जयपुर। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के निर्देशानुसार प्रदेश में बेहतर कानून-व्यवस्था, जनसुरक्षा और प्रभावी पुलिसिंग सुनिश्चित करने की दिशा में टीम राजस्थान पुलिस प्रतिबद्ध है और इसी श्रृंखला में पुलिस अधिकारियों की रेंज स्तरीय समीक्षा बैठकों का सिलसिला शुरू किया है।
पुलिसिंग पर प्रभावी पर्यवेक्षण की दृष्टि से पुलिस महानिदेशक राजीव कुमार शर्मा ने आज भरतपुर रेंज की समीक्षा बैठक ली। इस बैठक में उन्होंने क्षेत्र में कानून व्यवस्था, संगठित अपराध, साइबर क्राइम, अवैध खनन और लंबित आपराधिक प्रकरणों की विस्तृत समीक्षा की और महत्वपूर्ण निर्देश दिए।
शर्मा ने कहा कि संगठित अपराधों की रोकथाम के लिए पुलिस के स्तर पर स्वस्फूर्त ठोस उठाये जाय व कानून-व्यवस्था को मजबूत बनाएं। उन्होंने कहा कि प्रभावी पुलिसिंग ही बेहतर कानून-व्यवस्था की कुंजी है। अपराध नियंत्रण और जनता की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। इस लिहाज से पुलिस की कार्यप्रणाली पारदर्शी और जवाबदेह होनी चाहिए।
बैठक में जिलेवार अपराध स्थिति, महिला सुरक्षा, साइबर क्राइम, गश्त व्यवस्था, थानों की कार्यप्रणाली, लंबित प्रकरणों के निस्तारण और जनता से पुलिस की संवेदनशीलता जैसे मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की गई। डीजीपी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि अपराध पर कड़ी निगरानी रखी जाए। अपराधियों पर त्वरित और प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाए तथा सरकार की मंशाओं के अनुरूप जनता के प्रति संवेदनशील और पारदर्शी व्यवहार अपनाया जाए। लंबित मामलों के शीघ्र निस्तारण के साथ गंभीर मामलों में जांच की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने की बात कही।
समीक्षा के दौरान पाया गया कि कुछ अधिकारियों ने अपने कार्यों के प्रति उदासीनता दिखाई है, जिससे उनके पर्यवेक्षण कार्य पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा। अतः रामकुमार कसवां, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सवाई माधोपुर एवं अखलेश कुमार शर्मा, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीग को परामर्श ज्ञापन (एडवाइजरी मेमो) जारी किया जा रहा है तथा गिरधर सिंह, वृताधिकारी हिंडौन एवं संतराम मीना, वृताधिकारी गंगापुर सिटी को तत्काल प्रभाव से पदस्थापन आदेशों की प्रतीक्षा में (एपीओ ) किया गया है।
ट्रैफिक एवं नाकाबंदी व्यवस्था पर जोर
डीजीपी शर्मा ने कहा कि जन सुरक्षा की दृष्टि से सभी थाना क्षेत्रों में कड़ी नाकाबंदी की जाए और ट्रैफिक व्यवस्था को सुव्यवस्थित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं। क्षेत्र में सड़क हादसों की समीक्षा करते हुए उन्होंने निर्देश दिया कि संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित कर ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए जाएं और इन स्थानों पर ऐसी व्यवस्थाएं विकसित की जाए, जिससे भविष्य में दोबारा दुर्घटना न हो।
नए आपराधिक कानूनों के क्रियान्वयन की समीक्षा
बैठक में गत वर्ष लागू हुए नए आपराधिक कानूनों के विभिन्न पैरामीटर पर क्षेत्र में सही ढंग से क्रियान्वयन की समीक्षा भी की। उन्होंने कहा कि सभी अधिकारी इन नए प्रावधानों का गहन अध्ययन कर इन्हें पूरी तत्परता और पारदर्शिता के साथ लागू करें, ताकि कानून-व्यवस्था और न्याय प्रक्रिया और अधिक प्रभावी बन सके।
बैठक में वरिष्ठ अधिकारी रहे मौजूद
इस मौके पर पुलिस महानिरीक्षक भरतपुर कैलाश विश्नोई सहित भरतपुर, धौलपुर, करौली और सवाई माधोपुर जिलों के पुलिस अधीक्षक, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक डीग, एवं समस्त जिलों से प्रत्येक वृत के प्रतिनिधि तौर पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, वृताधिकारी और थाना प्रभारी मौजूद रहे।