जयपुर। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर शुक्रवार को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई गई। इस पर्व पर महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा । रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला।
कुंवारी कन्याओं ने अच्छा पति पाने के लिए दिनभर व्रत रखकर शाम को भगवान गणेश की पूजा की। गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग रहा। संकष्टी चतुर्थी पर श्रद्धालुओं ने गणेशजी की विशेष पूजा-अर्चना की। कई लोगों ने व्रत रखा। गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। भगवान गणेश को पूजा के दौरान उन्हें सिंदूर और जोड़े में दूर्वा अर्पित की। मान्यता है कि ऐसा करने से साधक के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं।