जयपुर। ठाकुर श्रीजी की प्रियाजु राधा किशोरी जी का जन्मोत्सव रविवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी की भांति राधा अष्टमी के रूप में गोविंद देवजी मंदिर में भक्ति भाव और धूमधाम से सम्पन्न हुआ। सुबह बंगाली महिला मंडल की ओर से प्रारंभ हुआ चौबीस घंटे का अष्टप्रहर नाम संकीर्तन संपन्न हुआ।
सुबह 8 से 10 बजे तक निशुल्क पंचकुंडीय राधा गायत्री महायज्ञ का आयोजन हुआ, जिसमें राधा गायत्री मंत्रों के साथ सैकड़ों श्रद्धालुओं ने आहुतियां प्रदान कीं। यज्ञ का संचालन गायत्री शक्तिपीठ ब्रह्मपुरी के विद्वानों की टोली ने किया।
मंदिर सेवाधिकारी मानस गोस्वामी ने बताया कि मंगला झांकी के बाद मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में राधाजी का 121 किलो पंचामृत, सर्वोषधि और केसर जल से अभिषेक हुआ। इसमें 80 किलो दूध, 30 किलो दही, 2 किलो बूरा, 1 किलो शहद, 1 किलो घी और शेष केसर जल का उपयोग किया गया। लगभग 45 मिनट तक अभिषेक क्रम चला।
धूप झांकी में छप्पन भोग की झांकी सजाई गई तथा अधिवास पूजन हुआ। श्रृंगार झांकी में जन्मोत्सव पूजन के साथ खीरसा, रबड़ी कुल्हड़, सागारी लड्डे, पंजीरी लड्डू का भोग अर्पित किया गया। मंदिर और भक्तों की ओर से फल, खिलौने, टॉफी, चॉकलेट की 51 टोकरियां भक्तों में लुटाई गईं।

रिमझिम बारिश के बीच हजारों की संख्या में श्रद्धालु उमड़े और राजभोग झांकी में कीर्तन करते हुए मंदिर में भ्रमण करते नजर आए। इस अवसर पर रंगारंग आतिशबाजी भी हुई। मंदिर परिसर में महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सान्निध्य में रक्तदान शिविर का आयोजन भी किया गया। श्रद्धालु ने बढ़ चढ़कर रक्तदान किया। शाम को श्रृंगार झांकी में राधा रानी ठाकुरजी संग फूलों के गोविंद महल में विराजमान होकर दर्शन दिए। महिला मंडल ने बधाइगान और उछाल किया।
सरस निकुंज में गूंजी बधाइयां
सुभाष चौक पानों का दरीबा स्थित श्री शुक संप्रदाय की प्रधान पीठ श्री सरस निकुंज में रविवार को राधाष्टमी पर्व श्रद्धा और उत्साह से सम्पन्न हुआ। शुक संप्रदाय पीठाधीश्वर अलबेली माधुरी शरण महाराज के सान्निध्य में विविध आयोजन हुए। प्रवक्ता प्रवीण बड़े भैया ने बताया कि सुबह वेदोक्त मंत्रोच्चार के साथ किशोरीजी का अभिषेक किया गया। शाम को श्री शुक संप्रदाय के आचार्यों की वाणीजी में संकलित विशेष पदों का गायन हुआ। वैष्णव परिकर सखी का स्वरूप धारण कर किशोरीजी को रिझाते रहे। बधाई पर उछाल लूटने और लुटाने का सिलसिला जारी रहा। आचार्य जयंती महोत्सव के छठी महोत्सव के मौके पर सभी वैष्णव जनों की गोद भराई की गई। इसी के साथ महोत्सव का विश्राम हुआ।
श्री सीता राम जी मंदिर में राधा जन्म उत्सव मनाया
हर वर्ष की भाती इस वर्ष भी राधा जन्म उत्सव पर श्री मन नारायण संकीर्तन ने 200 वर्षों पुराने मंदिर श्री सीता राम जी मंदिर अजमेरी गेट एम आई रोड जयपुर में मनाया गया श्री सीता राम जी का मन मोहक श्रगार कर फूल बंगला झांकी सजाई। देवकी नारायण सर्राफ ने मंदिर महंत ओमप्रकाश, चंद्रप्रकाश और विजय पालीवाल सभी का शॉल पहनाकर स्वागत किया भजन गायको मनमोहक भजनों की आकर्षक हाजरी लगाई। इस मौके पर बधाई गान टॉफी खिलौने कपड़े सूखे मेवे की जमकर उछाल हुई ।
लाड़लीजी मंदिर में राधाजी के चरण दर्शन के साथ राधाष्टमी महोत्सव सम्पन्न
रामगंज बाजार स्थित लाड़लीजी मंदिर में राधाष्टमी महोत्सव रविवार को हर्षोल्लास और भक्तिभाव से सम्पन्न हुआ। आयोजन ललित संप्रदायाचार्य मंहत संजय गोस्वामी के सान्निध्य में हुआ। सुबह अरुणोदय की बेला पर श्री राधाजी का जन्माभिषेक सम्पन्न हुआ। इसके बाद पंचामृत प्रसाद वितरण हुआ। धूप आरती में राधाजी के चरण दर्शन हुए, जो केवल राधाष्टमी पर ही होते हैं। इसके उपरांत श्रृंगार आरती और पालना दर्शन हुए।
अपराह्न 3 से शाम 6 बजे तक पालना दर्शन, हेरी समाज, ग्वारिया समाज व दधिकांदो उत्सव का आयोजन हुआ। इस दौरान फल, वस्त्र, खिलौने और टॉफी की उछाल की गई। शाम 7 से रात 11 बजे तक पालना झांकी, बधाइयां और भक्ति संगीत का कार्यक्रम आयोजित हुआ। राधाजी को हल्का गर्म दूध, केसर, पिस्ता, बादाम युक्त मक्खन, रबड़ी, खीरसा, गुलाब सकरी, मिश्री मावा, बर्फी और लड्डू सहित विभिन्न व्यंजनों का भोग अर्पित किया गया।
गुप्त वृन्दावन धाम में हुआ राधा रानी का प्राकट्य: राधारानी के जयकारों से गूंजा मंदिर प्रागंण
जगतपुरा स्थित श्री श्री कृष्ण बलराम मंदिर के गुप्त वृंदावन धाम में रविवार को राधा रानी का प्राकट्य महोत्सव भक्तिभाव के साथ मनाया गया। पंचांग के अनुसार श्री कृष्ण जन्माष्टमी के पंद्रह दिन बाद राधाष्टमी आती है, यह वो दिन है जब राधा रानी का आविर्भाव हुआ था और यह कहा जाता है की उस दिन रविवार था। संयोग की बात है की रविवार 31 अगस्त को राधाष्टमी के दिन भी रविवार है। गुप्त वृंदावन धाम राधा अष्टमी पर राधा रानी के जयकारों से गूंजायमान हो गया।
राधाष्टमी के पावन पर्व पर राधारमण का दूध, दही, घी, शहद और पुष्पों से महाअभिषेक किया गया। जिसके पश्चात उन्हें 56 भोग अर्पित कर महा आरती की गई। इस अवसर पर भक्तों ने संकीर्तन और जयघोष के साथ वातावरण को गुंजायमान कर दिया। राधा रानी के स्वागत के लिए पूरे गुप्त वृन्दावन धाम को पुष्पों और दीपों से सजाया गया।

गुप्त वृन्दावन धाम के अध्यक्ष अमितासना दास ने राधाष्टमी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया की यह पर्व जन्माष्टमी के पंद्रह दिन बाद, भाद्रपद के शुक्ल पक्ष की अष्टमी को मनाया जाता है। राधा रानी गोपियों में प्रमुख हैं और भगवान् कृष्ण की सबसे बड़ी भक्त हैं। भक्तो को भगवान कृष्ण की भक्ति में अग्रसर होने के लिए राधा रानी का आशीर्वाद चाहिए होता है।
राधाअष्टमी पर श्री श्याम भजन संध्या का आयोजन
प्रताप नगर स्थित शहनाई गार्डन में राधाअष्टमी के पावन पर्व पर सांभरिया परिवार की श्री श्याम संकीर्तन के साथ झूला एवं नंद महोत्सव का शानदार आयोजन किया गया । कार्यक्रम में श्री श्याम मित्र मंडल चाकसू की 31वीं पदयात्रा का स्वागत किया गया। श्री श्याम भजन संकीर्तन में बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए और भजनों की मधुर धुन में धार्मिक आस्था में डूब गए।
जयपुर के प्रसिद्ध भजन कलाकार ऋतु पांडे, सागर शर्मा और ऋषभ मित्तल ने भजनों की प्रस्तुति दी। भजन कलाकारों ने अपनी मधुर वाणी से पूरा वातावरण भक्तिमय बना दिया। इस अवसर पर श्रद्धालुओं को श्री गोविंद नारायण गुरुजी का सानिध्य भी प्राप्त हुआ।
श्री श्याम संकीर्तन में महिला मंडल के तत्वावधान में श्रद्धालु महिलाओं को मिठाई, खिलौने, खीर और चूरमा का वितरण किया गया। इस अवसर पर श्री श्याम मित्र मंडल की ओर से विशाल शोभायात्रा का आयोजन भी किया गया। इस कार्यक्रम में गौरीशंकर सांभरिया, राधेश्याम सांभरिया, अवधेश माथुर, प्रहलाद लाभी, ओमप्रकाश घीया, विक्रम अग्रवाल, अभिषेक गुप्ता, अखिल गुप्ता, राहुल गुप्ता, मोहित टेलर और जय टेलर सहित कई गणमान्य लोग उपस्थित हुए।
श्री श्री गिरिधारी दाऊजी मंदिर में धूमधाम से मनाया गया राधारानी पाकट्य उत्सव
मानसरोवर, पत्रकार कॉलोनी स्थित श्री श्री गिरिधारी दाऊजी मंदिर, इस्कॉन जयपुर में राधारानी का प्राकट्य उत्सव गत वर्ष की भांति इस वर्ष भी भक्तिभाव से मनाया गया। जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्तगणों ने श्री राधारानी के समक्ष अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। राधा अष्टमी पर मंदिर प्रागंण को अलौकिक रुप से सजाया गया।
मंदिर अध्यक्ष पंचरत्न दास ने बताया कि इस अवसर पर श्री श्री राधा मदनमोहन जी, श्री श्री गिरिधारी दाऊजी एवं श्री श्री गौर निताई जी को हांगकांग और मलेशिया से विशेष रूप से मंगवाए गए रेशम व सोने के धागे, कुंदन, मीना तथा बहुमूल्य रत्नों से सुसज्जित नूतन पोशाक धारण कराई गई। स्विट्जरलैंड, फ्रांस और लंदन के रोज गार्डन से मनमोहक व आकर्षक पुष्पों से उनका श्रृंगार किया गया, और बैकग्राउंड में लखनऊ से बनवाए गए हस्तनिर्मित पर्दे लगाए गए।
प्रातःकाल से ही मंदिर परिसर में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। सभी श्रद्धालुओं ने श्री राधा मदनमोहन के दिव्य स्वरूप के दर्शन कर कृतार्थ हुए। कार्यक्रम की शुरुआत श्री श्री राधा मदनमोहन जी के विशेष अभिषेक से हुई, जिसमें मंदिर के पुजारियों, भक्तजनों एवं 5 हजार से भी अधिक श्रद्धालुओं ने 251 किलो पंचामृत, पुष्पों एवं विभिन्न फलों के रस से अभिषेक संपन्न किया गया। इस अवसर पर मंदिर प्रागंण राधारानी के जयकारों से गूंजायमान हो उठा।

108 प्रकार के भोग अर्पित कर किया श्री राधा कृपा कटाक्ष स्त्रोंत तथा हरिनाम संकीर्तन का आयोजन
इस शुभ अवसर पर भगवान श्री राधा मदनमोहन जी को श्रद्धापूर्वक 108 प्रकार के भोग अर्पित किए गए, जो श्रद्धालुओं एवं सेवकों ने विशेष रूप से तैयार किए गए थे। भक्तों ने राधारानी के गौरव का गायन करते हुए राधा भजनों, श्री राधा कृपा कटाक्ष स्तोत्र तथा हरिनाम संकीर्तन का आयोजन किया। मंदिर के वरिष्ठ भक्त ऋषभदेव दास ने राधारानी की दिव्य लीलाओं का भावपूर्ण वर्णन किया। उन्होंने बताया कि राधा और कृष्ण एक ही दिव्य सत्ता हैं। जब श्रीकृष्ण अपने प्रेम को अनुभव करना चाहते हैं, तो वे स्वयं राधा के रूप में प्रकट होते हैं।
राधारानी भगवान श्रीकृष्ण की अन्तरंगा शक्ति हैं, वह शक्ति जो भगवान को आनंद देती है। उनका प्रत्येक भाव, प्रत्येक सेवा, प्रत्येक दृष्टि केवल श्रीकृष्ण के सुख के लिए होती है। राधारानी को “भक्तों की अधिष्ठात्री देवी” माना जाता है, क्योंकि: भक्ति राधा हैं और राधा ही भक्ति हैं। श्रीकृष्ण को पाना कठिन है, लेकिन राधारानी को पाना सरल है — और जो राधारानी को प्रसन्न कर ले, उसके लिए कृष्ण सुलभ हो जाते हैं। इसके उपरांत श्री श्री राधा मदनमोहन जी की विशेष महाआरती सम्पन्न हुई और सभी श्रद्धालुओं को विशेष रूप से तैयार किए गए पारंपरिक वैष्णव व्यंजनों एवं पंचामृत की महा प्रसादी वितरित की गई।

राधा अष्टमी पर खंडेलवाल समाज के लोगों ने खण्डेला धाम में किए दर्शन
राधारानी के जन्मोत्सव के उपलक्ष में रविवार को खंडेलवाल समाज के लोग खण्डेला धाम पहुंचे। इस मौके पर सभी ने परिवार सहित जयपुर से तड़के कुलदेवी माताजी के जयकारे लगाते हुए भजन कीर्तन करते हुए रवानगी ली। यात्रा में शामिल समाज के चंद्र महेश झालानी और गोवर्धन बढ़ाया ने बताया कि यह खंडेला धाम की यात्रा खंडेलवाल वैश्य समाज समिति जनता सेठी, साकेत कॉलोनी के तत्वावधान में आयोजित की गई। इसमें सैकड़ों यात्री शकम्भरी माता और खंडेला धाम की यात्रा में शामिल हुए।
इस मौके पर खंडेलवाल वैश्य समाज की कुलदेवीयों के खंडेला धाम के लिए समाज के सैकड़ों लोग बसों वह अन्य साधनों से रवाना हुए। समाज के लोगों ने यहां पर पहले शाकाम्भरी माता जी मंदिर पहुंच कर पूजा आरती की। उसके उपरांत खंडेला धाम पहुंच कर अपनी- अपनी कुलदेवीयो की पूजा-आरती की। इस अवसर पर समाज के अध्यक्ष हरिनारायण कूलवाल, महामंत्री अनिल सर्राफ, महेश ठाकुरिया, समाज सेवी चंद्र महेश झालानी, गोरधन बड़ाया, विपुल लाभी सहित कई गणमान्य लोग इस धार्मिक यात्रा में शामिल रहे। सभी ने देवियों की विधिवत पूजा-अर्चना की और प्रसादी ग्रहण करने के बाद देर शाम सभी ने माताजी से सुख- समृद्धि की कामना करते हुए रवानगी ली।