जयपुर। चेटीचंड सिंधी मेला समिति महानगर जयपुर ,पूज्य सिंधी पंचायत सिंधु नगर नाहरी का नाका और सिंधु सेना के संयुक्त तत्वावधान में लाल जा लाडा प्रतियोगिता का आयोजन स्वामी सर्वानंद हॉल, नाहरी का नाका में हुआ। पंचायत के अध्यक्ष नरेश मंघनानी ने भगवान झूलेलाल के समक्ष दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। खुशी के अवसर पर गाए जाने वाले गीत लाडा की प्रस्तुति हुई । संयोजिका शोभा बसंतानी ने बताया कि महिलाओं की 24 टीमों ने भाग लिया ।प्रतियोगिता के अंतर्गत संगीत की धुन पर प्रतिभागियों ने कई सुरीले गीत प्रस्तुत किए ।
जागंदी रहे ज्योति झूलण जी सदाईं ( भगवान झूलेलाल जी की ज्योति हमेशा जलती रहे)…. पार पुजाइंदो झूलेलाल( भगवान झूलेलाल सबका बेड़ा पार लगाएंगे )….., दुलह दरिया शाह सभजी बेड़ी पार लगाए ( भगवान झूलेलाल आप सबकी बेड़ी पार लगाओ )….गा कर श्रद्धालुओं को नाचने पर मजबूर किया । प्रतिभागियों ने सिंधी संगीत के प्रमुख अंग लाडा, लोरी, साखियूं डोहिड़ा,कलाम , ओराणा, भगतियूं ,पंजड़ा आदि प्रस्तुत किए। विजेता प्रतिभागियों को नगद पुरस्कार और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया । कमल आसवानी ,विजय कलवानी ,पंकज रायचंदानी,गोबिंद रामनानी ने व्यवस्थाएं संभाली।चेटीचंड के पदाधिकारी दिलीप हरदासानी,दिलीप पारवानी,दीपक दुलानी,दिलीप भूरानी का स्वागत हुआ।
चेटीचंड पखवाड़े के तहत 501 महिलाओं की विशाल कलश यात्रा का आयोजन शुक्रवार 28 मार्च 2025 को किया जाएगा ।कलश यात्रा प्रमुख निशा ठारवानी ने बताया कि दोपहर 3 बजे कलश यात्रा गोविंद देव जी मंदिर से आरंभ होकर हवा महल बाजार होती कंवर नगर स्थित श्री झूलेलाल मंदिर पहुंचेगी ।संयोजिका मीना मूलचंदानी ने बताया कि सिंधु जल और प्रयागराज से आए त्रिवेणी संगम जल पूरित कलश सिर पर धारण कर महिलाएं मंगल गीत गाती चलेगी । सांसद मंजू शर्मा ,हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य भी उपस्थित रहेंगे।गोविंद देव जी मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी पूजन और आरती कर यात्रा को रवाना करेंगे।निशा ठारवानी, प्रिया पारवानी ,कशिश आडवाणी सहित मातृ शक्ति तैयारियों में जुटी हुई हैं।कंवर नगर में महाआरती का आयोजन होगा।
प्रवक्ता तुलसी संगतानी ने बताया कि सिंधु संस्कृति में कलश पूजन का अत्यधिक महत्व है ,कलश में सभी देवी देवताओं के साथ समस्त तीर्थों का वास होता है। किसी भी पूजन में कलश पूजन का महत्वपूर्ण स्थान होता है। कलश पूजन की स्थापना कर पूजा करने से कार्य में शुभता और सफलता मिलती है ।कलश को सुख समृद्धि, वैभव और मंगल कामनाओं का प्रतीक माना गया है।