जयपुर। सड़क दुर्घटना के बाद पुलिस ने कार को थाने पर खड़ा करवाने की बजाय रोड पर छोड़ दिया, इसका लाभ उठाकर चोर कार के चारों टायर रिम सहित खोल कर ले गए। जब परिजन घटना स्थल पर पहुंचे तो उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े। क्योंकि इस कार के माध्यम से उनके परिवार का पालन-पोषण हो रहा था। सड़क दुर्घटना में परिवार ने परिवार का इकलौता कमाउ पूत खो दिया। पुलिस की अनदेखी और संवेदन हीनता ने मृतक के परिजनों के दर्द को और बढ़ा दिया। मामला कानोता थाना इलाके का है।
पुलिस के अनुसार 21 जून को आगरा रोड पर एक तेज रफ्तार ट्रक ने बेकाबू होकर तीन-चार गाडियों को टक्कर मार दी। हादसे में कार सवार 35 वर्षीय युवक असलम खान की मौत हो गई थी। हादसे के दौरान ट्रक चालक नशे में था। चालक ने तीन किलोमीटर की दूरी में चार गाडियों को टक्कर मार थी। आगरा रोड पर लक्ष्मी भट्टे के नजदीक ट्रक ने आगे चल रही कार को टक्कर जोरदार टक्कर मार दी थी इसमें कार चालक की मौत हो गई।
हादसे के बाद पुलिस ने दुर्घटना ग्रस्त कार को जब्त कर थाने पर खड़ा करवाने की बजाय रोड पर ही छोड़ दिया। कार कई दिनों तक सड़क पर पड़ी रही। इसी का लाभ उठाकर चोरों ने कार के टायर के अलावा अन्य सामान भी चोरी कर ले गए। । इस दर्दनाक हादसे में न केवल एक परिवार को अपार दुःख दिया है, बल्कि समाज के समक्ष पुलिस की संवेदनहीनता और कर्तव्यहीनता को भी उजागर किया है।
सड़क पर क्षतिग्रस्त कार को देख रो पड़ते परिजन
असलम के परिवार के सदस्य जब भी सड़क से गुजरते हैं, तो उनकी नजरें उस कार पर पड़ती हैं जिसमें असलम ने अपनी आखिरी सांसें लीं। हर बार कार को देखते ही उनकी आंखें भर आती हैं और वे अपने बेटे को याद करके रो पड़ते हैं। असलम की मां बशीर बानो ने कहा कि “हर बार जब मैं उस कार को देखती हूं, मेरा दिल टूट जाता है। पुलिस की लापरवाही ने हमारे दुख को और बढ़ा दिया है। हमने अपने बेटे को खो दिया है और अब इस दर्द के साथ जी रहे हैं कि उसकी यादें उसी कार में बसी हैं।
ऐसे में पुलिस की इस असंवेदनशीलता पर स्थानीय लोग भी आक्रोशित हैं। स्थानीय निवासी मनोज कुमार ने कहा कि आखिर कब तक पुलिस इसी तरह से उदासीन बनी रहेगी। इस मामले ने पुलिस की कार्यशैली पर भी सवाल खड़े कर दिए हैं। इस मामले में थानाधिकारी गौतम डोटासरा से सम्पर्क करने का प्रयास किया गया, लेकिन उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।