जयपुर। राजस्थान पुलिस 21 अक्टूबर को राज्यव्यापी स्तर पर पुलिस शहीद दिवस का भव्य आयोजन करेगी। यह समारोह 1 सितंबर 2024 से 31 अगस्त 2025 की समयावधि में कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान देने वाले वीर पुलिसकर्मियों के प्रति सम्मान और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए आयोजित किया जाएगा। मुख्य समारोह जयपुर में राजस्थान पुलिस अकादमी स्थित शहीद स्मारक पर प्रातः 8 बजे आयोजित होगा। जिसके साथ ही सभी जिला मुख्यालयों पर भी कार्यक्रम होंगे।
जयपुर में मुख्य आयोजन की रूपरेखा
अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक प्रशासन कानून एवं व्यवस्था विशाल बंसल ने बताया कि जयपुर में शहीद दिवस के मुख्य समारोह में महानिदेशक पुलिस राजीव कुमार शर्मा सलामी लेंगे और शहीद पुलिसकर्मियों को गार्ड ऑफ ऑनर दिया जाएगा। सलामी के बाद उनके संक्षिप्त उद्बोधन के उपरांत ड्यूटी पर शहीद हुए जांबाज पुलिसकर्मियों के नामों का वाचन किया जाएगा।
मुख्य आकर्षण
गार्ड ऑफ ऑनर : आयुक्तालय जयपुर, चतुर्थ बटा. आरएसी और पाँचवीं बटालियन आरएसी की एक-एक प्लाटून द्वारा दिया जाएगा।
अधिकारियों की उपस्थिति : जयपुर स्थित भारतीय पुलिस सेवा और राजस्थान पुलिस सेवा के सभी अधिकारी समारोह में आवश्यक रूप से भाग लेंगे।
विशेष अतिथि
महानिदेशक रैंक से सेवानिवृत्त एक अधिकारी और जयपुर स्थित एक सेवानिवृत्त अराजपत्रित पुलिस अधिकारी को आमंत्रित किया जाएगा।
राज्यव्यापी गतिविधियां:
शौर्य से सेवा का संकल्प
जयपुर के अतिरिक्त राज्य के सभी जिला मुख्यालयों पर स्थित पुलिस लाइन या शहीद स्मारक पर भी समारोह आयोजित किए जाएंगे। इन कार्यक्रमों में रेंज मुख्यालयों पर महानिरीक्षक—उप महानिरीक्षक पुलिस और अन्य जिलों में पुलिस अधीक्षक द्वारा सलामी ली जाएगी।
श्रद्धांजलि और सामाजिक कार्य
शहीद परिजनों का सम्मान :
संबंधित जिलों में शहीद हुए पुलिसकर्मियों के परिवारजनों को विशेष रूप से आमंत्रित किया जाएगा। परिजनों को उनके निवास से कार्यक्रम स्थल तक लाने-ले जाने की व्यवस्था संबंधित पुलिस अधीक्षक सुनिश्चित करेंगे।
रक्तदान और सफाई :
श्रद्धांजलि समारोह के उपरांत आरपीए और सभी जिला पुलिस लाइनों में स्वैच्छिक रक्तदान शिविर एवं सभी पुलिस कार्यालयों में सफाई अभियान आयोजित किया जाएगा।
अमर शहीद वृक्षारोपण :
शहीद पुलिसकर्मियों की स्मृति में वृक्षारोपण कार्यक्रम किया जाएगा। यदि किसी जिले का पुलिसकर्मी शहीद हुआ है तो पौधा उसके निकट परिजन से लगाया जाएगा और पौधे पर अमर शहीद के नाम की तख्ती लगाकर उसके स्थाई रखरखाव की जिम्मेदारी ली जाएगी।