पुलिस हेड कांस्टेबल गोपाल ने बताया कि सांगानेर के रहने वाले साठ वर्षीय एक व्यवसायी ने मामला दर्ज करवाया है कि वह पिछले काफी समय से साइटिका नामक बीमारी से ग्रस्त है। उनको चलते-फिरने और उठने-बैठने में प्रॉब्लम आती है। 16 नवंबर को दुकान खोलते समय राहुल नाम का एक लड़का आया और उसने कहा कि आपको देखकर लगता है कि आप साइटिका बीमारी से ग्रस्त है। उसकी माताजी भी पहले इस बीमारी से परेशान थी। अब वह बिल्कुल ठीक हो गई है और आम आदमी की तरफ दौड़ती-चलती है। विश्वास में लेने के लिए अपनी मां का नाम आशा बताया और बात भी करवाई।

युवक ने इलाज के लिए डॉक्टर आर. मर्चेंट का मोबाइल नंबर दिया और कहा कि डॉक्टर आर. मर्चेंट एक विख्यात डॉक्टर है, जो पूरे इंडिया में आम लोगों की भलाई के लिए घूम-घूम कर शर्तिया इलाज करते हैं। वह इलाज कर ठीक कर देंगे। इलाज के लिए उनका काफी लंबे समय का इंतजार करना पड़ता है। वह एक महीने में सिर्फ एक बार ही जयपुर आते हैं। दो दिन के लिए मानसरोवर में इलाज के लिए आ रहे हैं। घर आकर इलाज करने के लिए एक हजार रुपए फीस लेते हैं।

विश्वास में आकर उसने डॉक्टर आर. मर्चेंट से बात की। इसके बाद 18 नवंबर को दोपहर को डॉक्टर मर्चेंट अपने साथी को लेकर घर आया। बातचीत के दौरान बताया कि वह साइटिका बीमारी का ही इलाज करते हैं। उसके पास दिव्य शक्तियां हैं, जिसकी मदद से दो दिन में बिना दवाइयों के बीमारी ठीक कर देते हैं। खुद की तारीफ करने के साथ ही मोबाइल में बीमारी से ग्रसित लोगों के स्वस्थ होने के फोटो-वीडियो दिखाए। बातचीत के बाद पीड़िता ने इलाज के लिए सहमति दे दी।

डॉक्टर ने उन्हें कमरे में पलंग पर उल्टा लिटा दिया और पत्नी को यह कहकर बाहर निकाल दिया कि वह इलाज करते हुए देख नहीं सकेगी। कुछ मिनट चेक करने के बाद बताया कि शरीर के अंदर इन्फेक्शन हो गया है। पीठ के निचले हिस्से में काफी पस भर गया है। पस को जल्दी नहीं निकाला तो पैरालिसिस या गैंगरीन हो सकता है, जिससे मौत भी हो सकती है। यह सुनते ही पत्नी काफी डर गई। इलाज के दौरान एक शीशी पस निकालने के बदले साढे तीन हजार रुपए चार्ज लेने की बात कही।

उन्होंने सहमति दी तो शातिर ने उनको एक टेबलेट खिलाई, जिससे उनकी सोचने-समझने के शक्ति खत्म हो गई। करीब आधे घंटे बाद होश आया तो उसने 210 शीशी पस से भरी दिखाई और कहा कि शरीर के अंदर का सारा पस निकाल दिया है और दो दिन में पूरी तरह स्वस्थ हो जाएंगे। ठगों ने 210 शीशी पस निकालने का चार्ज सात लाख रुपए बताया। रुपयों की व्यवस्था नहीं होने पर कुछ कम रुपए देना तय हुआ और इलाज के बदले दोनों छह लाख रुपए लेकर चले गए।

उन लोगों के जाने के कुछ देर बाद उसे धोखे से रुपए ऐंठने का एहसास हो गया। दो दिन बाद भी स्वास्थ्य में सुधार नहीं होने पर उसे धोखे का यकीन हो गया। उसे डॉक्टर आर. मर्चेंट ने बात की तो तीन लाख रुपए की दवा लेने के लिए कहा। दौसा और हरिद्वार से मंगा कर देने वाली दवाइयों से तुरंत असर का दावा किया। आरोपियों से मोबाइल कॉल पर बात करने की कोशिश की तो उन्होंने मना कर दिया। ठगी का एहसास होने पर पीड़ित ने थाने में मामला दर्ज करवाया।

सरपंच दो लाख चालीस हजार रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार

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जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) की चितौडगढ़ टीम ने शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए ग्राम पंचायत जाड़ाना तहसील राश्मी जिला चितौडगढ़ सरपंच को परिवादी से दो लाख चालीस हजार रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।

भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो के अतिरिक्त महानिदेशक हेमन्त प्रियदर्शी ने बताया कि एसीबी की चितौडगढ़ टीम को परिवादी ने शिकायत दी कि उसके कब्जाशुदा भूखण्ड का पट्टा जारी करने की एवज में सरपंच संजय सुखवाल उर्फ संजू तीन लाख चालीस हजार रूपये की रिश्वत राशि की मांग कर रहा है। एसीबी की चितौडगढ़ टीम अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कैलाश सान्दू के निर्देशन में शिकायत का सत्यापन कर ट्रेप की कार्रवाई करते हुए सरपंच संजय सुखवाल उर्फ संजू दो लाख चालीस हजार रूपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है।

उल्लेखनीय है कि आरोपी सरपंच ने शिकायत के सत्यापन के दौरान ही परिवादी से एक लाख रुपये की रिश्वत के रूप में वसूल किये जा चुके थे। जिनको एसीबी टीम ने बरामद किये जाने के प्रयास जारी है। आरोपी सरपंच द्वारा हाल ही में जारी किये गये अन्य पट्टों के संबंध में भी एसीबी की टीम जांच कर रही है।

दो मैरिज गार्डनों से सोने-चांदी के जेवरात सहित रुपये से भरा बैग चोरी

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जयपुर। शिवदासपुरा और मानसरोवर थाना इलाके में स्थित दो मैरिज गार्डनों से बदमाश लाखों रुपए कीमत के सोने-चांदी के जेवरात सहित रुपये से भरा बैग चोरी होने का मामला सामने आया है। जानकारी के अनुसार दोनों ही मैरिज गार्डन में शादी का कार्यक्रमों के दौरान चोरी की वारदात की गई। जहां नजर बचाकर बदमाश सोने-चांदी के जेवरात सहित रूपये से भरे बैग को बडी से आसारी ने पार कर ले गए। दोनों ही पीड़ितों ने मानसरोवर और शिवदासपुरा थाने में मामला दर्ज करवाया है।

पुलिस ने बताया कि चम्मा नगर गुर्जर की थड़ी निवासी पंकज शर्मा ने मानसरोवर थाने में मामला दर्ज करवाया है कि 29 नवंबर को उनकी बहन की शादी का कार्यक्रम लवकुश नगर मांग्यावास स्थित ज्याना पैराडाइज में चल रहा था। रात साढे दस बजे उसकी माताली स्टेज पर फोटो खिचवाने गई। उन्होंने अपना बैग स्टेज पर ही रख दिया। इस दौरान मौका पाकर बदमाश ने स्टेज पर रखा बैग चोरी कर लिया। थोड़ी देर बाद बैग को देखा तो गायब था।

चोरी हुए बैग में 1.20 लाख रुपये सहित अन्य कीमती सामान रखा था। वहीं शिवदासपुरा थाने में लालकोठी निवासी प्रकाश ने मामला दर्ज करवाया है कि 25 नवंबर को उसकी बेटी की शादी का कार्यक्रम चंदन वन मैरिज गार्डन में था। फोटो सेशन के दौरान उन्होंने हाथ में ले रखा बैग पास ही में रख दिया। इस दौरान बदमाश नजर बचाकर बैग ले गए। बैग में करीब 3 लाख रुपए थे। कुछ देर बाद बैग संभालने पर चोरी का पता चला। पुलिस मैरिज गार्डन में लगे सीसीटीवी फुटेजों को खंगाल चोरों की तलाश की जा रही है।

अवैध हथियार सहित दो बदमाश चढे पुलिस के हत्थे

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जयपुर। जयपुर कमिश्नरेट की स्पेशल टीम (सीएसटी) ने ऑपरेशन एक्शन अगेंस्ट गन (आग) के तहत मानसरोवर एवं जवाहर सर्किल थाना इलाके में कार्रवाई करते हुए आरोपियों को धर-दबोचा है। जिसमें एक बाल अपचारी है। पुलिस ने आरोपियों के पास से दो पिस्टल जब्त की गई है। फिलहाल आरोपियों से पूछताछ की जा रही है।

जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ ने बताया कि जयपुर शहर में चलाए जा रहे ऑपरेशन एक्शन अगेंस्ट गन (आग) के तहत सीएसटी ने मानसरोवर एवं जवाहर सर्किल थाना इलाके में कार्रवाई करते हुए अवैध हथियार रखने के मामले में आकाश गोविल (36) निवासी मानसरोवर को गिरफ्तार किया गया है और साथ ही एक बाल अपचारी को निरुद्ध किया गया है। पुलिस ने आरोपियों के पास से अवैध हथियार दो पिस्टल जब्त की गई है।

पुलिस पूछताछ में सामने आया कि गिरफ्तार आरोपी आकाश गोविल मानसरोवर जयपुर में कार बाजार का काम करता है और व्यापार में लोगों को डराने-धमकाने के लिये हथियार रखना स्वीकार किया है। आरोपित ने अवैध हथियार धौलपुर के बदमाष टीटु नामक व्यक्ति से खरीदना बताया है।

वहीं निरुद्ध किए गए बाल अपचारी ने अवैध हथियार अपने दोस्त नीरज माथुर का हथियार होना बताया, जो चुनावों की आचार संहिता को लेकर हथियार मेरे पास रखने के लिये दिया था। फिलहाल गिरफ्तार आरोपी एवं अनिरुद्ध बाल अपचारी से अवैध हथियार की खरीद-फरोख्त के बारे में पूछताछ की जा रही है।

पूर्व आईजी और उसके परिवार के खिलाफ महिला ने लगाए अत्याचार के आरोप

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जयपुर। एक महिला ने पूर्व आईजी यू एल छानवाल और उसके परिवार पर अत्याचार करने का आरोप लगाया है। महिला न्याय के लिए दर-दर की ठोकरे खाने को मजबूर है। पीड़ित ने पूर्व आईजी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ बूंदी सदर और गांधी नगर थाने में मामले दर्ज करवा रखे है।

पीडि़ता ने पिंकसिटी प्रेस क्लब में एक प्रेस वार्ता आयोजित कर बताया कि उसका पति जेल में विभाग में कार्यरत था। कोरोना के दौरान उनका देहांत हो गया था। पति के स्थान पर उसे उदयपुर में नौकरी पर लगाया गया। कुछ दिन बाद उसका ट्रांसफर जयपुर महिला जेल में हो गया। यहां पर उसकी मुलाकात तत्कालीन आईजी जेल यू एल छानवाल से हो गई। छानवाल ने उसे शादी का प्रस्ताव रखा। चूंकि छानवाल की भी पत्नी का देहांत हो चुका था तो उसने शादी के लिए हामी भर दी। 16 नवम्बर 22 को उसकी शादी छानवाल से हो गई। इसका रजिस्ट्रेशन बूंदी नगर निगम में करवाया गया। शादी के साल भर तक सब कुछ ठीक-ठाक चला। इसके बाद छानवाल के बेटे आशीष, बेटी पिंकी ने उसके साथ मारपीट करना शुरू कर दिया और दो दिन तक उसे कमरे भी बंद रखा। 11 अगस्त 23 को उसे घर से बेदखल कर दिया गया। इस पर उसने बूंदी के सदर थाने में मामला दर्ज करवाया।

इस पर छानवाल ने उसे नौकरी से भी निकलवा दिया। इससे उसके सामने अपने बच्चों के लालन-पालन का सकंट खड़ा हो गया। पीडिता ने मीडिया के समक्ष उसे भरण-पोषण दिलाने साथ रहने के आवास की व्यवस्था की गुहार लगाई। आईजी छानवाल 31 जनवरी 23 को सेवा से रिटायर्ड हो गए।

भारतीय नियोक्ताओं को विश्वास है कि एआई से नौकरियों में वृद्धि होगी, इनडीड का खुलासा

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बैंगलुरू। अग्रणी ग्लोबल हायरिंग और मैचिंग प्लेटफॉर्म, इनडीड द्वारा किए गए एक अध्ययन में खुलासा हुआ कि कार्यस्थल पर लोग आर्टिफिशियल इंटैलिजेंस (एआई) के प्रभाव को लेकर क्या सोचते हैं। इस अध्ययन में नियोक्ताओं, नौकरी तलाशने वालों और एआई के बीच विकसित होते हुए संबंध के बारे में पता चला, और उनकी अपेक्षाओं एवं चिंताओं तथा नियुक्ति प्रक्रिया में एआई के मौजूदा उपयोग के बारे में जानकारी सामने आई।

इस सर्वे के मुताबिक, भारतीय नियोक्ता एआई को लेकर आशान्वित हैं। उनमें से 85 प्रतिशत से ज्यादा एआई द्वारा 1 से 5 सालों में नई नौकरियों का सृजन होने की उम्मीद कर रहे हैं। नौकरी चाहने वाले अधिकांश प्रत्याशी (63 प्रतिशत) इसके प्रभाव को लेकर उत्साहित हैं, और 53 प्रतिशत इस बात पर सहमत हैं कि एआई से नई नौकरियों का सृजन होगा। नौकरी तलाशने वालों की यह आशावादिता इस विश्वास पर आधारित है, कि एआई सेः

  • काम ज्यादा उत्पादक बनेगा और उसका प्रबंधन आसान हो जाएगा (86 प्रतिशत)
  • नौकरी तलाशने वाले नए कौशल प्राप्त कर पाएंगे या उनका कौशल बढ़ेगा (85 प्रतिशत)
  • नौकरी तलाशने वाले ज्यादा जटिल, महत्वपूर्ण कामों पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे (47 प्रतिशत)
  • केवल अनुभव की बजाय अपने कौशल और क्षमता के आधार पर नियुक्ति पाने में मदद मिलेगी (43 प्रतिशत)

नियोक्ताओं (85 प्रतिशत) को यह भी विश्वास है कि एआई से कर्मचारियों के काम की प्रकृति में सुधार आ सकता है, और उनके कर्मचारियों (77 प्रतिशत) के लिए करियर विकास के अवसर एवं नौकरी की सुरक्षा बढ़ सकते हैं।

सशि कुमार, हेड ऑफ सेल्स, इनडीड इंडिया ने कहा, ‘‘यह नया सर्वे एक उत्साहवर्धक खबर लाया है कि नौकरी तलाशने वाले न केवल एआई की संभावनाओं को जानते हैं, बल्कि इसकी क्षमता को लेकर उत्साहित भी हैं। इससे प्रदर्शित होता है कि नौकरी तलाशने वाले अपने करियर में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए एआई को अपनाने के लिए तैयार हैं। हालाँकि नियोक्ताओं को ऐसा ढाँचा बनाने के लिए मिलकर काम करना होगा, जो टेक्नोलॉजिकल प्रगति की ओर इसका प्रभावी उपयोग कर सके।’’

जहाँ भारत में नौकरी तलाशने वाले एआई सिस्टम और टूल्स के लाभों को स्वीकार करते हैं, वहीं उनके मन में कुछ शंकाएं भी हैं। मुख्य शंकाओं में नया कौशल प्राप्त करने या कौशल संवर्धन की जरूरत (43 प्रतिशत), उद्योग या व्यवसाय में नौकरियों के नुकसान (29 प्रतिशत), और नैतिक डर (20 प्रतिशत) शामिल हैं। इसके अलावा, वो काम में अपनी सेहत (17 प्रतिशत) और पूर्वाग्रह की संभावना (15 प्रतिशत) के नकारात्मक प्रभाव के बारे में अपनी शंका जाहिर करते हैं।

एआई से नियुक्ति के परिवेश में क्या परिवर्तन आ सकता है

इस सर्वे में यह भी सामने आया कि एआई भारत में नियुक्ति के परिदृश्य में क्या परिवर्तन ला सकता है, और नियोक्ताओं एवं नौकरी तलाशने वाले नौकरी तलाशने की प्रक्रिया में इसके द्वारा क्या प्रभाव उत्पन्न होने की अपेक्षा कर रहे हैं। 90 प्रतिशत एचआर/टेलेंट एक्विज़िशन लीडर्स का मानना है कि एआई सिस्टम्स और टूल्स की मदद से उनका काम आसान हो जाएगा, और 86 प्रतिशत का मानना है कि एआई से भर्ती और प्रत्याशियों के अनुभव में सुधार आ सकता है। 81 प्रतिशत को उम्मीद है कि एआई सिस्टम्स और टूल्स द्वारा वो अपनी नौकरी में ज्यादा ‘मानवीय’ पहलू पर ध्यान केंद्रित कर पाएंगे।

नौकरी तलाशने वाले अधिकांश लोगों (78 प्रतिशत) का मानना है कि एआई सिस्टम्स और टूल्स के विकास से भर्ती और प्रत्याशी के अनुभव में सुधार आएगा। हालाँकि, आधे (50 प्रतिशत) से ज्यादा नौकरी तलाशने वालों को चिंता है कि एआई भर्ती प्रक्रिया में मानवीय निर्णय और विवेक का स्थान ले लेगा। नौकरी तलाशने की एक निष्पक्ष और पूर्वाग्रहरहित प्रक्रिया के लिए नौकरी तलाशने वाले नियोक्ताओं से अपेक्षा करते हैं कि वो मानवीय दृष्टिकोण/निगरानी (48 प्रतिशत) बनाए रखेंगे, और एआई सिस्टम्स एवं टूल्स के लिए इस्तेमाल हो रहा डेटा अल्पसंख्यक समूहों (41 प्रतिशत) का प्रतिनिधित्व करे।

भारत अपने वैश्विक समकक्षों के सामने कहाँ खड़ा है

भारत में उत्तरदाता एआई की ओर सबसे ज्यादा अग्रसर हैं, 98 प्रतिशत एचआर प्रोफेशनल्स और 91 प्रतिशत नौकरी तलाशने वालों ने बताया कि वो काम के लिए एआई का उपयोग कर रहे हैं। इसके मुकाबले, जापान में एक तिहाई से ज्यादा एचआर प्रोफेशनल्स (35 प्रतिशत) और आधे से ज्यादा नौकरी तलाशने वालों (53 प्रतिशत) ने कहा कि वो व्यावसायिक रूप से एआई टूल्स का उपयोग नहीं कर रहे हैं। फ्रांस में स्थिति इसके विपरीत है, जहाँ 30 प्रतिशत नौकरी तलाशने वालों और 25 प्रतिशत एचआर प्रोफेशनल्स ने बताया कि उन्हें इस टेक्नोलॉजी को लेकर डर है।

एआई को अपनाने वाले अन्य देश यूएस और कैनेडा हैं, जहाँ 92 प्रतिशत एचआर प्रोफेशनल्स और यूके में 88 प्रतिशत इसका उपयोग कर रहे हैं। हालाँकि इन देशों में नौकरी तलाशने वाले इसका विरोध कर रहे हैं, और यूके में 41 प्रतिशत, यूएस में 30 प्रतिशत, और कैनेडा में 42 प्रतिशत नौकरी तलाशने वालों ने बताया कि वो वर्तमान में एआई का उपयोग नहीं करते हैं।

विधि

यह सर्वे सेंससवाईड द्वारा पूरे विश्व के सात देशों में इनडीड की ओर से 7275 नियोक्ताओं और कर्मचारियों के बीच किया गया। भारत में 1142 नियोक्ताओं और नौकरी तलाशने वालों का सर्वे किया गया।

डॉ.कृति ने झारखंड के अधिकारियों को बाल विवाह उन्मूलन व पुनर्वास की ट्रेनिंग दी

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Dr. Kriti gave training to Jharkhand officials on eradication and rehabilitation of child marriage.
Dr. Kriti gave training to Jharkhand officials on eradication and rehabilitation of child marriage.

जोधपुर। सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती ने झारखंड जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को संयुक्त रूप से बाल विवाह उन्मूलन, निरस्त व पुनर्वास की कानूनी प्रक्रिया, काउंसलिंग और अधिकारियों के प्रभावी दायित्व निष्पादन की ट्रेनिंग दी। वहीं अधिकारियों को बाल संरक्षण कानूनों के बारे में भी जानकारी दी।

झारखंड राज्य के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च लॉ (एनएलयू) रांची के सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स, यूनिसेफ झारखंड और झारखंड स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी की संयुक्त मेजबानी में बाल विवाह रोकथाम, लैंगिक हिंसा,बाल केंद्रित जोखिम की प्रभावी रोकथाम, मेंटल हेल्थ और साइकोसोशल सपोर्ट केंद्रित ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। जिसमें झारखंड राज्य के महिला बाल विकास विभाग, यूनिसेफ, सीसीएस,जेएसपीएलएस, स्कीपा, सीआईपी, रिनपास, उच्च व स्कूल शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रशिक्षक अधिकारियों को रेजिडेंशियल ट्रेनिंग दी गई। इस स्पेशल ट्रेनिंग में बतौर स्पेशल ट्रेनर देश में पहला बाल विवाह निरस्त करवाने वाली चाइल्ड एंड वूमन राइट्स एक्टिविस्ट व एडवोकेट डॉ.कृति भारती को शामिल किया गया।

डॉ.कृति भारती ने उक्त उच्चाधिकारियों को बाल विवाह उन्मूलन, बाल विवाह निरस्त और पुनर्वास के लिए प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए ट्रेनिंग दी। जिसमें बाल विवाह रोकथाम के लिए अधिकारियों के दायित्व, ओरिएंटेशन व जन जागरूकता, ग्राउंड फोर्स डेवलप करने, बाल विवाह के ऑन स्पॉट एक्शन प्रोसेस,फील्ड में आने वाली चुनौतियों से सामना करने के समाधान , पॉक्सो, जेजे एक्ट और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम,पीड़ितों की काउंसलिंग और पुनर्वास प्रयास आदि की भी जानकारी दी।

वहीं बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लिए बाल विवाह निरस्त की कानूनी प्रक्रिया से भी अवगत करवाया। इस मौके पर झारखंड राज्य की स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी के उप सचिव विकास कुमार, एसआईआरडी रांची के जेएसए व्याख्याता ठाकुर गौरी शंकर शर्मा, स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के जेएसए ऑफिसर इंचार्ज जितेंद्र सिंह,यूनिसेफ सीपीएस प्रीति श्रीवास्तव, यूनिसेफ झारखंड चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर गौरव यादव, एनएलयू के देबर्षी व अन्य ने डॉ.कृति भारती का अभिनंदन किया। वहीं डॉ.कृति भारती के बाल विवाह निरस्त व रोकथाम की साहसिक मुहिम की मुक्त कंठ सराहना की।

उल्लेखनीय है कि डाॅ.कृति भारती मसूरी आईएएस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट लबासना, सशस्त्र सीमा बल, राज्य एवं जिला विधिक प्राधिकरण,पुलिस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, रीपा जयपुर एवं यूनिसेफ आदि नामचीन इस्टीट्यूट में नियमित ट्रेनिंग देती रहती है। डॉ.कृति ने देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाकर अनूठी पहल की थी। डाॅ.कृति ने अब तक 50 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाए और हजारों बाल विवाह रूकवाए हैं।

जिसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स,एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, वर्ल्ड रिकाॅर्ड्स इंडिया, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सहित 9 रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया। डाॅ.कृति की मुहिम को सीबीएसई पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया। डाॅ.कृति भारती को अन्तर्राष्ट्रीय संगठन गर्ल्स नाॅट ब्राइड की ओर चेंज मेकर सम्मान, लंदन में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान, बीबीसी की 100 प्रेरणादायक महिलाओं की सूची में शामिल होने के अलावा ग्लोबल अवाॅर्ड, मारवाड़ रत्न, मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।