July 27, 2025, 6:46 pm
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श्री राम विवाह जानकी महोत्सव: सीता स्वयंवर का प्रसंग साकार

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Shri Ram Vivah Janaki Mahotsav: The theme of Sita Swayamvar comes true
Shri Ram Vivah Janaki Mahotsav: The theme of Sita Swayamvar comes true

जयपुर। श्री रामचंद्र जी मंदिर चांदपोल बाजार में चल रहे सात दिवसीय श्री राम जानकी विवाह महोत्सव सीता स्वयंवर का प्रसंग  साकार किया गया ।जिसमें धनुष यज्ञ का कार्यक्रम भी संपन्न हुआ । इस प्रसंग के लिए काठ का धनुष व बाण विशेष तौर पर तैयार कराया गया। जिसे सोने -चांदी के गोटे से सजाया गया।

श्रीराम ने तोड़ा पिनाग

इस धनुष को मंदिर जगमोहन के बीचों-बीच रखा गया। जिसे ठाकुर श्रीराम जी ने अपने हाथों से तोड़ा। इस धनुष का नाम रामायण में शिव धनुष  पिनाग बताया गया है। यह धनुष शिव जी ने परशुराम जी को दिया था। जिसके बाद परशुराम जी ने राजा जनक के पास रखवा दिया। राजा जनक ने यह धनुष सीता स्वयंवर के उपयोग में लिया था।


महंत नरेंद्र तिवाड़ी ने बताया कि श्रीराम जानकी विवाह में महोत्सव में जैसे ही श्रीराम जी ने यह धनुष तोड़ा वैसे ही घंटे घडियाल,नगाड़ा,शंक आदि की गर्जना के बीच श्री सीता जी ने उन्हे जय-माला महनाई। इसके बाद जनकपुर से अयोध्या मंगल पत्रिका भेजी गई।

इन पदो का हुआ गायन
धनुष के तोड़ने के साथ ही विशेष पद  “लेत चढ़ावत खैंचत गाढ़े, कबहुना लखा देख सब ठाढ़े”
“जिस छन्न मध्य राम धनु तोड़ा, भरे भुवन धुनि घोर कठोरा”। आदि का मुख्य रूप से गायन हुआ।

संकष्टी चतुर्थी पर महिलाओं ने रखा व्रत

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Ganpati Bappa Moriya echoed in Chotikashi on Ganesh Chaturthi.
Ganpati Bappa Moriya echoed in Chotikashi on Ganesh Chaturthi.

जयपुर। मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि पर शुक्रवार को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी मनाई गई। इस पर्व पर महिलाओं ने पति की लंबी उम्र के लिए व्रत रखा । रात्रि को चंद्रमा को अर्घ्य देकर व्रत खोला। 

कुंवारी कन्याओं ने अच्छा पति पाने के लिए दिनभर व्रत रखकर शाम को भगवान गणेश की पूजा की। गणाधिप संकष्टी चतुर्थी पर सर्वार्थ सिद्धि योग रहा। संकष्टी चतुर्थी पर श्रद्धालुओं ने गणेशजी की विशेष पूजा-अर्चना की। कई लोगों ने व्रत रखा।  गणाधिप संकष्टी चतुर्थी के दिन व्रत करने से व्यक्ति को विशेष लाभ मिलता है। भगवान गणेश को पूजा के दौरान उन्हें सिंदूर और जोड़े में दूर्वा अर्पित की। मान्यता है कि  ऐसा करने से साधक के सभी बिगड़े काम बनने लगते हैं।

नारायण धाम में हुआ भजन संध्या का आयोजन

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Bhajan evening organized in Narayan Dham
Bhajan evening organized in Narayan Dham

जयपुर। गोपालबाड़ी में स्थित श्रीनारायण धाम में हरिनारायण बड़गोती बिलोंची वाले की पुण्य स्मृति में गुरूवार को भजन संध्या का आयोजन किया गया। जिसमें संत नारायण दास जी महाराज की फूलों की विशेष झांकी सजाई गई। कार्यक्रम में पुजारी केशव दास,उपेंद्र ,यशपाल पारस ने विशेष श्रृंगार किया। भजन संध्या में गो ऋषि संत प्रकाश दास महाराज ने भजनों की प्रस्तुतियां दी। 

ब्रह्मपीठाधीश्वर काठियापरिवाराचार्य रामरतन देवाचार्य महाराज ने कहा कि हरिनारायण बडग़ोती समाजसेवा, गो सेवा, संत सेवा सहित धार्मिक कार्यों में जीवन पर्यंत लगे रहे।  तामडिय़ा धाम के पीठाधीश्वर बजरंगदास महाराज, हाथोज धाम के बालमुकुंदाचार्य महाराज, सांसद रामचरण बोहरा, भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, गोपाल शर्मा, रामलाल शर्मा, कैलाश बडग़ोती, मोहन बडग़ोती, राकेश बडग़ोती, सत्यप्रकाश रावत, शुभम बडग़ोती, दिव्य बडग़ोती सहित अन्य उपस्थित थे।

भैरवाष्टमी को मंदिरों में होंगे विशेष आयोजन

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जयपुर। मार्ग कृष्ण अष्टमी को काल भैरवाष्टमी के रूप में मनाई जाएगी। जिसमें भैरवा मंदिरों में भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार कर पूजा-अर्चना ,महाआरती ,भंडारा और प्रसादी का आयोजन होंगा। 5 दिसम्बर को भैरवाष्टमी पर छोटी काशी में स्थित एमआई रोड ,न्यू गेट,खेजडो का रास्ता,आमेर महल सहित अन्य भैरव मंदिरों में विशेष आयोजन किया जाएगा। शाम हो सैकड़ो दीपकों से महाआरती होगी।

भैरव अष्टमी को देखते हुए बाबा के भक्तों ने अभी से मंदिरों में तैयारियां शुरू कर दी है। सुबह काल भैरव का दूध से अभिषेक कर सिंदूर और चांदी के वर्क से रजत श्रृंगार किया जाएगा। भैरव मंदिर को फूलों से सजाया जाएगा। पूजन के बाद मंदिर प्रांगण में हवन किया जाएगा। हवन के बाद आरती और आतिशबाजी कि जाएगी। सभी मंदिरों में सूजी के हलुआ और काले चने के भोग के बाद भक्तों को प्रसादी वितरण होगी। भक्तों को भैरव कंडे का वितरण किया जाएगा।

रामेश्वर महादेव मंदिर में 13वां पाटोत्सव मनाया

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जयपुर। अहिंसा सर्किल ,सी-स्कीम में स्थित रामेश्चर महादेव मंदिर में गुरूवार को 13वां पाटोत्सव बड़े हर्षोउल्लास के साथ मनाया गया। जिसमें रामेश्वर महादेवजी का फूलों से मनोरम श्रृंगार किया गया और मंदिर प्रागंण में रंग -बिरंगी लाईटों से सजावट की गई। सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने बाबा का जल अभिषेक किया।

इस कार्यक्रम में महामंडलेश्वर बालमुकंदाचार्य महाराज सहित भाजपा नेता सुरेश मिश्रा ,सर्व ब्राह्मण महासभा जयपुर संभाग अध्यक्ष पंडित दिनेश शर्मा ने अतिथि के रूप में शिव परिवार की आरती उतारी। रामेश्वर महादेव मंदिर परिवार की रेणु दीदी ने सभी का स्वागत किया।

निंबार्क भगवान की शोभायात्रा में उमड़े श्रद्धालु

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Devotees gathered in the procession of Lord Nimbarka
Devotees gathered in the procession of Lord Nimbarka

जयपुर। निंबार्क जयंती महोत्सव पर जयपुर के जगतगुरू श्रीजी महाराज के सानिध्य में गुरूवार को भव्य शोभायात्रा निकाली गई। इस शोभायात्रा में प्रदेश और देश की अनेक महत्वपूर्ण पीठों और मंदिरों के संत और महंतों के अलावा बड़ी संख्या में निंम्बार्क वैष्णव जन शामिल हुए।

ये शोभायात्रा चांदनी चौक स्थित श्री आनंद कृष्ण बिहारी जी मंदिर से रवाना होकर जयपुर के मुख्या मार्ग त्रिपोलिया बाजार,जौहरी बाजार ,बापू बाजार ,चौड़ा रास्ता होते हुए वापस श्री आनंद कृष्ण बिहारी जी मंदिर पहुंच कर सम्पत्र हुई।

हाथी -घोडे़ लवाजमें का हुआ स्वागत

शोभायात्रा में बैंड बाजा और हाथी- घोड़े के लवाजमे के साथ बग्घी में विराजमान श्रीजी महाराज और संत वृंदों का अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं ने पुष्प वर्षा कर स्वागत किया। शोभायात्रा में अनेक स्थानों पर श्रद्धालुओं ने स्वागत द्वार बनाए, अनेक जगह श्रद्धालुओं ने श्रीजी महाराज की पूजा- अर्चना की। संपूर्ण शोभायात्रा में भक्तजन सुमधुर भक्ति संगीत के साथ नाचते- गाते और बजाते हुए भाव विभोर होकर चले।


तत्पश्चात  महाराज ने मंदिर में आयोजित धर्म सभा में अपने आशीर्वचन में वैष्णव जनों से छोटे बच्चों से लेकर युवा वर्ग में सनातन और संप्रदाय की रीति नीति के संस्कार डालने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि सौभाग्य से हम सृष्टि के सबसे बड़े वैष्णव संप्रदाय में जुड़े हुए हैं। ऐसे में हमारा कर्तव्य बनता है कि नई पीढ़ी को संस्कारी बनाएं। इसके लिए उसे नित्य कर्म और संध्या वंदन के साथ ठाकुर सेवा से जोड़ने की सीख दी जाए।
इस अवसर पर श्रद्धालुओं ने श्री श्रीजी महाराज और संत वृंदों की चरण वन्दना की। कार्यक्रम के अंत में बड़ी संख्या में भक्त जनों ने मंदिर परिसर में पंगत प्रसादी पाई।