
जयपुर। स्वतंत्रता दिवस 2025 के अवसर पर राजस्थान कारागार विभाग के लिए गौरव का क्षण रहा, जब विभाग के चार अधिकारियों को उत्कृष्ट सुधारात्मक सेवाओं के लिए भारत सरकार के गृह मंत्रालय द्वारा राष्ट्रपति पदक प्रदान किए जाने की घोषणा हुई।
महानिदेशक कारागार, गोविंद गुप्ता ने बताया कि पदक विजेताओं में सर्वप्रथम रमाकांत शर्मा, उपाधीक्षक मुख्यालय कारागार (वर्तमान में उपमहानिरीक्षक मुख्यालय कारागार) को उनके उत्कृष्ट सेवाओं के लिए राष्ट्रपति पदक से नवाजा गया है। इनके अलावा तीन अन्य अधिकारियों योगेश तेजा, उपाधीक्षक (वर्तमान अधीक्षक, जिला कारागृह हनुमानगढ़), श्री सुगर सिंह गुर्जर, उप कारापाल जिला कारागृह जयपुर, एवं लोकोज्ज्वल सिंह, उप कारापाल जिला कारागृह टोंक—को भी राष्ट्रपति पदक से सम्मानित किया गया है।
गौरतलब है कि रमाकांत शर्मा वर्ष 2018 में भी राष्ट्रपति पदक प्राप्त कर चुके हैं। इस तरह वे विभाग के ऐसे दूसरे अधिकारी बन गए हैं, जिन्होंने दो बार यह सम्मान हासिल किया है। इससे पहले वर्ष 2006 में श्री राजेन्द्र सिंह, उपाधीक्षक, को यह उपलब्धि मिली थी।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर कारागार मुख्यालय में भव्य परेड एवं समारोह आयोजित किया गया। महानिदेशक कारागार गोविन्द गुप्ता ने पदक विजेताओं को बधाई दी और विभाग के अन्य कार्मिकों को प्रेरित किया कि वे भी अपनी सेवाओं से विभाग का मान बढ़ाएं।
इस अवसर पर चार अधिकारियों—रामसुख जाटोलिया (वित्तीय सलाहकार), दिनेश मीणा (अति. पुलिस अधीक्षक मुख्यालय कारागार जयपुर), विनोद टेलर (वरिष्ठ लेखाधिकारी), एवं पियुष कुमार अग्रवाल (उप निदेशक उद्योग)—को प्रशंसा पत्र प्रदान किया गया।
साथ ही, उत्कृष्ट कार्य के लिए 22 अन्य अधिकारियों/कार्मिकों को “अति उत्तम सेवा चिन्ह” एवं “उत्तम सेवा चिन्ह” भी दिए गए।
अति उत्तम सेवा चिन्ह प्राप्त करने वालों में लोकोज्ज्वल सिंह, अमर चन्द्र शर्मा, नरेन्द्र कुमार बैवा, सुरेन्द्र सिंह, योगेन्द्र सिंह और नरेन्द्र कुमार शामिल हैं।
उत्तम सेवा चिन्ह पाने वालों में सुगर सिंह गुर्जर, करतार सिंह, रामलाल, महेंद्र यादव, अजीत सिंह, शक्ति सिंह, प्रेम सिंह, शंकर सिंह, हरीराम, तेज प्रकाश, रामलाल यादव, सरेन्द्र यादव, रामकुमार, बनवारी लाल और श्रीमती मीना कंवर (महिला प्रहरी) शामिल हैं।
यह गौरवशाली अवसर न केवल सम्मानित अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए, बल्कि पूरे राजस्थान कारागार विभाग के लिए उपलब्धि का क्षण है।