जयपुर। मंच के अनुकूल व्यवहार, भाषा पर पकड़, विभिन्न प्रकार के आयोजनों में मंच संचालन और श्रेष्ठ वक्ता बनने के गुर सिखाने के साथ सूत्रधार कार्यशाला का सोमवार को समापन हुआ। जवाहर कला केन्द्र की ओर से इस 10 दिवसीय आर्ट ऑफ स्पीकिंग-वक्तृत्व कला कार्यशाला का आयोजन किया गया था। वरिष्ठ रंगकर्मी राजीव आचार्य के निर्देशन में आयोजित कार्यशाला में 25 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया।
राजीव आचार्य के साथ ही वरिष्ठ मंच व रेडियो अभिनेता सर्वेश व्यास, रेडियो एवं टीवी कार्यक्रम प्रस्तोता अनामिका अनन्त, वरिष्ठ व्यावसायिक मंच संचालक आरजे कबीर, आकाशवाणी से सुषमा शर्मा और संगीत विभाग, राजस्थान विश्वविद्यालय की सहायक प्रोफेसर डॉ. अंशु वर्मा बतौर विशेषज्ञ प्रतिभागियों से रूबरू हुए। जेकेके की ओर से सभी प्रतिभागियों की हौसला अफजाई की गयी।
राजीव आचार्य ने बताया कि मंच संचालन भी एक तरह का अभिनय है। अपनी बात को प्रभावी तरीके से व्यक्त करना और भीड़ को ऑडियंस में तब्दील कर अपने वक्तव्य में भावों का समिश्रण कर उन्हें मनोरंजक सफर पर ले जाना मंच संचालक काम रहता है। इस तरह यह कार्यशाला कलाकारों, सिविल सर्विसेज के विद्यार्थियों, कॉरपोरेट और कल्चरल इवेंट्स में मंच संचालन करने के इच्छुक प्रतिभागियों के लिए बड़ी मददगार साबित हुई।
उन्होंने बताया कि मंच के डर को दूर करने के लिए संबंधित विषय के संबंध में पूरी जानकारी हासिल करें, भाषा व शब्दों के उच्चारण का ध्यान रखें, संबंधित विषय से जुड़ी शब्दावली तैयार करें, दर्शकों-श्रोताओं के साथ जल्दी तारतम्यता स्थापित की जाए, कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए यू स्ट्रेस का होना आम बात है जिससे घबराए नहीं। उन्होंने यह भी बताया कि प्रतिभागियों को प्रायोगिक तरीके से लेखन और वाचन के गुर सिखाए गए। साथ ही वॉयस और मेंटल एक्सरसाइज भी करवाई गयी।