July 21, 2025, 5:43 am
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डॉ.कृति ने झारखंड के अधिकारियों को बाल विवाह उन्मूलन व पुनर्वास की ट्रेनिंग दी

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Dr. Kriti gave training to Jharkhand officials on eradication and rehabilitation of child marriage.
Dr. Kriti gave training to Jharkhand officials on eradication and rehabilitation of child marriage.

जोधपुर। सारथी ट्रस्ट की मैनेजिंग ट्रस्टी व पुनर्वास मनोवैज्ञानिक डॉ.कृति भारती ने झारखंड जिले के विभिन्न विभागों के अधिकारियों को संयुक्त रूप से बाल विवाह उन्मूलन, निरस्त व पुनर्वास की कानूनी प्रक्रिया, काउंसलिंग और अधिकारियों के प्रभावी दायित्व निष्पादन की ट्रेनिंग दी। वहीं अधिकारियों को बाल संरक्षण कानूनों के बारे में भी जानकारी दी।

झारखंड राज्य के नेशनल यूनिवर्सिटी ऑफ स्टडी एंड रिसर्च लॉ (एनएलयू) रांची के सेंटर फॉर चाइल्ड राइट्स, यूनिसेफ झारखंड और झारखंड स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी की संयुक्त मेजबानी में बाल विवाह रोकथाम, लैंगिक हिंसा,बाल केंद्रित जोखिम की प्रभावी रोकथाम, मेंटल हेल्थ और साइकोसोशल सपोर्ट केंद्रित ट्रेनिंग का आयोजन किया गया। जिसमें झारखंड राज्य के महिला बाल विकास विभाग, यूनिसेफ, सीसीएस,जेएसपीएलएस, स्कीपा, सीआईपी, रिनपास, उच्च व स्कूल शिक्षा विभाग के विभिन्न प्रशिक्षक अधिकारियों को रेजिडेंशियल ट्रेनिंग दी गई। इस स्पेशल ट्रेनिंग में बतौर स्पेशल ट्रेनर देश में पहला बाल विवाह निरस्त करवाने वाली चाइल्ड एंड वूमन राइट्स एक्टिविस्ट व एडवोकेट डॉ.कृति भारती को शामिल किया गया।

डॉ.कृति भारती ने उक्त उच्चाधिकारियों को बाल विवाह उन्मूलन, बाल विवाह निरस्त और पुनर्वास के लिए प्रभावी रूप से कार्य करने के लिए ट्रेनिंग दी। जिसमें बाल विवाह रोकथाम के लिए अधिकारियों के दायित्व, ओरिएंटेशन व जन जागरूकता, ग्राउंड फोर्स डेवलप करने, बाल विवाह के ऑन स्पॉट एक्शन प्रोसेस,फील्ड में आने वाली चुनौतियों से सामना करने के समाधान , पॉक्सो, जेजे एक्ट और बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम,पीड़ितों की काउंसलिंग और पुनर्वास प्रयास आदि की भी जानकारी दी।

वहीं बाल विवाह के पूरी तरह खात्मे के लिए बाल विवाह निरस्त की कानूनी प्रक्रिया से भी अवगत करवाया। इस मौके पर झारखंड राज्य की स्टेट चाइल्ड प्रोटेक्शन सोसायटी के उप सचिव विकास कुमार, एसआईआरडी रांची के जेएसए व्याख्याता ठाकुर गौरी शंकर शर्मा, स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ रूरल डेवलपमेंट के जेएसए ऑफिसर इंचार्ज जितेंद्र सिंह,यूनिसेफ सीपीएस प्रीति श्रीवास्तव, यूनिसेफ झारखंड चाइल्ड प्रोटेक्शन ऑफिसर गौरव यादव, एनएलयू के देबर्षी व अन्य ने डॉ.कृति भारती का अभिनंदन किया। वहीं डॉ.कृति भारती के बाल विवाह निरस्त व रोकथाम की साहसिक मुहिम की मुक्त कंठ सराहना की।

उल्लेखनीय है कि डाॅ.कृति भारती मसूरी आईएएस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट लबासना, सशस्त्र सीमा बल, राज्य एवं जिला विधिक प्राधिकरण,पुलिस ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट, रीपा जयपुर एवं यूनिसेफ आदि नामचीन इस्टीट्यूट में नियमित ट्रेनिंग देती रहती है। डॉ.कृति ने देश का पहला बाल विवाह निरस्त करवाकर अनूठी पहल की थी। डाॅ.कृति ने अब तक 50 जोड़ों के बाल विवाह निरस्त करवाए और हजारों बाल विवाह रूकवाए हैं।

जिसे लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड्स,एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स, वर्ल्ड रिकाॅर्ड्स इंडिया, इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स सहित 9 रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया। डाॅ.कृति की मुहिम को सीबीएसई पाठ्यक्रम में भी शामिल किया गया। डाॅ.कृति भारती को अन्तर्राष्ट्रीय संगठन गर्ल्स नाॅट ब्राइड की ओर चेंज मेकर सम्मान, लंदन में अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान, बीबीसी की 100 प्रेरणादायक महिलाओं की सूची में शामिल होने के अलावा ग्लोबल अवाॅर्ड, मारवाड़ रत्न, मेवाड़ रत्न सहित कई राष्ट्रीय व अन्तर्राष्ट्रीय सम्मानों से नवाजा जा चुका है।

जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल: जयपुर म्यूजिक स्टेज 2024 के शानदार सितारे!

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Jaipur Literature Festival: Amazing stars of Jaipur Music Stage 2024!
Jaipur Literature Festival: Amazing stars of Jaipur Music Stage 2024!

जयपुर। जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल के 17वें संस्करण के लिए तैयार है और वहीं जयपुर म्यूजिकस्टेज अपने बेमिसाल सितारों के साथ धरती के सबसे बड़े साहित्यिक शो के साथ कदम ताल के लिए तैयार है। जेएमएस में भारतीय उपमहाद्वीप के प्रतिभाशाली कलाकार प्रस्तुति देंगे। जो संगीत की विविध शैलियों और इतिहास को बयां करेंगे।

जाने-माने गायक-गीतकार और कवि अलिफ़ (मोहम्मद मुनीम) पहली शाम को परफॉर्म करेंगे। अलिफ़ को बहुत से पुरस्कारों से नवाजा गया है, जिनमें सिंगल ललनावत के लिए दादा साहेब फाल्के फिल्म फेस्टिवल अवार्ड, सिंगल लाइक ए सूफी के लिए आईआरएए अवार्ड और राइड होम के लिए आईआईएमए का ‘बेस्ट फोक सोंग’अवार्ड अलिफ़ हाल ही में कोक स्टूडियो भारत के सीजन 2 में शामिल हुए थे।

जहाँ उन्होंने क्या करे कोरिमोल गाया था। शाम की मधुर धुनों को आगे बढ़ाएंगे। तापी प्रोजेक्ट जिसमें शामिल हैं योगेन्द्र सानिया वाला (बेसगिटार, गीतकार, रचनाकार), स्वाति मिनाक्सी (स्वर), गौरव कपाड़िया (ड्रम्स) और बीजू नाम्बिअर (कीबोर्ड, बेस और ड्रम्स)। फोक, ट्रिप-हॉप, जैज़ और फोक इंस्ट्रूमेंट के साथ ये बैंड दिल छू लेने वाली प्रस्तुति देंगे।

जेएमएस की दूसरी शाम को प्रभ दीप पर फॉर्म करेंगे। दिल्ली में रहने वाले प्रभ दीप बहुमुखी प्रतिभा के धनी हैं। जिन्होंने सुरों के माध्यम से स्टोरी टेलिंग में अपनी अलग पहचान बनाई है। हालाँकि ‘क्लास-सिख’ दीप का आत्म कथात्मक प्रोजेक्ट है। लेकिन इसके क्राफ्ट और ख़ूबसूरती ने बड़े पैमाने पर श्रोताओं को मोहित किया है।

ऐसा ही प्रभाव उनके ‘किंग’ और ‘तबिया’ प्रोजेक्ट्स का भी रहा। फेस्टिवल की दूसरी शाम को द रीविजिट प्रोजेक्ट की भी प्रस्तुति होगी। इस बैंड की ख़ासियत जैज़ की भिन्न रूपों में प्रस्तुति है। 2014 में बने इस ग्रुप ने हिन्दी फिल्म म्यूजिक की लुप्त परम्परा को समकालीन फंक व जैज़ के साथ प्रस्तुत किया।

जेएमएस की आखरी शाम में जाने-माने गायक-गीतकार हरप्रीतऔर सलमान इलाही प्रस्तुति देंगे। हरप्रीत एक हरफन मौला कलाकार हैं, जो हिन्दी, पंजाबी, बंगाली, असमी, राजस्थानी और हरयाणवी के गाने गाते हैं। उनकी पहचान मुख्य रूप से कबीर और बुल्ले शाह के दमदार शब्दों को अपनी आवाज़ देने की है। मुंबई में रहने वाले संगीतकार सलमान इलाही की मधुर आवाज़ को उनके लोकप्रिय गीत पहाड़ों में के माध्यम से 20 मिलियन से ज्यादा लोगों ने सुना। मुख्य रूप से उर्दू-हिन्दी में लिखने और गाने वाले इलाही के लिए संगीत अपने विचारों को व्यक्त करने और आत्म-खोज का माध्यम है।

इसी शाम को बैंड वेन चाय मेट टोस्ट भी अपनी धुनों से श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर देगा। बैंड में शामिल हैं गायक अश्विन गोपा कुमार, गिटारिस्ट अच्युत जय गोपाल, कीबोर्ड प्लेयर पाली फ्रांसिस और ड्रमर पाई शैलेश। 2016 में बने इस बैंड की पहली एल्बम थी ‘जॉय ऑफ लिटिल थिंग्स’, जिसने अपने बहुभाषी शब्दों, खूबसूरत कोरस और फोक इंस्ट्रूमेंट्स की बदौलत तुरंत ही श्रोताओं का दिल जीत लिया था। जयपुर म्यूजिकस्टेज की तीनों शाम ‘नाईट बाज़ार’ के नाम भी रहेंगी। जहाँ विविध मर्चें डाइज के साथ-साथ, विविध वाद्य यंत्र, म्यूजिक टेक्नोलॉजी इत्यादि भी प्रस्तुत रहेगी।

मार्गशीर्ष मास नदी में पवित्र स्नान और दान-पुण्य के लिए पूरा महीना विशेष फलदायी है

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जयपुर। मार्गशीर्ष मास की शुरुआत हो चुकी है। खानपान और पहनावे के साथ ही भगवान की सेवा-पूजा में भी बदलाव हुआ है। ठाकुरजी को रात्रि में अब शॉल के बजाय रूई की मखमली रजाई ओढ़ाई जा रही है,साथ ही ठाकुरजी के स्नान के लिए गुनगुने जल में इत्र मिलाया जा रहा है।

ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि भगवान कृष्ण और उनके अवतारों की पूजा,नदी में पवित्र स्नान और दान-पुण्य के लिए पूरा महीना विशेष फलदायी है। 26 दिसंबर को इस महीने का समापन होगा। ज्योतिषाचार्य शर्मा ने बताया कि इस महीने में ही भगवान शिव-पार्वती और राम-सीता का विवाह हुआ था। इसके अलावा कृष्ण ने अर्जुन को गीता का ज्ञान भी इसी महीने में दिया था। वहीं मार्गशीर्ष मास को मगसर,अगहन या अग्रहायण भी कहा है। इसमें विष्णु स्वरूप भगवान कृष्ण की विशेष पूजा की परंपरा है।

भगवान कृष्ण ने गीता में कहा है कि सभी महीनों में मार्गशीर्ष मेरा ही स्वरूप है। मार्गशीर्ष माह से ही सतयुग की स्थापना हुई थी। ज्योतिषाचार्य पंडित बनवारी लाल शर्मा ने बताया कि तीस नवंबर को संकष्टी चतुर्थी, पांच दिसंबर को कालभैरव जयंती, सत्रह दिसंबर को विवाह पंचमी, बाईस दिसंबर को गीता जयंती, मोक्षदा एकादशी, छब्बीस दिसंबर को दत्तात्रेय जयंती, मार्गशीर्ष पूर्णिमा सहित अन्य व्रत-त्यौहार इस माह में हैं।

श्री राम विवाह जानकी महोत्सव: सीता स्वयंवर का प्रसंग साकार

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Shri Ram Vivah Janaki Mahotsav: The theme of Sita Swayamvar comes true
Shri Ram Vivah Janaki Mahotsav: The theme of Sita Swayamvar comes true

जयपुर। श्री रामचंद्र जी मंदिर चांदपोल बाजार में चल रहे सात दिवसीय श्री राम जानकी विवाह महोत्सव सीता स्वयंवर का प्रसंग  साकार किया गया ।जिसमें धनुष यज्ञ का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ । इस प्रसंग के लिए काठ का धनुष व बाण विशेष तौर पर तैयार कराया गया। जिसे सोने -चांदी के गोटे से सजाया गया।

श्रीराम ने तोड़ा पिनाग

इस धनुष को मंदिर जगमोहन के बीचों-बीच रखा गया। जिसे ठाकुर श्रीराम जी ने अपने हाथों से तोड़ा। इस धनुष का नाम रामायण में शिव धनुष  पिनाग बताया गया है। यह धनुष शिव जी ने परशुराम जी को दिया था। जिसके बाद परशुराम जी ने राजा जनक के पास रखवा दिया। राजा जनक ने यह धनुष सीता स्वयंवर के उपयोग में लिया था।


महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि श्रीराम जानकी विवाह में महोत्सव में जैसे ही श्रीराम जी ने यह धनुष तोड़ा वैसे ही घंटे घडियाल,नगाड़ा,शंक आदि की गर्जना के बीच श्री सीता जी ने उन्हे जय-माला महनाई। इसके बाद जनकपुर से अयोध्या मंगल पत्रिका भेजी गई।

इन पदो का हुआ गायन
धनुष के तोड़ने के साथ ही विशेष पद  “लेत चढ़ावत खैंचत गाढ़े, कबहुना लखा देख सब ठाढ़े”
“जिस छन्न मध्य राम धनु तोड़ा, भरे भुवन धुनि घोर कठोरा”। आदि का मुख्य रूप से गायन हुआ।

संकष्टी चतुर्थी पर महिलाओं ने रखा व्रत

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Ganpati Bappa Moriya echoed in Chotikashi on Ganesh Chaturthi.
Ganpati Bappa Moriya echoed in Chotikashi on Ganesh Chaturthi.

जयपुर। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर शुक्रवार को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई गई। इस पर्व पर महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा । रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला। 

कुंवारी कन्याओं ने अच्छा पति पाने के लिए दिनभर व्रत रखकर शाम को भगवान गणेश की पूजा की। गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग रहा। संकष्टी चतुर्थी पर श्रद्धालुओं ने गणेशजी की विशेष पूजा-अर्चना की। कई लोगों ने व्रत रखा।  गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। भगवान गणेश को पूजा के दौरान उन्हें सिंदूर और जोड़े में दूर्वा अर्पित की। मान्यता है कि  ऐसा करने से साधक के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं।

नारायण धाम में हुआ भजन संध्या का आयोजन

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Bhajan evening organized in Narayan Dham
Bhajan evening organized in Narayan Dham

जयपुर। गोपालबाड़ी में स्थित श्रीनारायण धाम में हरिनारायण बड़गोती बिलोंची वाले की पुण्य स्मृति में गुरूवार को भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें संत नारायण दास जी महाराज की फूलों की विशेष झांकी सजाई गई। कार्यक्रम में पुजारी केशव दास,उपेंद्र ,यशपाल पारस ने विशेष श्रृंगार किया। भजन संध्या में गो ऋषि संत प्रकाश दास महाराज ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। 

ब्रह्मपीठाधीश्वर काठियापरिवाराचार्य रामरतन देवाचार्य महाराज ने कहा कि हरिनारायण बडग़ोती समाजसेवा, गो सेवा, संत सेवा सहित धार्मिक कार्यों में जीवन पर्यंत लगे रहे।  तामडिय़ा धाम के पीठाधीश्वर बजरंगदास महाराज, हाथोज धाम के बालमुकुंदाचार्य महाराज, सांसद रामचरण बोहरा, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, गोपाल शर्मा, रामलाल शर्मा, कैलाश बडग़ोती, मोहन बडग़ोती, राकेश बडग़ोती, सत्यप्रकाश रावत, शुभम बडग़ोती, दिव्य बडग़ोती सहित अन्य उपस्थित थे।

भैरवाष्टमी को मंदिरों में होंगे विशेष आयोजन

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जयपुर। मार्ग कृष्ण अष्टमी को काल भैरवाष्टमी के रूप में मनाई जाएगी। जिसमें भैरवा मंदिरों में भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार कर पूजा-अर्चना ,महाआरती ,भंडारा और प्रसादी का आयोजन होंगा। 5 दिसम्बर को भैरवाष्टमी पर छोटी काशी में स्थित एमआई रोड ,न्यू गेट,खेजडो का रास्ता,आमेर महल सहित अन्य भैरव मंदिरों में विशेष आयोजन किया जाएगा। शाम हो सैकड़ो दीपकों से महाआरती होगी।

भैरव अष्टमी को देखते हुए बाबा के भक्तों ने अभी से मंदिरों में तैयारियां शुरू कर दी है। सुबह काल भैरव का दूध से अभिषेक कर सिंदूर और चांदी के वर्क से रजत श्रृंगार किया जाएगा। भैरव मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा। पूजन के बाद मंदिर प्रांगण में हवन किया जाएगा। हवन के बाद आरती और आतिशबाजी कि जाएगी। सभी मंदिरों में सूजी के हलुआ और काले चने के भोग के बाद भक्तों को प्रसादी वितरण होगी। भक्तों को भैरव कंडे का वितरण किया जाएगा।

रामेश्वर महादेव मंदिर में 13वां पाटोत्सव मनाया

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जयपुर। अहिंसा सर्किल ,सी-स्कीम में स्थित रामेश्चर महादेव मंदिर में गुरूवार को 13वां पाटोत्सव बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें रामेश्वर महादेवजी का फूलों से मनोरम श्रृंगार किया गया और मंदिर प्रागंण में रंग -बिरंगी लाईटों से सजावट की गई। सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने बाबा का जल अभिषेक किया।

इस कार्यक्रम में महामंडलेश्वर बालमुकंदाचार्य महाराज सहित भाजपा नेता सुरेश मिश्रा ,सर्व ब्राह्मण महासभा जयपुर संभाग अध्यक्ष पंडित दिनेश शर्मा ने अतिथि के रूप में शिव परिवार की आरती उतारी। रामेश्वर महादेव मंदिर परिवार की रेणु दीदी ने सभी का स्वागत किया।

निंबार्क भगवान की शोभायात्रा में उमड़े श्रद्धालु

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Devotees gathered in the procession of Lord Nimbarka
Devotees gathered in the procession of Lord Nimbarka

जयपुर। निंबार्क जयंती महोत्सव पर जयपुर के जगतगुरू श्रीजी महाराज के सानिध्य में गुरूवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में प्रदेश और देश की अनेक महत्वपूर्ण पीठों और मंदिरों के संत और महंतों के अलावा बड़ी संख्या में निंम्बार्क वैष्णव जन शामिल हुए।

ये शोभायात्रा चांदनी चौक स्थित श्री आनंद कृष्ण बिहारी जी मंदिर से रवाना होकर जयपुर के मुख्या मार्ग त्रिपोलिया बाजार,जौहरी बाजार ,बापू बाजार ,चौड़ा रास्ता होते हुए वापस श्री आनंद कृष्ण बिहारी जी मंदिर पहुंच कर सम्पत्र हुई।

हाथी -घोडे़ लवाजमें का हुआ स्वागत

शोभायात्रा में बैंड बाजा और हाथी- घोड़े के लवाजमे के साथ बग्घी में विराजमान श्रीजी महाराज और संत वृंदों का अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा में अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं ने स्वागत द्वार बनाए, अनेक जगह श्रद्धालुओं ने श्रीजी महाराज की पूजा- अर्चना की। संपूर्ण शोभायात्रा में भक्तजन सुमधुर भक्ति संगीत के साथ नाचते- गाते और बजाते हुए भाव विभोर होकर चले।


तत्पश्चात  महाराज ने मंदिर में आयोजित धर्म सभा में अपने आशीर्वचन में वैष्णव जनों से छोटे बच्चों से लेकर युवा वर्ग में सनातन और संप्रदाय की रीति नीति के संस्कार डालने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से हम सृष्टि के सबसे बड़े वैष्णव संप्रदाय में जुड़े हुए हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि नई पीढ़ी को संस्कारी बनाएं। इसके लिए उसे नित्य कर्म और संध्या वंदन के साथ ठाकुर सेवा से जोड़ने की सीख दी जाए।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने श्री श्रीजी महाराज और संत वृंदों की चरण वन्दना की। कार्यक्रम के अंत में बड़ी संख्या में भक्त जनों ने मंदिर परिसर में पंगत प्रसादी पाई।