जयपुर। भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) उदयपुर की टीम ने डूंगरपुर में कार्रवाई करते पैशन विभाग कोष कार्यालय डूंगरपुर में पदस्थापित कम्प्यूटर ऑपरेटर गोविन्द गाठिया को बीस हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार किया गया है।
भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक स्मिता श्रीवास्तव ने बताया कि परिवादी ने एसीबी उदयपुर में शिकायत दी कि वह वन विभाग उदयपुर में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में कार्य करता है और उसके पिता वन विभाग में कैटल गार्ड थे जिनकी मृत्यु हो गई थी। उसके पिताजी की मृत्यु के बाद उनके स्थान पर उसे वन विभाग उदयपुर में अनुकम्पात्मक नियुक्ति मिली थी। उसके पिताजी की वर्ष 2017 से लगातार पेंशन आ रही थी।
उसके पिताजी की पेंशन का लगभग 2 लाख 59 हजार रुपये का एरियर बना था। जिसको पास करवाने के लिए वह और उसकी माताजी माह अप्रैल 2025 में दोनो पेंशन विभाग डूंगरपुर गये थे। जहां पैशन विभाग कोष कार्यालय डूंगरपुर में पदस्थापित कम्प्यूटर ऑपरेटर गोविन्द गाठिया से मिला था । जिससे पिताजी की पेंशन के एरियर के रुपये पास करने की बात कही तो उसने पेंशन के एरियर के रुपये पास करने की एवज में 90 हजार रुपये की मांग की थी।
इसके बाद उसने उसे काफी बार फोन किया था और रुपयों की मांग की पर उसे रिश्वत के रुपये देने से मना कर दिया। इसके बाद उसकी माताजी के बैंक खाते में एरियर के रुपये आ गये परन्तु मई 2025 से उसकी माताजी के बैंक खाते में उसके पिताजी की पेंशन आनी बंद हो गई।
इस पर वह और उसकी माताजी ने फिर गोविन्द गाठिया से सम्पर्क किया और पिताजी की पेंशन बंद करने का कारण पूछा तो आरोपित गोविन्द गाठिया ने फिर टुकडो टुकडों में तीस-तीस हजार रुपये रिश्वत के रुपये देने की मांग की और नहीं देने पर फिर से पेंशन शुरू करने के लिये मना कर दिया। इस पर उसकी माताजी का जीवित प्रमाण पत्र भी ऑनलाइन प्रस्तुत कर दिया।
इसके बाद वह पुनः डूंगरपुर जाकर गोविन्द कुमार गाठिया से मिला तो उससे कहा कि पहले वाले रुपये दे देते तो पेंशन बंद नहीं होती अब अगर पेंशन चालू करवानी है तो टुकडो टुकडों में तीस-तीस हजार रुपये देने पड़ेंगे। इस पर परिवादी द्वारा दी गई रिपोर्ट का सत्यापन करवाया गया और एसीबी की टीम ने ट्रेप कार्यवाही करते हुए गोविन्द गाठिया को कार्यालय कक्ष में परिवादी से 20 हजार रुपये की रिश्वत की राशि लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है।