जयपुर। राजस्थान में संगठित अपराध और मादक पदार्थ तस्करी के खिलाफ चल रहे एक बड़े अभियान में स्टेट क्राइम ब्रांच की एंटी-गैंगस्टर टास्क फोर्स ने ऐसे कुख्यात तस्कर को गिरफ्तार किया है, जिस पर नागौर पुलिस ने 10 हजार का इनाम घोषित कर रखा था।
भीलवाड़ा से हुई इनामी तस्कर की गिरफ्तारी
एडीजीपी दिनेश एमएन ने बताया कि को खुफिया जानकारी मिली थी कि नागौर जिले में एनडीपीएस एक्ट के तहत कई मामलों में वांछित बदमाश भीलवाड़ा में छिपा हुआ है। सूचना मिलते ही एजीटीएफ टीम ने तत्काल एक्शन लिया और सदर थाना क्षेत्र में घेराबंदी कर इनामी अभियुक्त नारायण लाल जाट (33) निवासी बडलियास जिला भीलवाड़ा को दबोच लिया।
उसे आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए नागौर पुलिस को सौंपा जा रहा है। प्रारंभिक पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी झारखंड से भारी मात्रा में डोडा पोस्त की तस्करी कर नागौर जिले और आसपास के क्षेत्र में सप्लाई किया करता था। फिलहाल पुलिस की टीम आरोपी से गहनता से पूछताछ कर इनके नेटवर्क और अन्य अपराधों के बारे में खंगाल रही है।
करोड़ों के डोडा पोस्त तस्करी का मास्टरमाइंड
नारायण लाल जाट नागौर पुलिस द्वारा दर्ज तीन करोड़ रुपये से अधिक कीमत के अफीम डोडा पोस्त जब्ती के दो बड़े मामलों में वांछित था।
5 जुलाई 2024 का मामला
नागौर पुलिस ने गोगेलाव में लगभग 1.6 टन (1655.200 किलोग्राम) अवैध डोडा पोस्त से लदा एक ट्रक जब्त किया था। इस मामले में ट्रक चालक राजू पुत्र पप्पू मंसूरी को गिरफ्तार किया गया था, जिसकी पूछताछ में नारायण लाल का नाम सामने आया।
9 नवंबर 2024 का मामला
खाटू बड़ी थाना पुलिस ने डारोली चौराहा पर 367 किलोग्राम 470 ग्राम अवैध डोडा पोस्त जब्त किया था, जो एक इनोवा क्रिस्टा वाहन में ले जाया जा रहा था। इस मामले में गिरफ्तार अभियुक्तों लालाराम और श्यामलाल ने खुलासा किया था कि उन्होंने यह डोडा पोस्त नारायण लाल से खरीदा था।
एजीटीएफ टीम को मिली शाबाशी
एडीजीपी दिनेश एम.एन. ने इस शानदार सफलता के लिए इंस्पेक्टर राम सिंह और उनकी पूरी एजीटीएफ टीम की प्रशंसा की। उन्होंने कांस्टेबल गोपाल धाबाई और विजय सिंह की विशेष भूमिका और सदस्य एसआई प्रताप सिंह, एएसआई बनवारी लाल शर्मा, हेड कांस्टेबल महेश सोमरा, महावीर सिंह शेखावत, हेमंत शर्मा, कांस्टेबल जितेंद्र कुमार, गंगाराम और चालक दिनेश शर्मा की सराहना की।
यह गिरफ्तारी राजस्थान में मादक पदार्थ तस्करी के नेटवर्क पर एक और बड़ा प्रहार है, जो एजीटीएफ की संगठित अपराधों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति को दर्शाता है।