Yash Bharadia of Jaipur became International Master
जयपुर। चेस पेरेंट्स एसोसिएशन राजस्थान और राजस्थान शतरंज संघ ने यश भराड़िया को इंटरनेशनल मास्टर (आईएम) बनने पर दी हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं। चेस पेरेंट्स एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी जिनेश कुमार जैन ने बताया कि बेलग्रेड, सर्बिया में आयोजित टूर्नामेंट में यश ने 9 राउंड में 7 अंक प्राप्त किए और 2549 के प्रदर्शन रेटिंग के साथ पहले स्थान पर रह कर इंटरनेशनल मास्टर के पद को हासिल किया।
यह उपलब्धि उनकी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ती प्रतिष्ठा का संकेत है। यश भराड़िया राजस्थान से उभरते हुए सबसे युवा और प्रतिभाशाली इंटरनेशनल मास्टर्स में से एक हैं, और उन्होंने कम उम्र में असाधारण उपलब्धियों हासिल की है।
जयपुर। जवाहर कला केंद्र की ओर से आयोजित जूनियर समर कैंप में जहाँ एक ओर बच्चों को आधुनिक कलाओं से रूबरू कराया जा रहा है, वहीं उन्हें भारतीय संस्कृति से जोड़ने के लिए लोक और पारंपरिक कलाओं का प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। इन्हीं में से एक लुप्त होती कला ‘फड़ चित्रण’ है, जिसे बच्चे पूरे उत्साह और लगन से सीख रहे हैं।
फड़ चित्रण की क्लास में दस से सोलह वर्ष आयु वर्ग के बच्चों ने भाग लिया है। इस पारंपरिक कला का प्रशिक्षण अभिषेक जोशी दे रहे हैं। अभिषेक बताते हैं कि फड़ चित्रण में मुख्यतः देवी-देवताओं के चित्र बनाए जाते हैं, जिसमें हर आकृति एक निश्चित अनुपात के आधार पर रची जाती है। कक्षा में बच्चे अपनी कल्पनाओं को कैनवास पर उकेर रहे हैं। फूलों और पत्तों को चित्रित करने की यह शैली विशिष्ट तकनीक पर आधारित होती है।
सह प्रशिक्षक सीमा जोशी भी बच्चों को यह कला सिखाने में साथ दे रही हैं। यहां बच्चों ने राधा-कृष्ण, रिद्धि-सिद्धि संग विराजमान श्री गणेश, झूले पर झूलती महिला और केले के पेड़ जैसी विभिन्न कलाकृतियों को कैनवास पर उकेरा है। इसके लिए बच्चे जल रंगों का उपयोग कर रहे हैं, जबकि पारंपरिक फड़ चित्रण में स्टोन कलर का इस्तेमाल किया जाता है। यह प्रशिक्षण न केवल बच्चों की कला में रुचि बढ़ा रहा है, बल्कि उनके हाथों को एक सधा हुआ शिल्प भी प्रदान कर रहा है।
A meeting of CLG and peace committee members was organized to maintain law and order
जयपुर। कोटखावदा थाना पुलिस ने आगामी त्योहारों और पर्वों के दौरान कानून व्यवस्था व सामाजिक समरसता कायम रखने के लिए सीएलजी व शांति समिति सदस्यों की बैठक का आयोजन किया। इस पर बैठक में आगामी त्योहारों के मध्यनजर सामाजिक समरसता व सामाजिक सौहार्द कायम रखने की अपील की गई।
पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण दिगत आनंद ने बताया कि आगामी त्यौहारों( बकरा ईद, रथ यात्रा) के मध्यनजर कानून व्यवस्था व सामाजिक सौहार्द कायम रखने के लिए समस्त थानाधिकारी को अपने-अपने थाना क्षेत्र में शांति समिति,सीएलजी, पुलिस मित्र,सुरक्षा सखी, ग्राम रक्षक सदस्यों की बैठक आयोजित कर क्षेत्र की माकूल कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए निर्देशित किया गया है।
जिस पर अतिरिक्त पुलिस उपायुक्त जयपुर दक्षिण ललित शर्मा के निर्देशन व सहायक पुलिस आयुक्त चाकसू जयपुर दक्षिण सुरेंद्र सिंह के मार्गदर्शन में थानाधिकारी कोटखावदा भरत महर ने मंगलवार को पुलिस थाना कोटखावदा पर आगामी त्योहारों के मध्यनजर शांति समिति, सीएलजी, पुलिस मित्र, सुरक्षा सखी, ग्राम रक्षक सदस्यों की बैठक आयोजित की गयी।
इस बैठक में आगामी त्योहारों के मध्यनजर सामाजिक समरसता व सामाजिक सौहार्द कायम रखते हुए तीज-त्योहार शांतिपूर्वक कानून व्यवस्था माकूल रखते हुए मनाने की अपील की गयी व असामाजिक तत्वों द्वारा किसी प्रकार की कानून- व्यवस्था व सामाजिक सौहार्द भंग होने की सूचना प्राप्त होने पर त्वरित सूचित करने की अपील की गयी। ताकि समय पर असामाजिक तत्वों के खिलाफ प्रभावी कार्यवाही कर किसी प्रकार की कानून-व्यवस्था भंग होने की परिस्थितियों से बचाव किया जा सके व सामाजिक समरसता कायम रखी जा सकें।
बैठक में उपस्थित सदस्यों द्वारा कस्बा कोटखावदा में यातायात व्यवस्था के सबंध में अपने सुझाव व्यक्त किये गये । जिन पर अमल किया जाकर के कस्बा की यातायात व्यवस्था सुचारू रखने हेतु व्यापार मंडल / स्थानीय प्रशासन / ग्राम पंचायत से समन्वय कर यातायात-व्यवस्था को प्रभावित करने वाली / अवरूद्व सडक को अतिक्रमण मुक्त करवाने हेतु आश्वस्त किया गया।
साथ ही मुख्य बाजार से तेज आवाज में लाउडस्पीकर चलाकर के आमजन को परेशान करने वाले वाहन चालकों के विरुद्ध प्रभावी कार्य करने व रात्रि में बाजार की गश्त व्यवस्था प्रभावी रूप से किया जाकर के कपड़ा बाजार व नरसिंह चौक के आस पास के क्षेत्र में प्रभावी गश्त करने के लिए आश्वस्त किया गया।
जयपुर। अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के तत्वावधान में चल रहे पर्यावरण जागरूकता अभियान के अंतर्गत देशभर की अणुव्रत समितियां व मंच विश्व पर्यावरण दिवस 5 जून को एक जन-जागरूकता पहल की हैं। इस दिन समितियों ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे अपने संस्थानों, दुकानों एवं कार्यालयों, घरों में आगामी 5 जून को दोपहर 2 से 4 बजे तक अपने एयर कंडीशनर बंद रखें ताकि ऊर्जा संरक्षण और पर्यावरण के प्रति संवेदनशीलता को बढ़ावा दिया जा सके।
इस अभियान का नेतृत्व अणुव्रत विश्व भारती सोसायटी के राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रताप सिंह दुग्गड़ ने बताया कि यह अभियान जलवायु संतुलन की दिशा में एक छोटा परन्तु महत्वपूर्ण प्रयास है। देशभर में हजारों अणुव्रत कार्यकर्ता पर्यावरण संरक्षण हेतु विविध जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं। सोसायटी के महामंत्री मनोज सिंघवी ने बताया कि जनभागीदारी से छोटे छोटे प्रयोग, बड़े एवं सकारात्मक जन जागरूकता की दिशा में एक सशक्त प्रयास होंगे।
अणुविभा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं पर्यावरण प्रभारी विनोद कोठारी ने बताया कि यह पहल केवल एक प्रतीकात्मक कार्य नहीं, बल्कि हर नागरिक को पर्यावरण के प्रति संवेदनशील बनाने की एक ठोस पहल है। छोटे-छोटे प्रयास जब सामूहिक बनते हैं, तो बड़े परिवर्तन का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
अणुव्रत समिति जयपुर के अध्यक्ष विमल गोलछा एवं मंत्री डॉ. जयश्री सिद्धा ने बताया कि अपने स्थानीय स्तर पर भी विविध आयोजन करेगी जिसमें इको-फ्रेंडली कैरी बैग का वितरण,अणुव्रत वाटिका का शुभारंभ,पर्यावरण प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता, पर्यावरण जागरूकता रैली,लघु नाटिका, संगोष्ठियां एवं संवाद सत्र,वृक्षारोपण एवं पौधों का वितरण आदि अनेकों पर्यावरण संरक्षण सम्बन्धित गतिविधियों का समावेश होगा।
राष्ट्रीय पर्यावरण संयोजिका डॉ.नीलम जैन ने बताया कि अणुविभा के निर्देशन में पूरे देश की अणुव्रत समितियां, अणुव्रत मंच एवं विविध समवैचारिक संस्थाओं के माध्यम से वृहद स्तर पर जन भागीदारी से यह अभियान सफल हो सकेगा।
On World Environment Day, hundreds of doctors will give the message of environmental protection by cycling
जयपुर। जयपुर मेडिकल एसोसिएशन की ओर से विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष्य पर 5 जून (गुरुवार) को पर्यावरण संरक्षण का संदेश देने के लिए एक साइकिल रैली का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें सैकड़ों की संख्या में चिकित्सक शामिल होंगे।
एसोसिएशन अध्यक्ष जगदीश मोदी ने बताया कि गुरुवार की सुबह इस साइकिल रैली में जयपुर के सैकड़ों चिकित्सक साइकिल से पर्यावरण संरक्षण का संदेश देंगे। साथ ही इस रैली को जयपुर मेडिकल एसोसिएशन भवन से वरिष्ठ हृदय रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पुष्पेंद्र गर्ग द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाएगा। यह रैली जयपुर मेडिकल एसोसिएशन भवन से महारानी कॉलेज,अजमेरी गेट, छोटी चौपड़, त्रिपोलिया गेट, बड़ी चौपड़ होते हुए हवा महल तक जाएगी।
वहां से वापस जयपुर मेडिकल एसोसिएशन सभागार में आएगी। वहां रैली में भाग लेने वाले समस्त प्रतिभागियों का प्रशस्ति पत्र और मेडल देकर सम्मान किया जाएगा। सचिव डॉ अनुराग तोमर ने बताया कि जयपुर मेडिकल एसोसिएशन द्वारा साइकिल रैली का आयोजन किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य पर्यावरण संरक्षण और स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना है।
Minister Avinash Gehlot inaugurated the loan portal for Scheduled Castes and Tribes
जयपुर। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग मंत्री अविनाश गहलोत ने मंगलवार को शासन सचिवालय में राजस्थान अनुसूचित जाति जनजाति वित्त एवं विकास सहकारी निगम लिमिटेड के ऋण आवेदन पोर्टल का शुभारम्भ किया गया।
इस अनुजा निगम के ऋण पोर्टल में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति,सफाई कर्मचारी, दिव्यांगजन एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों द्वारा स्वरोजगार के लिए ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जाएगा। इन वर्गों के व्यक्तियों द्वारा 31 अगस्त 2025 तक ऋण के लिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है।
मंत्री अविनाश गहलोत ने बताया कि ऑनलाईन ऋण आवेदन ई-मित्र के माध्यम से अथवा लाभार्थी अपनी स्वयं की एसएसओ आईडी से भर सकता है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के व्यक्तियों को राशि रूपये 37.50 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है। यह ऋण राशि राज्य सरकार द्वारा अनुजा निगम को उपलब्ध कराई गई है। सफाई कर्मचारी एवं दिव्यांगजनों को भारत सरकार की राष्ट्रीय निगमों के माध्यम 10.00 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में निम्नानुसार उपलब्धि प्राप्त की गई है। बजट घोषणा वर्ष 2025-26 में अनुसूचित जाति,अनुसूचित जनजाति, सफाई कर्मचारी, दिव्यांगजन एवं अन्य पिछड़ा वर्ग के डिफाल्टर ऋणियों को ऋण चुकाने में राहत के लिए एकमुश्त समाधान योजना प्रारम्भ की गई है। उक्त वर्गो के ऋणी जो 30 सितम्बर 2025 तक अपना मूलधन जमा करा देंगे उनको अतिदेय ब्याज एवं पेनल्टी की छूट दी जाएगी। राज्य सरकार द्वारा अतिदेय ब्याज एवं पेनल्टी की राशि उपलब्ध कराई जाएगी।
Vande Ganga Water Conservation- Public campaign will change the image and fate of Jaipur's water sources
जयपुर। विश्व पर्यावरण दिवस एवं गंगा दशमी के अवसर पर प्रदेशव्यापी वंदे गंगा जल संरक्षण- जन अभियान का शुभारंभ होगा। राज्य सरकार ने 5 से 20 जून तक प्रदेशभर में वंदे गंगा जल संरक्षण-जन अभियान संचालित करने का फैसला किया है। अभियान का शुभारम्भ मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कर कमलों से होगा।
जिला कलेक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने विभागीय अधिकारियों को अभियान को सफल बनाने एवं जन-जन का अभियान बनाने के लिए आपसी समन्वय एवं सहयोग से अभियान की समस्त तैयारियां सुनिश्चित कराने के निर्देश दिए हैं। अभियान के तहत जिले के जल स्रोतों, नदियों, जलधाराओं एवं तालाबों पर जल पूजन, कलश यात्रा, जागरूकता कार्यक्रम व स्वच्छता अभियान, जल संग्रहण संरचनाओं का लोकार्पण और नई संरचनाओं के शिलान्यास जैसे कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। हर गांव और हर व्यक्ति को अभियान से जोड़ते हुए इसे जन आंदोलन का स्वरूप दिया जाएगा।
जिला कलक्टर डॉ. जितेन्द्र कुमार सोनी ने जिले के भामाशाहों, जनप्रतिनिधियों, स्वयंसेवी संस्थाओं, कार्मिकों और आमजन से अभियान को जन आंदोलन बनाने का आह्वान किया। मुख्य कार्यकारी अधिकारी, जिला परिषद प्रतिभा वर्मा ने बताया कि ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज वन विभाग, जल संसाधन एवं अन्य विभागों के 56.49 करोड़ की लागत के 1778 कार्यों का लोकार्पण एवं अवलोकन किया जावेगा।
शहरी क्षेत्र में गलता जी तीर्थ, जग्गा की बावडी, खनिया की बावड़ी एवं अन्य महव्वपूर्ण स्थानों पर श्रमदान, पौधारोपण तथा साफ सफाई का आयोजन किया जावेगा। साथ ही, विभिन्न विभागों के करीब 99 करोड़ की कुल 1 हजार 949 कार्यों का शुभारंभ एवं शिलान्यास किया जायेगा। अभियान के तहत 1 हजार 500 राजस्व गांवों में पौधारोपण के कार्य भी किया जाएंगे।
उन्होंने बताया कि अभियान के दौरान महापुरुषों के प्रतिमाओं की सफाई, अस्पतालों की स्वच्छता, तुलसी के पौधों का वितरण जैसी अन्य गतिविधियों भी आयोजित होंगी। इस अवसर पर जल पूजन कार्यक्रम किया जाएगा जागरूकता बढ़ाने और परंपरागत स्रोतों के संरक्षण के प्रति जागरूक करने के विशेष कार्यक्रमों का भी राजस्व ग्राम स्तर पर आयोजन किया जावेगा।
उन्होंने बताया कि वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान को सफल बनाने के लिए अधिकांश विभागों को जिम्मेदारी दी गई है साथ ही जिले समस्त जन प्रतिनिधियों से भी अनुरोध किया गया है, अभियान में राजीविका स्वयं सहायता समूह की महिलाओ का ग्रामीण क्षेत्र में जागरूकता के लिये विशेष सहयोग लिया जाएगा।
जयपुर। पूर्व मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था पूरी तरह से चौपट हो गई है।रोजाना लूट, डकैती ,हत्या, बलात्कार के कैसे हो रहे हैं।
चित्तौड़ और झालावाड़ की हत्या सबके सामने है बजरी माफिया का आतंक है एक रिटायर्ड पुलिस अधिकारी के बेटे की खुलेआम ढाबे पर बैठे हुए हत्या कर दी जाती है। झालावाड़ में भाजपा के नेता की हत्या हो जाती है ,कोई आदमी सुरक्षित नहीं है।
आप यूट्यूब और गूगल पर जाइए पूरे देश में सबसे असुरक्षित शहरों में राजधानी जयपुर आने लगी है । कानून व्यवस्था की पूरी जिम्मेदारी राज्य की भाजपा सरकार की है। इसमें राजनीति करने का वक्त नहीं है मुख्यमंत्री को आगे बढ़कर कानून व्यवस्था को ठीक करने के लिए सख्त कदम उठाने होंगे।
पुलिस और माफिया की सांठ गांठ है ऐसे में पुलिस का इकबाल खत्म हो गया। पुलिस का डर बंद हो गया । अब मुख्यमंत्री और सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि वह कानूनी व्यवस्था को ठीक करें। क्योंकि आम आदमी सड़क पर निकलने से डरने लगा है। बच्चियों से बलात्कार के सारे रिकॉर्ड राजस्थान ने तोड़ दिए। राजस्थान के लिए तो यह कहने लग गए राजस्थान नहीं हत्या स्थान हो गया। क्योंकि हत्याओं के सारे रिकॉर्ड टूट गए सरेआम अपराधी निकलते हैं।
गाड़ी में किसी को भी उठाकर ले जाते हैं और हाथ पांव तोड़ देते हैं और बाहर से आकर गैंग राजस्थान में और जयपुर में खुलेआम लोगों की हत्या करके निकल जाते हैं। कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी पूरी तरह से राज्य की भाजपा सरकार की है । हम लोग मांग करते हैं कि तुरंत प्रभाव से आप सबसे सख्त कार्रवाई करें । यदि इसी तरह कानूनी व्यवस्था बिगड़ी रही । वह हत्या होती रही तो लोगों का कानून से राज्य की भाजपा सरकार से और पुलिस से विश्वास उठ जाएगा।
In the name of Mahaprabhu Utsav, Sriman Gauranga Mahaprabhu Jayanti Festival
जयपुर। हरिनाम संकीर्तन के माध्यम से घर-घर में भगवद् भक्ति का प्रचार-प्रसार करने के संकल्प के साथ श्री माध्व गौड़ेश्वर मंडल की ओर से गौरांग महाप्रभु जी के 539वां जन्मोत्सव संपन्न हुआ। फाल्गुन पूर्णिमा 14 मार्च को चौड़ा रास्ता स्थित दामोदरजी मंदिर में षडभुज प्रभुजी के महाभिषेक के साथ शुरू हुए जन्मोत्सव का समापन 66 वें आयोजन के रूप में चैतन्य सम्प्रद्रायाचार्य जगद्गुरु पुरुषोत्तम गोस्वामी जन्म महोत्सव के साथ हुआ।
गोविंद देवजी मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य मेेंं यह आयोजन त्रिपोलिया बाजार स्थित मंदिर श्री राधा विनोदी लालजी में हुआ। ठाकुरजी के दरबार में गौरांग महाप्रभु की चित्रपट झांकी सजाकर हरिनाम संकीर्तन के साथ भजनों की सरस प्रस्तुतियां दीं गईं। आयोजन से जुड़े राधा मोहन नानूवाला ने बताया कि बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भक्तिभाव से संकीर्तन किया। श्री राधा विनोदी लालजी मंदिर प्रबंधन की ओर से श्रद्धालुओं का स्वागत किया गया।
गौरांग महाप्रभु जन्मोत्सव के अंतर्गत छोटीकाशी के सभी प्रमुख मंदिरों में हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया गया। वहीं श्रद्धालुओं के घरों में भी हरिनाम संकीर्तन हुआ। शोभायात्रा, पदयात्रा, पाटोत्सव सहित अन्य आयोजन भी हुए। इसी कड़ी में चौड़ा रास्ता स्थित राधा दामोदरजी मंदिर में श्रीमन् माधव गौड़ेश्वर संप्रदाय आचार्य वासुदेव गोस्वामी महाराज का जन्मोत्सव मनाया गया। पुरानी बस्ती स्थित मंदिर श्रीगोपीनाथजी, आमेर रोड बलदेवजी के मंदिर, मंगोडी वालों की बगीची, गलता गेट स्थित देश भूषण नगर में जयंती महोत्सव के अंतर्गत संकीर्तन भजन संध्या और उछाल हुई।
इनके अलावा चौड़ा रास्ता स्थित मंदिर श्री मदनगोपालजी, सिरह ड्योढ़ी बाजार स्थित मंदिर श्री कल्किजी, चांदपोल बाजार स्थित रामचंद्रजी मंदिर, त्रिपोलिया बाजार स्थित श्री विनोदीलालजी, कल्याणजी का रास्ता स्थित मंदिर श्री कल्याणजी में भी कार्यक्रम हुए। त्रिपोलिया बाजार स्थित विनोदलालजी मंदिर में अभिनव भागवत हुई। करीब दो माह में चले आयोजन में 6600 लोगों ने भागीदारी की।
विलुप्त वृंदावन को फिर से बसाया :
गौरतलब है कि चैतन्य महाप्रभु वैष्णव धर्म के भक्ति योग के परम प्रचारक और भक्तिकाल के प्रमुख कवियों में से एक हैं। गौर वर्ण के होने के कारण इन्हें गौरांग महाप्रभु भी कहा जाने लगा। इन्होंने वैष्णवों के गौड़ीय संप्रदाय की आधारशिला रखी, भजन गायकी की एक नई शैली को जन्म दिया तथा राजनीतिक अस्थिरता के दिनों में सद्भावना को बल दिया। जात-पात, ऊंच-नीच की भावना को दूर करने की शिक्षा दी तथा विलुप्त वृंदावन को फिर से बसाया और अपने जीवन का अंतिम भाग वहीं व्यतीत किया। यह भी कहा जाता है कि यदि गौरांग न होते तो वृंदावन आज तक एक मिथक ही होता।
Navratri rituals started with Pran Pratishtha in Gayatri Shaktipeeth Kalwad
जयपुर। गायत्री जयंती- गंगा दशहरा पर्व ज्येष्ठ शुक्ल दशमी पांच जून को धूमधाम से मनाया जाएगा। इस मौके पर दो दिवसीय आयोजन होंगे। अखिल विश्व गायत्री परिवार के तत्वावधान में किरण पथ मानसरोवर स्थित वेदमाता गायत्री वेदना निवारण केन्द्र पर गायत्री जयंती, गंगा दशहरा और गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं.श्रीराम शर्मा आचार्य का महाप्रयाण दिवस पर विभिन्न आयोजन होंगे।
केन्द्र के व्यवस्थापक आर डी गुप्ता ने बताया कि बुधवार को सुबह नौ से शाम पांच बजे तक सबकी सद्बुद्धि के लिए गायत्री महामंत्र का अखंड जाप किया जाएगा। शाम पांच से छह बजे तक राष्ट्र जागरण दीप महायज्ञ होगा। गुरुवार 5 जून को सुबह नौ बजे से नौ कुंडीय गायत्री महायज्ञ होगा। यज्ञ से पूर्व पर्व पूजन होगा। इस मौके पर दीक्षा, यज्ञोपवीत, पुंसवन सहित अन्य संस्कार भी कराए जाएंगे।
गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी में चार जून को सुबह छह से शाम पांच बजे तक अखंड गायत्री महामंत्र जप अनुष्ठान किया जाएगा। शाम साढ़े पांच बजे आरती के बाद शाम 6 बजे दीपयज्ञ होगा। गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहन लाल शर्मा ने बताया कि पांच जून को सुबह आठ बजे से गायत्री महायज्ञ होगा। इसके साथ दीक्षा, यज्ञोपवीत सहित अनेक संस्कार कराए जाएंगे। गायत्री शक्तिपीठ वाटिका, गायत्री शक्तिपीठ कालवाड़ सहित प्रज्ञापीठ, चेतना केन्द्रों पर भी गायत्री जयंती धूमधाम से मनाई जाएगी।
गंगा और गायत्री दोनों ही पवित्रता की प्रतीक:
गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पंड्या के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गायत्री और गंगा का धरती पर अवतरण हुआ था। इस दिन का इसलिए भी महत्व है, गंगा और गायत्री दोनों ही पवित्रता की प्रतीक हैं। मां गायत्री मनुष्य के अंतरंग की पवित्रता और मां गंगा बाहर की पवित्रता लाती हैं। गंगा दशहरा ये संदेश देता है कि हम सभी को अपने जीवन को बदलने और इसे पवित्र बनाने की कोशिश करना चाहिए। मां गायत्री के मंत्र गायत्री मंत्र की खासियत है कि यह एक वेद मंत्र है और यह हमेशा सास्वत बना रहता है। कभी भी इसमें कोई बदलाव नहीं आता।
गायत्री मंत्र का अर्थ है कि भगवान हमें सन्मार्ग की ओर प्रेरित करें। गायत्री जयंती के अवसर पर गायत्री मंत्र के जाप एवं गायत्री यज्ञ हवन आदि करने से मां गायत्री प्रसन्न होती हैं और सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मान्यता है कि चारों वेदों का ज्ञान लेने के बाद जिस पुण्य की प्राप्ति होती है। अकेले गायत्री मंत्र को समझने मात्र से चारों वेदों का ज्ञान मिलता जाता है। गायत्री मां को हिंदू भारतीय संस्कृति की जन्मदात्री मानते हैं। चारों वेद, शास्त्र और श्रुतियां सभी गायत्री से ही पैदा हुए माने जाते हैं। वेदों की उत्पति के कारण इन्हें वेदमाता कहा जाता है। ब्रह्मा, विष्णु और महेश तीनों देवताओं की आराध्य भी इन्हें ही माना जाता है।
इसलिए इन्हें देवमाता भी कहा जाता है। समस्त ज्ञान की देवी भी गायत्री हैं इस कारण गायत्री को ज्ञान-गंगा भी कहा जाता है। मां पार्वती, सरस्वती, लक्ष्मी की अवतार भी गायत्री को कहा जाता है। सृष्टि के आदि में गायत्री मंत्र प्रकट हुआ। मां गायत्री की कृपा से ब्रह्मा जी ने गायत्री मंत्र की व्याख्या अपने चारों मुखों से चार वेदों के रुप में की।
आरंभ में गायत्री सिर्फ देवताओं तक सीमित थी लेकिन जिस प्रकार भगीरथ कड़े तप से गंगा मैया को स्वर्ग से धरती पर उतार लाए उसी तरह विश्वामित्र ने भी कठोर साधना कर मां गायत्री की महिमा अर्थात गायत्री मंत्र को सर्व साधारण तक पंहुचाया। गायत्री परिवार के संस्थापक युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य ने 24 साल तक गायत्री महामंत्र के 24 पुरश्चरण अनुष्ठान कर गायत्री मंत्र को जन-जन तक पहुंचा दिया।
गायत्री परिवार के संस्थापक आ चुके जयपुर:
गायत्री परिवार के संस्थापक पं.श्रीराम शर्मा आचार्य ने वााटिका गांव में 23 दिसंबर, 1980 में तथा उनकी सह धर्मिणी भगवती देवी शर्मा ने 1992 में ब्रह्मपुरी में गायत्री शक्तिपीठ की प्राण प्रतिष्ठा अपने हाथों से की थी। दोनों शक्तिपीठों में तब से अखंड दीपक प्रज्जवलित है। गायत्री परिवार की ओर से देश-दुनिया में 48 अश्वमेध यज्ञ कराए जा चुके हैं। इसकी शुरूआत भी 1992 में जयपुर से ही हुई थी।