July 26, 2025, 12:07 pm
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ध्रुवपद धरोहर में 27-28 दिसंबर को विख्यात कलाकार बिखेरेंगे स्वर-लहरियां

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जयपुर। इंटरनेशनल ध्रुवपद धाम ट्रस्ट, जयपुर की ओर से 27-28 दिसंबर, 2023 को राजस्थान इंटरनेशनल सेंटर (आरआईसी) के मिनी ऑडिटोरियम में 29वें अखिल भारतीय ध्रुवपद नाद -निनाद -विरासत समारोह ‘ध्रुवपद धरोहर’ का आयोजन किया जा रहा है। आरआईसी, उत्तर क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, पटियाला की सहभागिता और कला संस्कृति साहित्य एवं पुरातत्व विभाग , राजस्थान सरकार के सहयोग से आयोजित दो दिवसीय समारोह में प्रसिद्ध कलाकारों की ओर से सायं 5 बजे पुरातन शास्त्रीय विधा ध्रुवपद गायन की प्रस्तुति दी जाएगी। कार्यक्रम में प्रवेश नि:शुल्क रहेगा।

ध्रुवपदाचार्य पंडित लक्ष्मण भट्ट तैलंग एवं प्रोफ़ेसर डॉक्टर मधु भट्ट तैलंग के संयोजन में हो रहे इस समारोह के पहले दिन दरभंगा घराने से आने वाले दिल्ली के डॉ. सुमित आनंद पांडे की प्रस्तुति के साथ समारोह का आगाज होगा, पखावज पर पं. राधे श्याम शर्मा संगत करेंगे। वहीं भोपाल के सुविख्यात ध्रुवपद गायक पद्मश्री पं. उमाकान्त गुंदेचा और आनंद गुंदेचा ध्रुवपद -जुगलबंदी पेश करेंगे। गुंदेचा बंधुओं को ध्रुवपद में नवाचार के लिए जाना जाता है। इनके साथ पं. अखिलेश गुंदेचा पखावज पर संगत करेंगे।

28 दिसंबर को दिल्ली के प्रख्यात बेला वादक डॉ. पं. संतोष कुमार नाहर तबले पर पं. अभिषेक मिश्रा की संगत के साथ वायलिन वादन करेंगे। दूसरी प्रस्तुति में जयपुर के डागर घराने के सुप्रसिद्ध गायक पद्मश्री उ. फैयाज वासिफुद्दीन खां डागर स्वर लहरियां बिखेरेंगे, पखावज पर पं. प्रवीण आर्य की संगत रहेगी।

कलाकार होंगे सम्मानित

कला जगत में अभूतपूर्व योगदान के लिए ग्रैमी अवॉर्ड विजेता पद्मभूषण पं. विश्वमोहन भट्ट एवं डॉ. पं. संतोष कुमार नाहर को लाइफ टाइम अचीवमेंट अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। वहीं पद्मश्री उ. फैयाज वासिफुद्दीन खां डागर एवं पद्मश्री पं. उमाकान्त गुंदेचा को नादब्रह्म मूर्ति सम्मान से नवाजा जाएगा। डॉ. सुमीत आनन्द पांडे को युवा नाद रत्न सम्मान प्रदान किया जाएगा। वरिष्ठ लेखक अनुराग त्रिवेदी को पत्रकारिता में योगदान के लिए शब्दब्रह्ममूर्ति सम्मान प्रदान किया जाएगा। इस अवसर पर संस्था की वार्षिक पत्रिका ध्रुवावाणी के पोस्टर का भी विमोचन होगा। समारोह के मुख्य अतिथि पद्मभूषण पंडित विश्वमोहन भट्ट, अध्यक्षता डॉ के एल जैन, विशिष्ट अतिथि पद्मश्री तिलक गीताई होंगे।

SMS के चिकित्सकों ने निकाली एक युवती के ब्रेस्ट से तेरह किलो की गांठ

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जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल (एसएमएस) में एक युवती के ब्रेस्ट से तेरह किलो की गांठ निकाली गई है। यह एसएमएस में हुई ब्रेस्ट सर्जरी की सबसे बड़ी गांठ बताई जा रही है। एसएमएस अधीक्षक डॉ. अचल शर्मा ने बताया कि धौलपुर के रहने वाली युवती के दाएं ब्रेस्ट में करीब छह महीने से बड़ी गांठ थी। इसकी वजह से मरीज की छाती और दाएं कंधे में अत्याधिक दर्द रहता था। इसके लिए उन्होंने आगरा,ग्वालियर, भरतपुर समेत कई जिलों के अस्पताल में दिखाया। इतनी बड़ी गांठ को निकालने से सभी चिकित्सकों ने इन्कार कर दिया। आखिर में एसएमएस आने की सलाह दी।

मरीज ने पिछले सप्ताह ओपीडी में जनरल सर्जरी डिपार्टमेंट को दिखाया। वहां मौजूद डॉक्टरों ने जांच करवाने के बाद युवती को सर्जरी यूनिट तीन में भर्ती किया। जहां युवती की सर्जरी करने का निर्णय किया। ऑपरेशन डॉ. प्रभा ओम के निर्देशन में डॉ. राजेंद्र बुगालिया, डॉ. बी.एल. यादव, डॉ. प्रवीण जोशी, प्लास्टिक सर्जन डॉ अमित शर्मा की टीम ने किया। रेजिडेंट डॉ. दर्शन, डॉ. संदीप, डॉ. जगदीश, एनिस्थिसिया डिपार्टमेंट विभाग से डॉ. सुनील चौहान, डॉ. इंदु वर्मा, डॉ रजनीश सिंघल और नर्सिंग स्टाफ जया चन्दानी का भी सहयोग रहा।

एसएमएस सर्जरी डिपार्टमेंट के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. राजेंद्र बुगालिया ने बताया कि युवती अविवाहित है। उसके भविष्य को देखते हुए हमे ऑपरेशन करके उसे फिर से सामान्य रूप में लाना चुनौती था। इसे देखते हुए हमने प्लास्टिक सर्जरी डिपार्टमेंट के डॉक्टरों से भी परामर्श लिया। ऑपरेशन किया, जो करीब ढाई घंटे चला। उन्होंने बताया कि 25 बाई 20 बाई 15 सेमी. की गांठ निकालने के लिए करीब 15 सेमी. लम्बाई में चीरा लगाना पड़ा और 15 से ज्यादा टांके लगाने पड़े। युवती अब पूरी तरह स्वस्थ्य है।

जयपुर ज्वैलरी शो हुआ शानदार आगाज: पहले दिन उमड़ी भारी भीड़

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जयपुर। जयपुर आभूषणों का पर्याय है और जयपुर ज्वैलरी शो (जेजेएस) कैलेंडर पर एक बहुप्रतीक्षित वार्षिक कार्यक्रम बन गया है। आभूषण उद्योग अर्थव्यवस्था के लिए एक बड़ा सहारा है क्योंकि यह रोजगार प्रदान करता है और लोगों को नौकरियां देता है। रत्न एवं आभूषण उद्योग से 2 लाख लोगों को प्रत्यक्ष रोजगार मिलता है। आभूषण उद्योग पर्यटन को भी काफी बढ़ावा देता है और “रिपीट टूरिज्म” में एक बड़ी भूमिका निभाता है क्योंकि विश्व भर से लोग आभूषण खरीदने के लिए जयपुर आते हैं।।

यह बात मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान की उप मुख्यमंत्री, दीया कुमारी ने 21वें जयपुर ज्वैलरी शो के उद्घाटन के अवसर पर कही। गौरतलब है कि देश का नंबर वन बी2बी एवं बी2सी शो – ‘जयपुर ज्वलैरी शो’ अपनी पूरी भव्यता के साथ ‘एमरल्ड… योर स्टोन योर स्टोरी’ थीम पर जयपुर के सीतापुरा स्थित नोवोटेल जयपुर कन्वेंशन सेंटर (जो पहले जयपुर एग्जीबिशन एंड कन्वेंशन सेंटर (जेईसीसी) था) में 25 दिसंबर 2023 तक आयोजित होने जा रहा है।

उप मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि यह काफी सराहनीय है कि जेजेएस कारीगरों, उभरते डिजाइनरों और युवा ज्वैलर्स को अवसर देता है। उन्होंने कहा अब समय आ गया है कि शो को अगले स्तर पर ले जाया जाए और इसे जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की तरह ही अन्य देशों में शो की योजना बनाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित किया जाए। उन्होंने रत्न एवं आभूषण उद्योग के लिए सरकार की ओर से समर्थन का भी आश्वासन दिया।

इस अवसर पर जेम एंड ज्वैलरी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल (जीजेईपीसी) के चेयरमैन, विपुल शाह विशिष्ठ अतिथि के रूप में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि भू-राजनीतिक विषयों और आर्थिक मंदी के कारण 2023 रत्न और आभूषण उद्योग के लिए एक चुनौतीपूर्ण वर्ष रहा है। हालांकि, उद्योग में सुधार हुआ है और महत्वपूर्ण वृद्धि देखी जा रही है। जीजेईसीपीसी और ज्वैलर्स संयुक्त रूप से भारत को इस क्षेत्र में एक प्रमुख वैश्विक केंद्र बनाने के लिए विभिन्न पहल कर रहे हैं, जैसे सूरत में डायमंड बोर्स और जयपुर में आगामी बोर्स।

जेजेएस के मानद सचिव राजीव जैन ने इस वर्ष के जेजेएस की विशेषताओं और परंपराओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि वर्ष 2003 में जहां मात्र 67 बूथ थे, वहीं इस वर्ष 1100 से अधिक बूथ हैं। इस वर्ष 1100 बूथ में 659 बूथ्स पर ज्वैलरी और 318 बूथ्स पर जेमस्टोन्स प्रदर्शित की जा रही है, जबकि 58 पर अलाइड मशीनरी और 14 बूथ्स पर कॉस्ट्यूम एवं सिल्वर आर्टिकल्स और आर्टिफेक्ट्स प्रदर्शित किए जा रहे हैं। इस वर्ष 6 अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शक भी हैं और 5 देशों के डेलिगेशन भी शो का हिस्सा हैं। शो में लगभग 64% बूथ डिज़ाइनर बूथ हैं। उन्होंने कहा कि इस वर्ष शो में 50,000 से अधिक आगंतुकों के आने की उम्मीद है।

नेशनल जेम्स एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया के चेयरमैन प्रमोद डेरेवाला ने कहा कि जयपुर का रत्न एवं आभूषण उद्योग विदेशी मुद्रा आय, कर राजस्व और रोजगार सृजन के माध्यम से राज्य के साथ-साथ देश की अर्थव्यवस्था में योगदान दे रहा है। उन्होंने भारत सरकार के वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय द्वारा व्यापार की एक शीर्ष संस्था, नेशनल जेम एंड ज्वैलरी काउंसिल ऑफ इंडिया (एनजीजेसीआई) की स्थापना, भारत में आयोजित CIBJO की पहली वार्षिक कांग्रेस, बुलियन हॉलमार्किंग के लिए एसओपी का ड्राफ्ट तैयार करना आदि शामिल हैं।

इससे पहले अपने स्वागत भाषण में जेजेएस के चेयरमैन, विमल चंद सुराणा ने कहा कि जयपुर राजपरिवार शहर का रत्न और आभूषण उद्योग का हमेशा समर्थन मिला है। जयपुर ज्वैलरी शो एक महत्वपूर्ण और प्रगतिशील शो है और पिछले कुछ वर्षों में यह काफी मजबूत हुआ है।

ऑल इंडिया जेम एंड ज्वैलरी डोमेस्टिक काउंसिल के चेयरमैन, संयम मेहरा ने कहा कि यहां आभूषणों का उत्कृष्ट प्रदर्शन है और जेजेएस सभी अंतरराष्ट्रीय शो को कड़ी टक्कर दे रहा है।

शो के उद्घाटन समारोह का संचालन जेजेएस के प्रवक्ता अजय काला ने किया। उन्होंने कहा कि जेजेएस सभी कीमती धातुओं और रंगीन स्टोन्स के साथ एक संपूर्ण शो है। यहां 500 रुपये से लेकर 1 करोड़ रुपये तक की ज्वैलरी मौजूद हैं। शो में लगभग 300 रंगीन जेमस्टोन्स प्रदर्शित हैं। शो के उद्घाटन समारोह की शुरुआत मुख्य अतिथियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई और उसके बाद जेजेएस शो गाइड का विमोचन किया गया।

वजीरएक्स ने 6 लाख नए उपयोगकर्ता जोड़े

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मुंबई। भारत के अग्रणी क्रिप्टो एक्सचेंज, वजीरएक्स ने वर्ष 2023 के लिए अपनी वार्षिक व्यापारिक गतिविधियों की रिपोर्ट लॉन्च करने की घोषणा की, जिसमें उपयोगकर्ता वृद्धि, डिजिटल परिसंपत्ति स्वामित्व और क्रिप्टोकरेंसी बाजार को आकार देने वाली विभिन्न प्रमुख वैश्विक घटनाओं पर प्रतिबिंबों पर दिलचस्प अंतर्दृष्टि का खुलासा किया गया है। . रिपोर्ट की मुख्य विशेषताओं में वजीरएक्स’s के बढ़ते उपयोगकर्ता आधार और विकसित होती जनसांख्यिकी का विश्लेषण शामिल है। वजीरएक्स ने 6 लाख नए उपयोगकर्ता जोड़े हैं और 2023 में 1 बिलियन से अधिक उपयोगकर्ता संख्या के साथ वर्ष का अंत किया है। 

क्रिप्टो परिदृश्य पर बोलते हुए, वजीरएक्स के उपाध्यक्ष, राजगोपाल मेनन ने कहा, “विकेंद्रीकृत प्रणालियों और परिपक्व ब्लॉकचेन प्रौद्योगिकियों के आगमन के साथ, क्रिप्टोकरेंसी सट्टा परिसंपत्तियों से परे विकसित होने, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवा और डिजिटल पहचान सत्यापन के भीतर एकीकृत होने के लिए तैयार हैं। दुनिया भर में, डिजिटल फिएट मुद्राओं की मान्यता बढ़ रही है, और सीबीसीडीज महत्वपूर्ण ध्यान आकर्षित करने और अपनाने के लिए तैयार हैं। एसेट टोकनाइजेशन एक मुख्य ट्रेंड बनने वाला है, क्योंकि हम वास्तविक दुनिया की संपत्ति और ब्लॉकचैन प्लेटफार्मों पर कला परिवर्तन, आंशिक स्वामित्व और व्यापक दर्शकों के लिए निवेश के अवसरों के लोकतंत्रीकरण की ओर बढ़ रहे हैं। वेब3 तकनीकी में उपयोगकर्ता अनुभव 2024 में एक क्रांति देखेंगे, और बिटकॉइन का आधा होना आने वाले समय में एक तेजी के बाजार का संकेत देता है”

क्रिप्टो बाजार का ओवरव्यू: उपयोगकर्ता व्यवहार अंतर्दृष्टि से पता चला कि वजीरएक्स’s के एक्सचेंज पर कारोबार किए जाने वाले शीर्ष टोकन बिटकॉइन (बीटीसी), शिबा इनु (शिब), रिप्पल (एक्सआरपी), इथेरियम (ईटीएच), और पोलीगोन (मॅटिक) थे। पिछले वर्षों में देखे गए रुझान और पैटर्न शिबा इनु के प्रति उपयोगकर्ताओं की रुचि को दर्शाते हैं, जो Bitcoin के साथ, वजीरएक्स’s के एक्सचेंज पर शीर्ष प्रदर्शन करने वाले टोकन के रूप में उभरा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अपेक्षाकृत कम सक्रिय बाजार स्थितियों के बावजूद, उपयोगकर्ता लगातार टोकन के साथ जुड़े हुए हैं। अपने प्लेटफॉर्म के साथ-साथ वैश्विक क्रिप्टो एक्सचेंजों पर ट्रेडों पर विचार करते हुए, रिपोर्ट बताती है कि बाजार का डर, अनिश्चितता, संदेह और सोशल मीडिया क्रिप्टो बाजार की भावना को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

उपयोगकर्ता अंतर्दृष्टि: रिपोर्ट से पता चला कि उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात और हरियाणा सबसे अधिक व्यापारियों वाले भारतीय राज्यों में से थे, जबकि सबसे अधिक व्यापार मात्रा वाले राज्य तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल और हरियाणा हैं। एक्सचेंज पर टॉप टोकन के लिए, व्यापारियों की सबसे अधिक संख्या 26-40 वर्ष के आयु वर्ग के थे। प्लेटफ़ॉर्म पर कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का 22% महिलाएं थीं, और 21-40 वर्ष की आयु की महिलाएं सभी महिला उपयोगकर्ताओं द्वारा किए गए कुल ट्रेडिंग वॉल्यूम का 83% थीं। पुरुषों के मामले में, 21-40 वर्ष की आयु सीमा मंच पर सभी पुरुष उपयोगकर्ताओं का 76% है। दिलचस्प बात यह है कि हरियाणा और पश्चिम बंगाल में लेनदेन की कुल संख्या में महिलाएं पुरुषों से आगे रहीं।

2023 से बाज़ार की मुख्य विशेषताएं: वजीरएक्स की वार्षिक रिपोर्ट वैश्विक क्रिप्टो बाज़ार की गतिविधियों को उजागर करती है, जिसमें गाला, पोलीगोन, गिफ्टो, रिप्पल जैसे लोकप्रिय टोकन पर अंतर्दृष्टि शामिल है। ड्वेन जॉनसन और मार्क वाह्लबर्ग के साथ साझेदारी की घोषणा के साथ-साथ उच्च लागत को कम करने के लिए टोकनोमिक्स में संशोधन के साथ, गाला जनवरी महीने के लिए वॉल्यूम के हिसाब से चौथा सबसे बड़ा टोकन बनकर उभरा।

पोलीगोन फरवरी में सबसे बड़े उपयोगकर्ता आधार के साथ दूसरे टोकन के रूप में उभरा, और गिफ्टो में रातोंरात 2600% की वृद्धि देखी गई, जिससे व्यापारियों में हड़कंप मच गया। रिपोर्ट में बाकी महीनों की चल रही घटनाओं का विवरण दिया गया है, जिसमें लोकप्रिय टोकन से संबंधित विशिष्ट घटनाओं जैसे इथेरियम फ्यूचर्स ईटीएफ, बिटकॉइन एटीएफ एप्लिकेशन, एसईसी पर रिप्पल की जीत, क्रिप्टो उद्योग पर एलन मस्क का प्रभाव और बहुत कुछ शामिल है।

आदित्य ओम की (हिंदी और तेलुगू) फिल्म “बंदी” का ट्रेलर हुआ लॉन्च

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मुंबई। 3 दर्जन फिल्मों में अपने अभिनय का जादू दिखा चुके ऎक्टर आदित्य ओम की अदाकारी से सजी थ्रिलर फिल्म “बंदी” का जबरदस्त ट्रेलर मुम्बई के स्टार प्रीव्यू थिएटर में लॉन्च किया गया। निर्माता निर्देशक रघु तिरुमाला दक्षिण भारत के हैं और यह फ़िल्म (हिंदी और तेलुगू) में मार्च 2024 में रिलीज होगी। फ़िल्म की सबसे खास बात यह है कि यह “सिंगल ऎक्टर” फ़िल्म है जी हां पूरी फिल्म में सिर्फ आपको आदित्य ओम ही नज़र आएंगे। कुछ दूसरे किरदारों की केवल आवाजें सुनाई देंगी जिनमे से एक आवाज सिंगर कम्पोज़र अकबर सामी की है जो फ़िल्म के ट्रेलर लॉन्च पर भी उपस्थित थे।

फ़िल्म का ट्रेलर वास्तव में बहुत ही एंगेजिंग, थ्रिलिंग और एक्सप्रीमेन्टल है। पर्यावरण सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाने के विषय पर यह फ़िल्म बनाई गई है जो रियल जंगलों में फिल्माई गई है। आदित्य ओम इस फ़िल्म और अपने रोल को लेकर काफी उत्साहित हैं। उन्होंने कहा कि फ़िल्म में वह एक एडवोकेट की भूमिका निभा रहे हैं जो एक कॉर्पोरेट कंपनी के लिए जंगल को काटने की वकालत कर रहे हैं।

नेचर और जंगल बचाओ अभियान के लिए काम कर रहे कुछ कार्यकर्ता उनका अपहरण कर लेते हैं जो उसे पर्यावरण संरक्षण और जलवायु परिवर्तन की सच्चाई का सबक सिखाने के लिए उन्हें नरक जैसे हालात से गुजारते हैं। इस दौरान उसके साथ क्या क्या होता है फ़िल्म की कहानी इसी के इर्दगिर्द घूमती है।

रघु तिरुमाला द्वारा निर्मित और निर्देशित इस फ़िल्म में आदित्य ओम ने अभिनय किया है जो तेलुगु में एक जाने-माने अभिनेता हैं। हिंदी दर्शक उन्हें ‘मास्साब’, ‘बंदूक’ और ‘अल्लिफ’ जैसे उनके काम से परिचित हैं, फ़िल्म में उन्होंने नायक की भूमिका निभाई है। उनका लुक काफी डिफ्रेंट और प्रभावी है। फ़िल्म बंदी की शूटिंग 4 वर्षों की अवधि में देश और विदेश के कई जंगलों में की गई है। आदित्य ओम ने अपने सभी स्टंट बिना किसी डबल या डुप्लिकेट के खुद किए हैं।

तिरुमाला हैदराबाद के हैं और बतौर निर्माता निर्देशक यह उनकी पहली फ़िल्म है। उनका कहना है कि वह प्रासंगिक मुद्दों पर फिल्में बनाना चाहते हैं जो लोगों को जागरूक और सचेत करें। पर्यावरण संरक्षण और जंगलों को बचाने का सन्देश देती यह फ़िल्म ‘गली सिनेमा’ के बैनर तले बनाई गई है। फिल्म के निर्माता वेंकटेश्वर राव डग्गू, एडिटर प्रकाश झा, डीओपी मधुसूदन कोटा, संगीतकार वीरल, लवन और सुदेश सावंत का है।

फ़िल्म में मुख्य आवाज़ें अकबर सामी और रूपा शर्मा की है। कहानी और पटकथा खुद आदित्य ओम ने लिखी है। आदित्य ओम ने कहा कि जंगलों में शूटिंग करना काफी मुश्किल और चुनौती भरा काम रहा। शूटिंग करते समय जोंक पकड़ लेती थी, कभी खतरनाक जानवरों से बचना पड़ता था। एक बार तो बंदर हार्ड डिस्क का बैग लेकर चले गए, उसकी वजह से 3 दिन दोबारा शूट करना पड़ा।

अनिल बेदाग

मानव सेवा के लिए 140 यूनिट रक्त एकत्रित : राष्ट्रीय रोजगार प्रशिक्षण शोध संस्थान ने लगाया तृतीय विशाल रक्तदान शिविर

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जयपुर। राष्ट्रीय रोजगार प्रशिक्षण शोध संस्थान जयपुर के उपाध्यक्ष शेखर कुमावत के माता-पिता की स्मृति में तृतीय विशाल रक्तदान शिविर का आयोजन लालकोठी विधानसभा के पास स्थित परिसर में किया गया। राष्ट्रीय रोजगार प्रशिक्षण शोध संस्थान के निदेशक सी.एल. मीना ने बताया कि राजस्थान में “रक्तदान करो-प्रत्येक अमूल्य जीवन बचाओ” अभियान के तहत लगाए गए इस शिविर में सर्व समाज के युवाओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

इसमें संस्थान में तीन ब्लड बैंक संस्थाओं को इसमें आमंत्रित किया था,जिसमें 140 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया ताकि किसी गरीब मरीज को इमरजेंसी होने पर रक्त उपलब्ध करवाकर अमूल्य जीवन बचाया जा सके। इसमें मुख्य रूप से राजस्थान सरकार के जयपुरिया ब्लड बैंक, अपेक्स ब्लड बैंक, स्वास्थ्य कल्याण ब्लड बैंक तथा तुलसी मेमोरियल द्वारा संचालित फुलेरा ब्लड बैंक संस्थान की टीमों ने सेवाएं दीं। इस सामाजिक सराहनीय कार्य में आयोजकों का उत्साह बढ़ाने के लिए सिविल लाइंस विधायक गोपाल शर्मा विशेष रूप से उपस्थित रहे। उन्होंने रक्तदाताओं को प्रमाण पत्र भेंट कर सम्मानित किया।

“उद्योग में पूर्व मिसेज वर्ल्ड डॉ. अदिति गोवित्रिकर की तमाशा भागीदारी की जांच की”

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Investigated into the pageant involvement of former Mrs. World Dr. Aditi Govitrikar in the industry"
Investigated into the pageant involvement of former Mrs. World Dr. Aditi Govitrikar in the industry"

नई दिल्ली। डॉ. अदिति गोवित्रिकर, पूर्व मिसेज वर्ल्ड 2001, वर्तमान में तमाशा उद्योग में उनके आचरण को लेकर जांच के दायरे में हैं। फोकस में कर्मचारी भर्ती, पूर्व विजेताओं और स्थापित पेजेंट्री संस्थानों के विचारों का अवैध शिकार शामिल है।

एक प्रतिष्ठित सौंदर्य प्रतियोगिता में जज के रूप में डॉ. गोवित्रिकर की भूमिका ने आंतरिक ज्ञान से जुड़े सवालों और संगठन के साथ फीस के संबंध में चर्चाओं के कारण ध्यान आकर्षित किया है। जज के रूप में मिसेज वर्ल्ड 2023 में उनकी संभावित भागीदारी के बारे में पूछताछ की गई है, जिससे उनके इरादों के बारे में चर्चा शुरू हो गई है।

सौंदर्य प्रतियोगिताओं के साथ जुड़ने के बाद उद्योग हितधारक डॉ. गोवित्रिकर की उपस्थिति में वृद्धि देख रहे हैं, जिससे स्थानीय प्रतियोगिताओं के साथ उनकी पिछली बातचीत के बारे में विचार बढ़ रहे हैं। उद्योग की टिप्पणियों के जवाब में, हितधारक तमाशा क्षेत्र के भीतर पारदर्शिता और नैतिक मानकों को बढ़ावा देने की वकालत करते हैं।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल ने की 2024 के प्रोग्राम की घोषणा

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जयपुर। गुलाबी नगरी, जयपुर के होटल क्लार्क्स आमेर में 1 से 5 फरवरी को आयोजित होने वाले जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल को लेकर सुगबुगाहट तेज हो गई हैं। ‘साहित्य का कुम्भ’ कहलाए जाने वाला यह फेस्टिवल, देश-दुनिया के तमाम लेखकों, वक्ताओं, चिंतकों और मानववादियों की मेजबानी के लिए तैयार है। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का प्रोग्राम हर साल की तरह इस साल भी वैविध्यपूर्ण है, जिसमें 10 भारतीय भाषाएं और 7 अंतर्राष्ट्रीय भाषाएं सम्मिलित होंगी।

अपने 2024 संस्करण के लिए, फेस्टिवल 250 से अधिक वक्ताओं की मेजबानी करेगा, जिसमें बुकर, इंटरनेशनल बुकर, पुलित्ज़र, साहित्य अकादमी, पद्म श्री, पद्म भूषण, पद्म विभूषण, बैली गिफर्ड, डीएससी प्राइज, जेसीबी पुरस्कार विजेता शामिल हैं|। घोषित प्रोग्राम में फेस्टिवल में शामिल किये गए विविध विषयों पर भी प्रकाश डाला गया। कथा व कथेतर, अपराध साहित्य, साहित्यिक आलोचना, इतिहास, राजनीति व करंट अफेयर्स, काव्य, कला व संस्कृति, अनुवाद, ग्राफिक नॉवेल, जेंडर, साइंस व मेडिसिन, फ़ूड व मेमोरी, जीवनी व संस्मरण, मिथक, आध्यात्मिकता और धर्म, मानसिक स्वास्थ्य, फैशन और लाइफस्टाइल, कानून व न्याय, जिओपॉलिटिक्स, खेल, जलवायु परिवर्तन, पर्यावरण व जलवायु, पेट पेरेंट्स, पेट्स व एनिमल्स, शहर, साहित्यिक हस्तियाँ, कला व कृषि, बॉलीवुड व सिनेमा, अर्थशास्त्र ।

लेखिका, प्रकाशक और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल की को-डायरेक्टर, नमिता गोखले ने कहा, “जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल दुनिया को जयपुर लेकर आता है और इसी बहाने जयपुर को भी दुनिया तक ले जाता है। हमारा उद्देश्य भारतीय भाषाओं और लेखकों को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करना है, जो भारतीय साहित्य के वैविध्य और समृद्धि के प्रतिबिंब हैं। संस्कृत से लेकर अवधी, उड़िया, असमिया, बांग्ला, तमिल, मलयालम, कन्नड़, हिंदी, राजस्थानी, उर्दू और पंजाबी तक की विविध भाषाएं फेस्टिवल में शामिल होती आई हैं। हमारा विशेष प्रयास वाचिक परंपरा के प्रति भी रहता है, जहां स्थानीय और काबिलाई भाषा और पहचान को व्यक्त करने का अवसर मिलता है।” “हम सरहदों और सीमाओं के पार के साहित्य को भी लेकर आते हैं। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का माहौल सही मायने में वसुधैव कुटुंबकम् को चरितार्थ करता है।” गोखले ने कहा।

लेखक, इतिहासकार और फेस्टिवल के को-डायरेक्टर, विलियम डेलरिम्पल ने कहा, “हर साल हम जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल का स्तर और बढ़ाने की कोशिश करते हैं, लेकिन 2024 अब तक का श्रेष्ठ है। हमें गर्व है कि हम दुनियाभर के प्रसिद्ध लेखकों को एक मंच पर ला रहे हैं: महान उपन्यासकार व कवि, पर्यावरणविद और खोजी पत्रकार, इतिहासकार और जीवनीकार, वैज्ञानिक और अर्थशास्त्री, कलाकार और कला इतिहासकार, यात्रा लेखक और हास्य लेखक, साहित्य समीक्षा और दार्शनिक: विश्व के सर्वश्रेष्ठ मस्तिष्क के साथ यह एक ऐसी यूनिवर्सिटी का निर्माण करता है, जिसके दरवाजे 5 दिनों तक सभी के लिए खुले हैं। ये फेस्टिवल शानदार है, जिसे आप किसी भी कीमत पर छोड़ना नहीं चाहेंगे।”
टीमवर्क आर्ट्स के मैनेजिंग डायरेक्टर और जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के प्रोड्यूसर, संजॉय के. रॉय ने कहा, “2024 में, जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 17वें संस्करण में हमारा फोकस साहित्यिक आलोचना, साइंस व मेडिसिन, पर्यावरण व जलवायु, कानून व न्याय, मानसिक स्वास्थ्य, जियोपॉलिटिक्स आदि पर रहेगा। फेस्टिवल में बहुत से पुरस्कृत वक्ता शामिल होंगे जैसे डेमो गलगुट, मैरी बियर्ड, हर्नन डियाज, बी. जयमोहन, सिमोन शमा, मृदुला गर्ग और मार्कस दु सौतोय।”

एसएमएस के डॉ रश्मि कटारिया और डॉ पवन सिंघल को मिला बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड

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जयपुर। सवाई मानसिंह अस्पताल ने चिकित्सा के क्षेत्र में नवीनतम तकनीक से इलाज और उपचार पर एसएमएस बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड 2022-2023 डॉ पवन सिंघल और डॉ रशिम कटारिया को दिया गया है। ये अवार्ड आज सवाई मान सिंह मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ राजीव बगरहट्टा द्वारा दिया गया।

सवाई मानसिंह अस्पताल द्वारा सवाई मान सिंह अस्पताल के प्रोफ़ेसर, न्यूरोसर्जरी अतिरिक्त अधीक्षक डॉ रशिम कटारिया तथा सीनियर प्रोफेसर एवं यूनिट हेड, ईएनटी के डॉ पवन सिंघल के शोध पत्रों को इस वर्ष के एसएमएस बेस्ट रिसर्च पेपर अवार्ड के लिए चुना गया।

डॉ रशिम ने सीवी जंक्शन की बीमारियों का 3D प्रिंटिंग पद्वतियों द्वारा नवीनतम विधि द्वारा इलाज पर और डॉ पवन सिंघल ने जन्मजात बहरापन से ग्रसित बच्चों में कॉकलियर इंप्लांट के ऑपरेशन की नयी सरल तकनीक ईजाद की, जिसके लिए उन्हे यह अवार्ड दिया गया है।

डॉ रशिम कटारिया सीवी जंक्शन की बीमारियों के इलाज की जटिलताओं को आसान बनाकर मरीजों को नवीनतम तकनीक से उपचार प्रदान किया। जिससे मरीजों में पहले की अपेक्षा बेहतर परिणाम सामने आ रहें है।

डा.सिंघल की और से कॉकलियर इंप्लांट के ऑपरेशन की नई तनकीक बेहद आसान और सुविधाजनक है, जिसके परिणाम बेहतर सामने आ रहें है। यह तकनीक गूंगे ओर बहरे बच्चों के लिए वरदान साबित हो रही है।
एसएमएस बेस्ट रिसर्च पेपर प्रतिवर्ष जूनियर और सीनियर कैटेगिरी में दिया जाता है।

डेल्हीवरी ने भारत के सबसे बड़े ट्रकिंग टर्मिनल में से एक, भिवंडी मेगा गेटवे को शुरू किया

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अलवर। भारत के सबसे बड़े पूरी तरह से एकीकृत लॉजिस्टिक्स प्रदाता, डेल्हीवरी लिमिटेड ने भिवंडी में अपने सबसे बड़े मेगा-गेटवे को सफलतापूर्वक संचालित किया । 1,200,000 वर्ग फुट भूमि क्षेत्र में बने, भिवंडी ट्रकिंग टर्मिनल भारत की सबसे बड़ी लॉजिस्टिक्स सुविधाओं में से एक है और डेल्हीवरी के पार्सल और पार्ट-ट्रकलोड माल को एक साथ संभालने की क्षमता के साथ स्वचालित हब, सॉर्टेशन, रिटर्न और माल ढुलाई संचालन को संयोजित करता है।

स्वचालित गेटवे में 196 डॉकिंग स्टेशन हैं और इसका डिज़ाइन 8,000 टन से ज्यादा सामान की लेन-देन करने के लिए किया गया है, जिसमें प्रतिदिन 1600 वाहन गुजरते हैं, यानी हर 54 सेकंड में एक वाहन। इस फैसिलिटी का स्वचालन सिस्टम, जिसे फैल्कन ऑटोटेक (डेल्हीवरी निवेशित कंपनी) ने विकसित कियाऔर लगाया है, 1.8 किमी लंबे एकीकृत डबल-डेक क्रॉस-बेल्ट सॉर्टर्स से बना है, जिसमें 5 किमी से अधिक के सामान को ले जाने वाले प्रणालियों का इस्तेमाल किया गया है, और इसमें प्रति घंटे 32,000 शिपमेंट्स और 17,000 भारी वाहन इकाईयों को संसाधित करने की क्षमता है।

सहिल बरुआ, डेल्हीवरी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी, ने कहा, “हमारा विस्तृत भीवंडी गेटवे हमें विश्व स्तरीय सेवा विश्वसनीयता और दक्षता बनाए रखते हुए, मुंबई और पश्चिम क्षेत्र के बड़े और छोटे व्यापारिक भारी वाहकों के लिए क्षमता बढ़ाने में सक्षम करेगा। इस सुविधा के अत्याधुनिक ऑटोमेशन सिस्टमों में हमारे निवेश से हमें कुशलता और गति में सुधार प्राप्त करने की क्षमता मिलेगी, जिससे हमारे नेटवर्क और समूचे उद्योग के लिए एक नया मानक स्थापित होगा।”

यह अपग्रेडेड सुविधा भारत के सबसे व्यस्त लॉजिस्टिक कोरिडोरों में से एक में रणनीतिक रूप से स्थित है। यह नई दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे के जरिए राजधानी तक निर्बाध कनेक्टिविटी का लाभ उठाने के लिए भी अच्छी स्थिति में है। यह कंपनी की दूसरी मेगा फैसिलिटी है, जो कि 2021 में हरियाणा के तावडू में पहली फैसिलिटी के बाद शुरू हुई थी। बैंगलोर में तीसरी मेगा-सुविधा को भी 2024 में चालू होने की उम्मीद है।