जयपुर। शिक्षा एवं पंचायती राज मंत्री मदन दिलावर ने गुरुवार को कोटा के जुल्मी में पाटली नदी के जीर्णाेद्धार कार्य का शुभारंभ किया। 5 करोड़ की लागत से पूर्ण होने वाले इस कार्य के अंतर्गत लगभग विलुप्त हो चुकी पाटली नदी की तलछट में जमे मलबे, कांच, पत्थर के टुकड़ों व अन्य अपशिष्ट पदार्थों को निकाला जाएगा।
इसकी चौड़ाई लगभग 40 मीटर की जाएगी और इसके किनारों का सुदृढ़ीकरण किया जाएगा। नदी का जीर्णाेद्धार होने से बाढ़ के पानी से आसपास के खेतों की फसल खराब नहीं होगी। नदी के किनारों पर उपयुक्त स्थान का चयन कर घाटों का निर्माण करवाया जाएगा तथा कुछ स्थानों पर जल भराव के लिए बेड का निर्माण भी करवाया जाएगा।
ये पूरी परियोजना दो चरणों में पूरी होगी। प्रथम चरण के बाद विधानसभा क्षेत्र रामगंजमंडी के 21 गांवों की 4380 हेक्टेयर भूमि को लिफ्ट द्वारा सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा सकेगी। दूसरे चरण के पूरा होने पर रामगंजमंडी के 19 गांवों की 2670 हेक्टेयर भूमि को लिफ्ट द्वारा सींचाई सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इस प्रकार कुल 40 गांवों को इस परियोजना से सिंचाई के लिए पानी मिल सकेगा।
दिलावर ने बताया कि पाटली नदी इस क्षेत्र की ताकली नदी से भी बड़ी है। पाटली नदी की अनदेखी होने, इसमें आसपास की खदानों से निकलने वाले अपशिष्ट पदार्थ डालने से नदी का प्राकृतिक बहाव अवरुद्ध हुआ है और नदी अपना मूल स्वरूप खो चुकी है।
इससे आसपास के खेतों में पानी भरने से फसल खराब हो जाती है। शिक्षा मंत्री मदन दिलावर के प्रयासों से पाटली नदी को मूल स्वरूप में लाने के लिए बजट घोषणा में 5 करोड रुपए स्वीकृत किए गए हैं।