राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग ने कफ जनित बीमारियों से बचाव के लिए वमन कर्म शिविर का शुभारंभ

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जयपुर। जोरावर सिंह गेट स्थित राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान (मानद विश्वविद्यालय) जयपुर के पंचकर्म विभाग ने स्वास्थ्य रक्षणार्थ वासन्तिक वमन कर्म शिविर का शुभारंभ किया गया। आमजन के बेहतर स्वास्थ्य और कफ दोष से जनित बीमारियों से बचाव के लिए निशुल्क शिविर राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग द्वारा 28 फरवरी से 27 मार्च तक लगाया जाएगा।

शिविर का उद्घाटन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के कुलपति प्रोफेसर संजीव शर्मा ने किया। उन्होंने बताया आयुर्वेद के माध्यम से आमजन के बेहतर स्वास्थ्य के लिए मौसम परिवर्तन से जनित रोगों की रोकथाम और उससे बचाव के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा समय-समय पर कई कार्यक्रमों ओर गतिविधियों को निशुल्क जाता है।

राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग द्वारा बेहतर स्वास्थ्य के लिये ऋतु शोधन कार्यक्रम के अन्तर्गत समय-समय पर वमन, विरचन, रक्तमोक्षण के साथ अन्य शिविरों का सफल आयोजन किया जाता है। आम जन को बेहतर स्वास्थ्य के लिए राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान द्वारा लगाए जाने वाले इन शिविरों का लाभ जरूर लेना चाहिए जिससे कि वह मौसम की अनुकूलता के अनुसार उनसे जनहित बीमारियों से अपना बचाव कर सके और स्वस्थ रहे।

पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. गोपेश मंगल ने बताया कि आयुर्वेद के अनुसार वसन्त ऋतु में कफ दोष बढ़ता है। जिसके कारण हमारे शरीर में कफ से जुड़े कई रोग होते हैं, कफ को शरीर से बाहर निकालने के लिये वमन चिकित्सा की जाती है। वमन से विभिन्न रोगों जैसे अस्थमा, कास, अरूचि, अम्लपित्त, मोटापा, बन्ध्यत्व, सोरायसिस, माहवारी सम्बन्धित विकारो में लाभ होता है।

एक माह तक लगने वाले इस निशुल्क शिविर का आयोजन राष्ट्रीय आयुर्वेद संस्थान के पंचकर्म विभाग में 28 फरवरी से 27 मार्च के मध्य किया जा रहा है। शिविर में वमन क्रिया करवाने वाले व्यक्तियों का रजिस्ट्रेशन निशुल्क किया जाएगा एवं वमन कर्म के दौरान उपयोग में लेने वाली औषधियां भी निशुल्क दी जाएगी।

कार्यक्रम में प्रो. छाजू राम यादव, डॉ. सर्वेश कुमार सिह, डॉ. क्षिप्रा राजोरिया, डॉ. विपिन तंवर, डॉ. वैभव बापट, डॉ. अनुश्री डी एवं विभाग के विद्यार्थी उपस्थित रहे।

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