जयपुर। देश-प्रदेश में उत्तम वर्षा एवं रामगढ़ बांध में पुन जलधारा प्रवाहित होने की मंगल कामना के साथ रविवार को गोविंद देवजी मंदिर में पंच कुंडीय सुवृष्टि गायत्री महायज्ञ का आयोजन किया गया। यह आयोजन सतानत बोर्ड संघर्ष समिति व मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के पावन सानिध्य में सम्पन्न हुआ।
इस यज्ञ का शुभारंभ समिति के संयोजक राहुल द्विवेदी ने दीप प्रज्जवलन कर किया। इस अवसर पर उन्होने उपस्थि श्रद्धालुओ को मिट्टी के मटके वितरित कर भारतीय संस्कृति एवं परंपराओं की ओर लौटने का आह्वान किया। बताया जा रहा है कि आगामी दिनों में समिति गलता गेट,जयसिंहपुरा खोर,एवं विद्याधर नगर क्षेत्रों में 1 हजार मटके वितरित कर जल संरक्षण का संदेश प्रसारित करेंगी।
ढ़ाई सौ श्रद्धालुओं ने अलग-अलग परियों में यज्ञ देवता को की आहुतियां अर्पित
अच्छी बरसात के गोविंद देवजी मंदिर में किए जा रहे पंच कुंडीय सुवृष्टि गायत्री महायज्ञ में लगभग 250 से श्रद्धालुओ ने यज्ञ देवता को आहुतियां अर्पित की। भगवान इंद्र एवं वरुण देव का भावपूर्ण आह्वान करते हुए मानसून से भरपूर वर्षा की कामना की। कार्यक्रम का संचालन गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के व्यवस्थापक सोहनलाल शर्मा एवं सह व्यवस्थापक मणिशंकर पाटीदार के निर्देशन में आचार्य दिनेश मारबदे एवं उनकी टोली ने प्रज्ञा गीतों के साथ यज्ञ सम्पन्न किया।
मुख्य वक्ता गिरधर गोपाल आसोपा ने अपने उद्बोधन में कहा, गायत्री महामंत्र का जप व्यक्ति को ईश्वरीय चेतना से जोड़ता है और उसे आत्मविश्वास, विवेक व सद्बुद्धि प्राप्त होती है। कार्यक्रम का प्रारंभ आराध्य देव गोविंद देवजी, मां गायत्री एवं गुरुसत्ता के षोडशोपचार पूजन से हुआ। इसके पश्चात गायत्री मंत्र व महामृत्युंजय मंत्र के साथ आहुतियां समर्पित की गईं।
चार श्रद्धालुओं के जन्मदिन पर पंचतत्व पूजन संपन्न
पंच कुंडीय सुवृष्टि गायत्री महायज्ञ संपन्न होने के पश्चात मंदिर परिसर में भारतीय संस्कृति के अनुसार चार श्रद्धालुओं के जन्मदिन पर पंचतत्व पूजन संस्कार भी संपन्न कराया गया। जिसमें उपस्थित जनसमुदाय ने पुष्प वर्षा कर सभी को आशीर्वाद प्रदान किया।
कार्यक्रम के अंत में मंदिर समिति ने श्रद्धालुओं को ठाकुरजी की छवि, दुपट्टा, प्रसाद और गायत्री परिवार की ओर से प्रेरक साहित्य भेंट स्वरूप भेंट किया । गायत्री परिवार बनीपार्क के रमेश अग्रवाल, कैलाश अग्रवाल एवं ओमवीर भार्गव को ज्ञान प्रसाद के रूप में युग साहित्य भेंट कर सम्मानित किया गया।