जयपुर। राजस्थान में सड़क सुरक्षा और गुणवत्ता को लेकर चल रहा “सुरक्षित सड़क मार्ग (सुसमा) अभियान” देश का सबसे बड़ा युवा नेतृत्वित अभियान बन गया है। 11 अगस्त से शुरू हुआ यह अभियान 15 सितंबर तक चलेगा। इसमें 19 जिलों के करीब ढाई लाख विद्यार्थियों को प्रशिक्षण दिया गया है, जो अब सड़क सुरक्षा एंबेसडर बनकर सड़कें जांचेंगे, यातायात नियमों की निगरानी करेंगे और समाज में जागरूकता फैलाएंगे। अभियान में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों और कॉलेज विद्यार्थीयों की सक्रिय भागीदारी है।
इसी अवसर पर इंडिया एवं एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स ने घोषणा की कि लोक निर्माण विभाग, जयपुर को “सबसे बड़ा युवा नेतृत्वित सड़क सुरक्षा अभियान एवं सुरक्षित सड़क कॉरिडोर विकास” के लिए रिकॉर्ड दर्ज किया गया है।
मुख्य अतिथि रहीं उपमुख्यमंत्री
महारानी कॉलेज, जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुईं उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी ने कहा कि राज्य में बनने वाली हर नई सड़क की गुणवत्ता और मानकों पर सख्त जांच होगी। यदि कहीं निर्माण में कमी पाई जाती है तो आमजन टोल-फ्री नंबर पर शिकायत दर्ज करा सकेंगे। शिकायत मिलने पर पीडब्ल्यूडी की क्वालिटी कंट्रोल टीम मौके पर जाकर जांच करेगी और दोष मिलने पर तुरंत कार्रवाई करेगी।
उन्होंने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल सरकार या प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उनके सोचने-जीने के तरीके में सड़क सुरक्षा और गुणवत्ता की चेतना शामिल होगी तो भविष्य में गड्ढे, दुर्घटनाएं और अव्यवस्था जैसी समस्याएं कम होंगी।
दिया कुमारी ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सप्ताह में दो दिन फील्ड विज़िट कर सड़कों का निरीक्षण करें। उन्होंने कहा, “मैं स्वयं भी निरीक्षणों में शामिल रहूंगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि निर्माण में मानक और गुणवत्ता का पूरा पालन हो रहा है।”